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February 6, 2025

उत्तराखंड में आफत की बारिश, सड़कें ध्वस्त, घरों में पानी, खतरे के निशान पर गंगा, गदेरे में बैंक कर्मी बहा, लोगों ने बचाया

13 जून से उत्तराखंड पहुंचे मानसून ने अपना रंग दिखाना शुरू कर दिया है। उत्तराखंड में पिछले कुछ दिनों से लगातार हो रही बारिश ने अब आफत का रूप ले लिया है। जगह-जगह सड़कें बंद हो गई हैं। पिथौरागढ़ में चीन सीमा से लगे करीब 80 गांव अलग थलग पड़ गए हैं।

13 जून से उत्तराखंड पहुंचे मानसून ने अपना रंग दिखाना शुरू कर दिया है। उत्तराखंड में पिछले कुछ दिनों से लगातार हो रही बारिश ने अब आफत का रूप ले लिया है। जगह-जगह सड़कें बंद हो गई हैं। पिथौरागढ़ में चीन सीमा से लगे करीब 80 गांव अलग थलग पड़ गए हैं। गंगा सहित कई नदियों का जल स्तर बढ़ गया है। गंगा खतरे के निशान से ऊपर बह रही है।
नदियों और नालों में पानी बढ़ने से लोगों के घरों में पानी घुस रहा है। वहीं, देहरादन में जिला प्रशासन आपदा को लेकर मॉक ड्रिल कर रहा है। जब वास्तव में आपदा से लोग परेशान हैं, ऐसे मौके पर मॉक ड्रिल पर भी सवाल उठने लाजमी हैं। क्योंकि सुबह प्रशासन ने खुद भ्रम फैला दिया कि रिस्पना नदी में बाढ़ आ गई। ऐसे में कई लोगों ने मात्र इसी सूचना को वायरल कर दिया। वहीं, हकीकत में पूरे प्रदेश भर में आपदा से तबाही मची है। नदी किनारे लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है। ऐसे में इसी दिन को मॉक ड्रिल के लिए चुनना समझ से परे है। क्योंकि उत्तराखंड के कई इलाकों में शनिवार को भारी बारिश का रेड अलर्ट जारी किया गया है।
गदेरे में बहा बैंक कर्मी
अल्मोड़ा जिले के मानिला क्षेत्र में खल्टा गदेरे (बरसाती नाला) के तेज बहाव में स्कूटी सवार बैंक कर्मी बह गया। ग्रामीणों ने उसे बमुश्किल बचाया। मामला शनिवार की सुबह का है। मानिला के कुणीधार निवासी शंकर दत्त भट्ट भिकियासैंण स्थित यूको बैंक शाखा में कार्यरत हैं। वह रोज की तरह स्कूटी से बैंक कार्यालय के लिए रवाना हुए। नैलवाल पाली गांव के पास उफनाया खल्टा गदेरा पार करते समय बैंक कर्मी स्कूटी समेत पानी तेज बहाव में बहते हुए सड़क सेस नीचे पहुंचे पहुंच गए। संयोगवश भिकियासैंण की ओर से आ रही यात्री जीप में बैठे युवाओं ने उफनाए गधेरे से बैंक कर्मी को जैसे तैसे बचाया। दोपहिया वाहन गधेरे में दूर तक बहता चला गया।
जैनल में गिरा मलबा, चौखुटियारोड बंद
अल्मोड़ा जिले में चौखुटिया रोड पर यातायात बाधित हो गया है। शनिवार को जैनल भूमिया मंदिर के पास मलबा आने से सड़क बंद हो गई है। दोनों तरफ वाहनों की लंबी कतार लग गई। वहीं रामगंगा, गगास व नौरड नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है।
मौसम विभाग ने भारी बारिश की चेतावनी देते हुए उत्तराखंड पौड़ी, रुद्रप्रयाग, बागेश्वर, चमोली जिलों के लिए रेड अलर्ट जारी किया है। वहीं, उत्तराखंड राज्य के उत्तरकाशी, देहरादून, टिहरी, नैनीताल, अल्मोड़ा, पिथौरागढ़, उधमसिंह नगर, चंपावत जिलों में भी भारी बारिश की चेतावनी के साथ ओरेंज अलर्ट जारी किया गया है।
लगातार बारिश से बदरीनाथ हाईवे जगह-जगह भूस्खलन होने से बंद है। ऋषिकेश सहित कई स्थानों पर बारिश का पानी लोगों के घरों में घुस गया है। घरों में फंसे लोगों को सुरक्षित निकालने में जुटे हैं। इधर, मौसम विभाग ने शनिवार 19 जून से सोमवार 22 जून तक के लिए प्रदेश में भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। मौसम के मिजाज को देखते हुए सचिव आपदा प्रबंधन एसए मुरुगेशन ने सभी जिलाधिकारियों को सतर्क रहने के निर्देश दिए हैं।
हरिद्वार में खतरे के निशान से ऊपर बह रही गंगा
हरिद्वार में गंगा का जलस्तर बढ़ रहा है। गंगा खतरे के निशान 294 मीटर से ऊपर 294.40 मीटर पर बह रही है। पानी के बहाव में भारी मात्रा में सिल्ट आने के कारण गंगनहर को बंद कर दिया गया है। प्रशासन ने कल ही अलर्ट जारी करते हुए सभी बाढ़ चौकियों को सतर्क कर दिया था। डूब क्षेत्र को खाली करा लिया गया था। साथ ही गंगा के तटीय इलाकों में सतर्कता बढ़ती जा रही है।

