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November 7, 2024

अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी में विज्ञान और विशेष शिक्षा के एकीकरण पर चर्चा

उत्तराखंड में स्पीकिंग क्यूब ऑनलाइन मेंटल हेल्थ कंसल्टिंग फाउंडेशन ने स्पेक्स और ग्राफिक एरा यूनिवर्सिटी के सहयोग से अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया। इसमें विज्ञान और विशेष शिक्षा के एकीकरण पर चर्चा की गई। गोष्ठी वर्चुअली अयोजित की गई। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

स्पीकिंगक्यूब ऑनलाइन मेंटल हेल्थ कंसल्टिंग फाउंडेशन ने सभी का स्वागत किया। सम्मेलन की मुख्य अतिथि एवं दर्जा धारी राज्य मंत्री मधु भट्ट ने विशेष आवश्यकताओं, विशेष बच्चों और जीवन में मानसिक स्वास्थ्य के महत्व पर अपने विचार साझा किए। इस मौके पर मधु भट्ट ने उत्तरांचल यूनिवर्सिटी के डीन रिसर्च एंड इनोवेशन डॉ. राजेश सिंह, एएमयू प्रोफेसर डॉ. रूमाना सिद्दीकी, दिल्ली यूनिवर्सिटी प्रोफेसर डॉ. हरप्रीत भाटिया, गुहावटी से नारायणी देब भोवाल, एलपीयू से डॉ. मोहम्मद अमीन वानी, एनआरआई अकादमी से डॉ. राजकिरण डोंथु, केंद्रीय विश्वविद्यालय तेजपुर के डॉ. आकाश द्विवेदी को अपने-अपने क्षेत्रों में उत्कृष्टता पुरस्कार से सम्मानित किया गया। ये पुरस्कार वर्चुअली घोषित किए गए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

सत्र की शुरुआत पेरिनाटल मेंटल हेल्थ और मनोवैज्ञानिक, स्पीकिंगक्यूब निदेशक मेजर अनुपा कैरी ने की। ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के विजिटिंग फैकल्टी डॉ. शांता कुमार नेगी ने मंत्रोच्चारण के साथ कार्यवाही को आगे बढ़ाया और वातावरण को शुद्ध किया। इसके बाद सत्र की कमान स्पीकिंगक्यूब की संस्थापक और निदेशक डॉ. दीपिका चमोली शाही को सौंपी गई। उन्होंने संगठन और सेमिनार के बारे में चर्चा की। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

मेजर अनुपा ने डॉ. कर्नल (सेवानिवृत्त) चेतन शारदा को आमंत्रित किया। डॉ. कर्नल (सेवानिवृत्त) चेतन शारदा ने अपने विचार साझा किए कि किस प्रकार साभिप्राय जीवन में एक अभिन्न अंग है। डॉ. चेतन ने विशेष शिक्षा में प्रौद्योगिकी के एकीकरण के महत्व को दोहराया। मंच को स्पीकिंगक्यूब की सलाहकार डॉ. रीता कुमार को सौंपा गया। उन्होंने विशेष बच्चों में क्षमता की खोज और उसे निखारने की सख्त जरूरत के बारे में सभा को बताया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

उत्तरांचल विश्वविद्यालय के रिसर्च एंड इनोवेशन के डीन डॉ. राजेश ने कुछ नवाचारों, शोधों को साझा किया और बताया कि कैसे हम अनुसंधान और नवाचार को उत्कृष्ट बना सकते हैं और वैश्विक पहुंच बढ़ा सकते हैं। यह मंच दक्षिण अफ्रीका के वेंडा विश्वविद्यालय के मनोविज्ञान विभाग की डॉ. एंजेलिना मफुला को सौंपा गया। उन्होंने विशेष बच्चों के लिए एक व्यवस्थित व्यक्तिगत शिक्षा योजना और पालन-पोषण में शामिल किए जा सकने वाले परिवर्तनों पर जोर दिया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

स्पेक्स के संस्थापक डॉ. बृजमोहन शर्मा ने विशेष आवश्यकता वाले बच्चों के लिए परियोजना के बारे में चर्चा की, जो स्पेक्स और स्पीकिंगक्यूब का संयुक्त प्रयास है। डॉ. बृजमोहन ने प्रत्येक मनोवैज्ञानिक से अनुरोध किया कि वे एक विशेष बच्चे को गोद लें और उन पर एक वर्ष तक काम करें। ताकि वे अपना जीवन शान एवं स्वतंत्र रूप से जी सकें। स्पीकिंगक्यूब और स्पेक्स इसके लिए अपना समर्थन देंगे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

आंध्र प्रदेश से एनआरआई अकादमी के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. राजकिरण डोंथु ने विशेष बच्चों के प्रबंधन में एआई के उपयोग के बारे में चर्चा की। स्मार्ट सर्किट के संस्थापक सौरभ कौशल ने स्टेम गतिविधियों के बारे में चर्चा की और बताया कि कैसे एसटीईएम गतिविधियां एक विशेष बच्चे के विभिन्न क्षेत्रों को बढ़ा सकती हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

डीएनए लैबोरेटरीज, देहरादून के संस्थापक डॉ. नरोत्तम ने ऐसे जागरूकता कार्यक्रमों के महत्व को दोहराया और अपना समर्थन दिया। एलपीयू के सहायक प्रोफेसर डॉ. मोहम्मद अमीन वानी ने विशेष शिक्षा में शोध की आवश्यकता के बारे में चर्चा की। एमिटी यूनिवर्सिटी नोएडा की एसोसिएट प्रोफेसर साइकोलॉजी और विशेषज्ञ स्पीकिंगक्यूब डॉ. निधि वर्मा ने विशेष आवश्यकताओं और विशेष शिक्षा के लिए नीतियों के बारे में चर्चा की। क्रिएटिव टीम के सदस्य पंकज क्षेत्री ने सदस्य को सम्मानित किया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

इस मौके पर एचआर स्पीकिंगक्यूब स्नेहा भारद्वाज, एचआर इंटर्न स्पीकिंगक्यूब काजल तोमर, एलपीयू की बीए साइकोलॉजी स्टूडेंट पार्थी, एलपीयू की बीए साइकोलॉजी स्टूडेंट ऐलिस, ग्राफिक एरा यूनिवर्सिटी की एमए साइकोलॉजी स्टूडेंट नंदिनी और फिजा ने सेमिनार में सहयोग किया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

मेजर अनुपा ने सेमिनार को सफल बनाने के लिए मुख्य अतिथियों, प्रतिष्ठित वक्ताओं, प्रतिभागियों और टीम स्पीकिंगक्यूब को धन्यवाद दिया। इसके साथ ही स्पीकिंगक्यूब की संस्थापक और निदेशक सहायक संकाय दक्षिणी न्यू हैम्पशायर और सेंट लियो यूनिवर्सिटी डॉ. दीपिका चमोली शाही ने लोगों को धन्यवाद दिया।
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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