बरसात में भूलकर ना खाएं ये सब्जियां, सड़ जाएगी आंत, इस सब्जी से दूर भगाएं पेट की चर्बी, इस मसाले कंट्रोल करें डायबिटीज

बरसात शुरू होते ही सब्जियों के दाम आसमान छूने लगते हैं। देश के कई राज्यों में अकेला टमाटर ही 200 रुपये से लेकर 250 रुपये प्रति किलो के हिसाब से बिक रहा है। वहीं, लगातार बारिश के चलते खेतों में काम कम होता है। सब्जियों का तुड़ान नहीं होने से इसकी कीमतों में भी इजाफा हो जाता है। आप महंगी सब्जी लेकर तो खा रहे हैं, लेकिन क्या आपको पता है कि बरसात के दौरान कौन की सब्जियों का सेवन फायदेमंद है। क्योंकि कई सब्जियां ऐसी हैं, जो बरसात में बीमारियों की जनक होती हैं। इसका सीधा असर आपकी आंत में पड़ता है। आंत में ना दिखने वाले छोटे छोटे कीड़े फैल जाते हैं। साथ ही ऐसी सब्जियों के सेवन से बैक्टीरिया और फंगस पनपने लगते हैं। ये बैक्टीरिया और फंगस कुछ सब्जियों को संक्रमित कर देते हैं, जिन्हें खाने से आंतों पर असर पड़ता है। ये बैक्टीरिया कच्ची सब्जियों से जब पेट में घुसते हैं तो आंत में सूजन पैदा करने लगते हैं। कुछ सब्जियों में नमी बढ़ने की वजह से कई तरह के केमिकल पैदा होने लगते हैं, जो पेट और आंतों के लिए खतरनाक हैं। इससे आपको अपच, दस्त और पेट में इन्फेक्शन का खतरा हो सकता है। हम यहां आपको इसकी जानकारी देने के साथ ही उन सब्जियों के बारे में बताएंगे जो आप खा सकते हो और उसके फायदे भी मिलेंगे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
शिमला मिर्च
इसमें कोई शक नहीं है कि शिमला स्वादिष्ट और विटामिन, मिनरल्स और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर सब्जी है। यह मानसून में दिक्कत दे सकती है। इनमें ग्लूकोसाइनोलेट्स नामक रसायन होते हैं जो काटने या चबाने पर आइसोथियोसाइनेट्स में टूट जाते हैं। कच्चा या पकाकर खाने पर ये रसायन मतली, उल्टी, दस्त और सांस लेने में समस्या पैदा कर सकती है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
हरी पत्तीदार सब्जियां
जितनी भी हरी पत्तीदार सब्जियां हैं, बारिश के मौसम में इनमें बैक्टीरिया और फंगस के पनपने का मौका ज्यादा मिलता है। इनमें पालक, सेम, कैबेज, लेट्यूज आदि सब्जियां ऐसी हैं, जिनमें कीड़े और बेक्टीरिया ज्यादा लगते हैं। ये ह्यूमिड टेंपरेचर में इन सब्जियों के पत्तों में छुप जाते हैं। अगर इन सब्जियों से बैक्टीरिया आंत में घुस जाए तो कई तरह की बीमारियां सामने आती हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
फूलगोभी
बारिश के मौसम में तो फूलगोभी में बड़े-बड़े कीड़े लगे रहते हैं। फूलगोभी, ब्रोकली, ब्रुसेल्स, स्प्रॉउट आदि क्रुसीफेरस सब्जियां हैं। वैसे तो ये सब्जियां पोषक तत्व से भरी होती है, लेकिन बारिश के मौसम में इनमें बैक्टीरिया का खजाना छिपा होता है। इसलिए यदि बारिश के मौसम में इन सब्जियों का इस्तेमाल करते हैं तो एकदम संभल कर करना चाहिए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
स्प्रॉउट
स्प्रॉउट प्रोटीन का खजाना है. लेकिन बारिश के मौसम में इसका इस्तेमाल बेहद सतर्कता से करना चाहिए। क्योंकि इस मौसम में इनमें सेलमोनेला, ई. कोलाई बैक्टीरिया बहुत तेजी से खुद को विकसित कर लेते हैं। इसलिए बारिश में स्प्रॉउट से दूर ही रहना चाहिए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