देहरादून में भी तबाही की मॉक ड्रिल 
जहां एक तरफ पूरा उत्तराखंड आपदा से जूझ रहा है, वहीं देहरादून में जिला प्रशासन को तबाही की मॉकड्रिल करने की आज ही सूझी। ऐसे में भ्रामक खबरें भी सोशल मीडिया में चलने लगी। पहले सूचना आई कि आपदा प्रबंधन कंट्रोल रूम से मिली सूचना के रिस्पना नदी पुल से सटे चूना भट्टा इलाकों में बारिश के पानी से बाढ़ की स्थिति बन गई है। इसमें करीब 150 से 200 के बीच लोग फंस गए। पुलिस की टीम मौके पर पहुंचकर रेस्क्यू कर रही है। लोगों को सुरक्षित निकाला जा रहा है। यहां से दो सौ लोगों को रेन बसेरा भेजा गया है।

इसी तरह सूचना आई कि प्रशासन सभी के रहने खाने की व्यवस्था कर रहा है। वहीं, किसी भी सूचना पर रेस्क्यू के लिए देहरादून के सहस्रधारा हेलीपैड पर चौपर तैयार रखा गया है। इसी तरह से कालसी में बादल फटने की सूचना है। इससे बड़े पैमाने पर भूस्खलन आया हुआ है और वहां पर काफी ज्यादा इंफ्रास्ट्रक्चर और अन्य नुकसान होने की सूचना है। भारी वर्षा के कारण कालसी चकराता मोटर मार्ग में झझरेड़ के पास मार्ग अवरुद्ध हो गया है तथा कुछ लोगो के फंसे होने की सूचना है। बाद में सूचना मिली कि ये देहरादून में मॉक ड्रिल की गई। वहीं, प्रदेश भर में जगह जगह सड़कें ध्वस्त हो रही हैं, तेज बारिश से गंगा का जल स्तर बढ़ रहा है। ऐसे में इसी दिन मॉक ड्रिल का करना समझ से परे है।
वीडियो में देखें अलकनंदा नदी की लहरों के बीच धारी देवी मंदिर

 

श्रीनगर गढ़वाल के निकट बदरीनाथ हाईवे पर धारी देवी मंदिर भी अलकनंदा नदी के उफान में घिरता जा रहा है। फिलहाल जानकार बता रहे हैं कि मंदिर को कोई खतरा नहीं है।

टिहरी में भी खतरे के निशान से ऊपर गंगा
लगातर हो रही बारिश से देवप्रयाग में गंगा खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। देवप्रयाग में 464.00 मीटर पर गंगा बह रही है, जबकि 463 से ऊपर खतरे का निशान है। संगम स्थल भी पानी में डूबा है। बदरीनाथ राजमार्ग एनएच-58 भारी भूस्खलन के कारण ब्यासी के पास बंद है। मार्ग खोलने का प्रयास किया जा रहा है। दो लिंक रोड भी मलबा आने से बंद है।
यमुनोत्री हाईवे धरासू बैंड के पास बंद
यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग धरासू बैंड के पास बंद है। मार्ग को सुचारु करने के लिए एनएच की टीम जुटी हुई है। वहीं, जनपद के पांच संपर्क मार्ग बाधित है। डुंडा के धौंतरी क्षेत्र में बारिश हो रही है। वहीं, अन्य इलाकों में भी रुक रुक कर बारिश हो रही है।

