उत्तराखंड में आफत की बारिश, बागेश्वर में तीन मकान ध्वस्त, सड़कों पर गिर रहा मलबा, दून के सोडा गांव में फंसे रहे वाहन
उत्तराखंड में बारिश से आफत अभी कम नहीं हुई। बागेश्वर जिले में तीन मकान ध्वस्त हो गए। पर्वतीय क्षेत्रों में चारधाम यात्रा मार्ग के साथ ही कई सड़कें भूस्खलन से बार बार ध्वस्त हो रही हैं।
11 सितंबर को पर्वतीय क्षेत्र में कहीं कहीं तेज बौछार, गर्जन, आकाशीय बिजली चमकने के साथ बारिश का दौर जारी रहेगा। 12 सितंबर को उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग, चमोली, बागेश्वर, और पिथौरागढ़ जिले में कहीं कहीं बहुत भारी से भारी बारिश होगी। इस दिन का ओरेंज अलर्ट है। 13 व 14 सितंबर का यलो अलर्ट जारी किया गया है। इस दिन चमोली, बागेश्वर, पिथौरागढ़, जिले में कहीं कहीं तेज बौछार के साथ भारी बारिश की संभावना है। देहरादून में तो इन दिनों 24 घंटे की अवधि में करीब दो से तीन घंटे बहुत तेज बारिश हो रही है। बारिश के दौरान आसमान से बिजली गरजने के जोरदार धमाकों जैसी आवाजें हो रही हैं। गुरुवार की देर शाम तेज बारिश के चलते देहरादून के सोडा गांव के पास भूस्खलन से सड़क अवरुद्ध हो गई। इस दौरान करीब 15 वाहन मौके पर ही फंस गए। इस पर पुलिस जेसीबी लेकर मौके पर पहुंची और रास्ते को खुलवाया। तब जाकर यातायात सुचारु हुआ।
केदारनाथ, बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग भी बार बार मलबा और बोल्डर आने से बाधित हो रहे हैं। वहीं, ऋषिकेश-गंगोत्री मार्ग भी 14 घंटे बाद खोला जा सका। रुद्रप्रयाग में बदरीनाथ हाईवे सिरोबगड़ में भारी मलबा आने के कारण अवरुद्ध चल रहा है। रात्रि को सिरोबगड़ से पहले रुद्रप्रयाग की ओर भारी मलबा आने के कारण तीन वाहन क्षतिग्रस्त हो गए।
भारी बारिश के चलते रुद्रप्रयाग व श्रीनगर के बीच बदरीनाथ हाईवे सिरोबगड़, शिवनंदी, नरकोटा के पास मलबा आने से अवरुद्ध हो गया था। वहीं, केदारनाथ हाईवे पर मेदनपुर, सिल्ली के पास मलबा आने से आवाजाही ठप रही। इसके बाद हाईवे के दोनों ओर वाहनों की लंबी कतारें लग गई। कड़ी मशक्कत के बाद लोक निर्माण विभाग ने हाईवे खोले। हालांकि, कई स्थानों पर बोल्डर गिरने का क्रम जारी है।
कुमाऊं के बागेश्वर जिले में बारिश से तीन मकान ध्वस्त हो गए हैं। पांच सड़कों पर आवागमन पूरी तरह ठप हो गया है। जिससे लगभग पांच हजार से अधिक जनसंख्या प्रभावित हो गई है। जौलकांडे मोटर मार्ग दुर्घटनाओं को दावत दे रहा है। एक डंपर गड्ढ़ों से उतर कर पहाड़ी से टकरा गया। घटना में चालक बालबाल बच गया है।
जिले में बारिश के कारण सड़कों पर मलबा, बोल्डर आदि आने का सिलसिला जारी है। इसके कारण गरुड़-द्यौनाई, भयूं-गडेरा, फरसाली, शामा-नौकुड़ी, रिखाड़ी-बाछम समेत पांच मोटर मार्ग मलबा आने से अवरुद्ध हो गए हैं। वहीं, अतिवृष्टि से ग्वाडृपजेणा गांव निवासी शंकर राम पुत्र लछम राम, खुल्दौड़ी निवासी खुशाल सिंह पुत्र राम सिंह का मकान ध्वस्त हो गया है। मटियोली निवासी हेमंत कुमार पुत्र राजेंद्र प्रसाद का मकान आंशिक क्षतिग्रस्त हो गया है। प्रभावितों ने पड़ोसियों के घर में शरण ली है। पिथौरागढ़ में जिले में दो दर्जन मार्ग बंद हो चुके हैं। मुनस्यारी तहसील को जोड़ने वाले दोनों मार्ग बंद हैं। 15 ग्रामीण मार्ग, हाईवे सहित पांच सीमा मार्ग बंद हैं। चीन सीमा से लगे उच्च हिमालय को जोड़ने वाले दो मुनस्यारी-मिलम व तवाघाट -तिदांग मार्ग ढाई माह से बंद हैं। सीमा क्षेत्र में आवश्यक वस्तुओं का अभाव बन चुका है।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।