मशरूम
बारिश के मौसम में मशरूम का भी सेवन नहीं करना चाहिए। बारिश के मौस में मशरूम में मॉल्ड और फंगस के विकसित होने का खतरा ज्यादा रहता है। इन फंगस और मॉल्ड से संक्रमित मशरूम को खाने से पेट खराब होने की समस्या होती है और इम्यूनिटी भी कमजोर हो जाती है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
बैंगन खाने से बचें
बैंगन का बैंगनी रंग बल्ब एल्कलॉइड्स नामक रसायनों के एक वर्ग से बना होता है। बारिश के दिनों इस तरह की फसल कीड़े और अन्य कीटों से बचाव के लिए इस जहरीले यौगिक का उत्पादन करती हैं। बारिश के मौसम में जब कीटों का प्रकोप सबसे अधिक होता है तो बैंगन का सेवन कम से कम करें। एल्कलॉइड से एलर्जी रिएक्शन, पित्ती, त्वचा में खुजली, मतली और त्वचा पर चकत्ते हो सकते हैं। बैंगन में कई तरह के केमिकल्स जैसे अल्कालोइड्स होते हैं जो मॉनसून में एलर्जिक रिएक्शन का कारण बनते हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
मानसून में खाएं ये सब्जियां
बरसात के मौसम में जिन सब्जियों को खाना अच्छा रहता है उनमें करेला शामिल है। करेले कई तरह के पैरासाइट्स और जीवाणुओं को दूर करते हैं, जिनसे आंतों को नुकसान नहीं होता है। इसके अलावा करेले खाने पर पाचन बेहतर होने में मदद मिलती है। मानसून के दौरान जिन सब्जियों का सेवन करना चाहिए उनमें लौकी, मूली, खीरा, तोरी, लहसुन, टमाटर, भिंडी आदि शामिल हैं। परवल की सब्जी भी इस मौसम के लिए अच्छी है। यह एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों से भरपूर होती है और इसमें माइक्रोबियल गुण भी होते हैं। मूली (Radish) पेट को स्वस्थ रखने के लिए इस मौसम में खाई जा सकती है। यह सर्दी और जुकाम को दूर रखने में भी सहायक है। चुकुंदर का सेवन भी मॉनसून में किया जा सकता है. यह हार्मफुल बैक्टीरिया को शरीर से दूर रखता है और गुड सेल्स को प्रोटेक्ट करता है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
रूट बेजिटेबल खाने में रखें ये ध्यान
गाजर, मूली, चुकंदर आदि रूट बेजिटेबल के उदाहरण हैं, लेकिन बारिश के मौसम में इन सब्जियों का सेवन भी कई बार नुकसान दे सकता है। ज्यादा मॉइश्चर होने के कारण ये सब्जियां ज्यादा पानी सोख लेती हैं, जिससे इसमें बैक्टीरिया पनपने की आशंका ज्यादा रहती है। इसलिए इन सब्जियों को बरसात में अच्छी तरह धोकर ही खाना चाहिए। यदि सब्जियां अच्छी तरह से धोने के बाद पानी सूखा लिया जाए तो खतरा कम हो जाता है।
नोट: यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है। यह किसी भी तरह से किसी दवा या इलाज का विकल्प नहीं हो सकता। ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से संपर्क करें। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
पेट की चर्बी घटाती है ये सब्जी