ऋषिकेश-बदरीनाथ राष्ट्रीय कई जगह बंद
ऋषिकेश-बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग कंचन गंगा, रडांग बैंड, लामबगड़, हाथी पर्वत पर काली मंदिर, पागल नाला के पास बंद है। कौड़िया और क्षेत्रपाल में पहाड़ी से पत्थर गिर रहे हैं। कुमाऊं क्षेत्र को जोड़ने वाला हाईवे कर्णप्रयाग-थराली मोटर मार्ग भी कई जगह बंद है। कर्णप्रयाग-ग्वालदम सड़क पर नलगांव और आमसौड़ा के मध्य सड़क बाधित होने से वाहनों में 150 लोग कल से फंसे हुए हैं।
बदरीनाथ के निकट सड़क धंसी
जोशीमठ से दस किलोमीटर दूर विष्णुप्रयाग के पास भू-धंसाव से सड़क क्षतिग्रस्त हो गई है। इससे सड़क के किनारे बने टिन शेड को भी नुकसान पहुंचा है। हालांकि सड़क के एक हिस्से से वाहन आ जा रहे हैं। प्रशासन के अनुसार लगातार हो रही बारिश के कारण अभी यहां पर मरम्मत का कार्य शुरू नहीं किया गया है।
ऋषिकेश में भी आफत की बारिश
ऋषिकेश के चंद्रेश्वर नगर में बारिश के चलते गंगा का पानी लोगों के घरों में घुस गया। मदद के लिए पुलिस की टीम मौके पर पहुंच गई। लोगों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया है। मदद के लिए पहुंची। ऋषिकेश में सुबह गंगा का जलस्तर खतरे के निशान से मात्र 10 सेंटीमीटर नीचे पहुंच गया है। प्रशासन की ओर से शुक्रवार की रात को ही समूचे क्षेत्र में अलर्ट जारी कर दिया गया था।

बढ़ रहा है गंगा का जल स्तर
गंगा की सहायक नदियों में उफान आने के कारण गंगा के जलस्तर में ऋषिकेश में शुक्रवार की शाम से ही वृद्धि दर्ज की गई थी। मध्य रात्रि 12 बजे गंगा का जलस्तर चेतावनी रेखा को पार कर गया था। रात भर गंगा के जलस्तर में उतार-चढ़ाव होता रहा। पर्वतीय क्षेत्र में बारिश लगातार जारी है, जिससे रुद्रप्रयाग और देवप्रयाग क्षेत्र में भी नदियां उफान पर हैं। केंद्रीय जल आयोग की ओर से प्रशासन को भेजी गई रिपोर्ट में बताया गया है कि गंगा का जलस्तर ऋषिकेश में सुबह सात बजे खतरे के निशान 340.50 मीटर से मात्र 10 सेंटीमीटर नीचे पहुंच गया है। जल स्तर में निरंतर वृद्धि जारी है।

त्रिवेणीघाट का प्लेटफार्म पानी में डूबा
त्रिवेणी घाट का प्लेटफार्म पानी में डूब गया है। गंगा में उफान को देखते हुए केंद्रीय जल आयोग के कर्मचारी पूरी रात जागकर आयोग की ऋषिकेश चौकी में जल स्तर पर नजर बनाए हुए थे। पुलिस प्रशासन की ओर से भी गंगा के तट क्षेत्र में निरंतर नजर रखी जा रही थी। लक्ष्मण झूला क्षेत्र में भी सभी घाट जलमग्न हो गए हैं। परमार्थ निकेतन के समीप शिव की विशाल मूर्ति का प्लेटफार्म पानी में डूब गया है। सिर्फ मूर्ति नजर आ रही है।
वहीं, यहां के सभी घाटों में पानी के साथ सिल्ट आ गया है। पर्वतीय क्षेत्र से गंगा नदी में सामान और पेड़ बहते देखे गए हैं। मुनिकीरेती के थाना प्रभारी निरीक्षक कमल मोहन भंडारी ने बताया कि पूरे क्षेत्र में रात भर गस्त जारी रखी गई। सुबह भी आसपास रहने वाले व्यक्तियों को सुरक्षित स्थानों पर रोक दिया गया है।
कुमाऊं में भी आफत
कुमाऊं के सभी जिलों में लगातार बारिश हो रही है। मलबा आने व भूस्खलन की वजह से नेशनल हाईवे समेत दर्जनों आंतरिक सड़क बंद हो गई। पिथौरागढ़ व अल्मोड़ा में पहाड़ी खिसकने व नदी का जलस्तर बढ़ने से काफी नुकसान हुआ है। पिथौरागढ़ का शेष कुमाऊं से संपर्क पूरी तरह से कट गया है। चीन सीमा से लगे करीब 80 गांव अलग थलग पड़ गए हैं। वहीं अल्मोड़ा में कई जगहों पर सड़क पर भारी मलबा आने से आवागमन बाधित हैं। वहीं बागेश्वर में भी सरयू का जलस्तर बढ़ने व भारी मात्रा में सिल्ट आने से पेयजल आपूर्ति प्रभावित हुई है।

