चल पड़ा है जब ट्रेंड तो डीएम क्यों रहे पीछे, फसल कटाई पर आजमाए हाथ
पिछले कुछ सालों से एक ट्रेंड चल गया है। जिलाधिकारी खेत पर जाकर फसल की कटाई करते हैं। ऐसे में देहरादून के जिलाधिकारी भी कैसे पीछे रहते। उन्होंने भी खेत में जाकर कुछ देर धान की फसल कटाई में अपने हाथ आजमाए।
उत्तराखंड में देहरादून के जिलाधिकारी डॉ. आशीष कुमार श्रीवास्तव मेहूंवाला माफी गांव में दो अलग-अलग स्थानों पर खेतों में मुख्य फसलों की उपज के अनुमान का सर्वेक्षण को गए। इस दौरान उन्होंने धान के खेतों में फसल के उत्पादन का निरीक्षण किया।
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निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने धान की फसल की कटाई में हाथ भी आजमाए। धान की कटाई स्वयं करते हुए उन्होंने प्रेरणा दी कि अन्नदाता सबसे बड़ा होता है और मानव से लेकर सभी प्रकार की जातियां-प्रजातियां उसी पर ही पेट भरने के लिए निर्भर होती हैं। इसलिए किसान होना बड़े व गर्व की बात है। जिलाधिकारी ने 43.30 वर्ग मीटर क्षेत्रफल के दो खेतों में धान की क्राप कटिंग प्रयोग का निरीक्षण किया। इस दौरान पहले खेत में 43.30 वर्ग मीटर क्षेत्रफल में 17.355 किग्रा का तथा दूसरे खेत में 7.335 किग्रा का उत्पादन हुआ।
जनपद देहरादून के मैदानी क्षेत्रों में 110 राजस्व ग्रामों में धान की फसल की कटिंग प्रयोग किया जाएगा। इस डाटा का उपयोग प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के साथ-साथ किसानों को फसल क्षति होने की दशा में उचित मुआवजा और औसत उपज के आंकड़ों में उपयोग किया जाएगा। इस दौरान क्राप कटिंग के निरीक्षण में तहसीलदार सदर दयाराम, अपर संख्याधिकारी कृषि अरूण बहुगुणा, स्थानीय राजस्व उप निरीक्षक कुंवर सिंह सैनी उपस्थित थे।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।