घीये का सेवन सेहत के लिए बेहद अच्छा होता है और इससे शरीर को कई पोषक तत्व भी मिलते हैं। घीये (Bottle Gourd) में कैलोरी बेहद कम होती है। अगर आप 100 ग्राम तक घीया खाते हैं तो इससे शरीर को केवल 15 कैलोरी मिलती है। वजन घटाने में घीया बहुत उपयोगी है। घीये में सैचुरेटेड फैट्स होते हैं और इसमें अत्यधिक वॉटर कंटेंट होता है। घीया खाने पर शरीर को विटामिन सी, विटामिन बी, विटामिन के, विटामिन ए और विटामिन ई के साथ-साथ फोलेट, मैग्नीशियम और पौटेशियम के गुण भी मिलते हैं। लौकी (Lauki) में अत्यधिक फाइबर होता है, जिसे वजन कम करने में बेहद फायदेमंद माना जाता है। फाइबर के सेवन से पेट लंबे समय तक भरा भी रहता है और इससे एक्सेस फूड इंटेक में कमी आती है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इस तरह से कर सकते हैं सेवन
इसके लिए आप घीये का जूस रोजाना सुबह खाली पेट पी सकते हो। यह फैट बर्न करने में मददगार भी है। इसमें नींबू का रस और पुदीना भी मिलाया जा सकता है। इससे घीये के जूस का स्वाद बढ़ता है। साथ ही घीये की सब्जी खाना भी फायदेमंद है। घीये की सब्जी खाने पर वजन पर इसका सीधा असर पड़ता है। कोशिश करें कि आप घीये की सब्जी ज्यादा मसालेदार या चटपटी ना बनाएं और इसे थोड़ा सादा पकाकार ही सेवन करें। घीये को उबालकर इसका रायता बनाकर भी पिया जा सकता है। घीये का रायता सेहत के लिए बेहद अच्छा होता है और वजन घटाने की डाइट का हिस्सा भी बनाया जा सकता है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इस मसाले से कंट्रोल करें डायबिटीज
डायबिटीज एक ऐसी बीमारी है जिससे करोड़ों लोग परेशान है। ना सिर्फ बड़ी उम्र के लोग, बल्कि इस बीमारी ने बच्चों को भी अपना शिकार बनाना शुरू कर दिया है। ऐसे में लोग इसके अल्टरनेटिव ट्रीटमेंट्स भी ढूंढते हैं, ताकि उन्हें दवाइयों पर ही निर्भर ना होना पड़े। किचन में इस्तेमाल होने वाले छोटे से मसाले से हम डायबिटीज को कंट्रोल कर सकते हैं। ये मसाला है जावित्री। इसे सब्जी से लेकर पुलाव तक में इस्तेमाल कर सकते हैं। दरअसल, यह जायफल के पेड़ की छाल होती है जिसे घर में गरम मसाले के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है। इससे ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल होता है। इम्यूनिटी बूस्ट होती है, यहां तक कि किडनी और हार्ट फंक्शन को भी यह बेहतर बनाती है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
ऐसे करें जावित्री का इस्तेमाल
जावित्री का इस्तेमाल आप कई तरह से कर सकते हैं। पुलाव में इसका इस्तेमाल कर सकते हैं, किसी ग्रेवी वाली सब्जी में मसाले के तौर पर इसे डाल सकते हैं या फिर इसका पाउडर बनाकर इसका सेवन भी कर सकते हैं। एक्सपर्ट्स के मुताबिक, अगर आपको चाय पीना पसंद है तो आप जावित्री की चाय बनाकर इसका सेवन करें, इससे ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल रहता है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
जावित्री में पाए जाते हैं ये पोषक तत्व
जावित्री में ओमेगा-3 फैटी एसिड, फाइबर, फोलेट और राइबोफ्लेविन जैसे कई पोषक तत्व पाए जाते हैं। इसमें अल्फा एमीलेस नाम का एंजाइम होता है, जो हमारे शरीर में शुगर की मात्रा को कम करने का काम करता है। यह शुगर कंट्रोल करने के अलावा इन्सुलिन रेजिस्टेंस को भी ठीक करता है, साथ ही हमारे शरीर को संक्रमण से भी बचाता है।
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।