कुमाऊं में सड़कें हो रही बंद
पिथौरागढ़ जिले में शुक्रवार सायं चार दिन बाद खुला टनकपुर-तवाघाट (एनएच-125) घाट से पिथौरागढ़ के बीच चार स्थानों पर मलबा आने से फिर बंद हो गया है। काली नदी और गोरी नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। गोरी नदी के कटाव से मुनस्यारी के भदेलीबागड में राजेश की दुकान और मकान बह गया है। नदी के कटाव से डरे लोग मकान छोड़ कर ऊंचाई वाले स्थान पर शरण लिए है। बंगापानी तहसील के छोरीबगड में सुरक्षा दीवार ढह गई है और गोरी नदी लगातार कटाव कर रही है। जौलजीबी-मुनस्यारी मार्ग और थल-मुनस्यारी मार्ग बंद होने से मुनस्यारी और बंगापानी तहसीलो का जिला मुख्यालय से सड़क संपर्क टूट गया है।
धारचूला से आगे तवाघाट मार्ग दोबाट के पास बंद है। तवाघाट-लिपुलेख मार्ग में तईंटोला से लेकर उच्च हिमालय में कई स्थानों पर मलबा आया है। तवाघाट-दारमा मार्ग तवाघाट से डेढ़ किमी आगे ध्वस्त हो गया है। मुनस्यारी में दरकोट-मिलम मार्ग बंद होने से चीन सीमा से लगे अस्सी से अधिक गांवों का भी संपर्क टूट गया है।
अल्मोड़ा से पिथौरागढ़ को जोड़ने वाले हाईवे पर ओखलगड़ा के पास पहाड़ी का हिस्सा रात में टूटकर सड़क पर आ गया। टनकपुर-चम्पावत हाईवे पर जगह-जगह मलबा आने से यातायात प्रभावित हो रहा है। बागेश्वर जिले में सरयू और गोमती नदी उफान पर है। जिले की 20 सड़कें बंद हैं। नैनीताल जिले की दर्जन भर आंतरिक सड़कों पर मलबा आया है।

नैनीताल पुलिस की सूझबूझ से बची दो जिंदगियां
18 जून की रात को कोतवाली लाल कुआं को सूचना प्राप्त हुई थी की गोला नदी में पानी का बहाव अचानक बहुत तेज हो गया है और दो व्यक्ति उस बहाव में फंस गए हैं। इस सूचना पर कोतवाली लाल कुआं पुलिस मय आवश्यक उपकरणों सहित घटनास्थल गबदा इंदिरा नगर फर्स्ट बिंदुखट्टा पहुंची। वहां पर स्थानीय लोगों की काफी भीड़ थी। गोला नदी का बहाव अत्यधिक तेज था। दो व्यक्ति हेमंत भट्ट पुत्र श्री दुर्गा दत्त भट्ट निवासी हल्दुचौड़, दीपक भट्ट पुत्र गोपाल दत्त भट्ट निवासी हल्दुचौड़ नदी के पार टीले पर खाली जगह में फंसे हुए थे।

दोनों तरफ से नदी का बहाव अत्यधिक तेज था। मौके पर एसपी सिटी हल्द्वानी तथा क्षेत्राधिकारी महोदय लाल कुआं ने फायर सर्विस की टीम को बुलवाया। गोला गेट पर आकर फायरमैन जितेंद्र कुमार तथा जनता के एक व्यक्ति दीपक राणा पुत्र मान सिंह राणा निवासी गोला गेट लाल कुआं को पूरी सतर्कता के साथ रेस्क्यू के लिए नदी में उतारा गया। दोनों ने नदी पार कर दोनों फंसे हुए व्यक्तियों का सकुशल रेस्क्यू किया गया। इस पर स्थानीय जनता ने पुलिस का थाली बजाकर आभार व्यक्त किया।
उत्तराखंड में मौसम का हाल
राज्य मौसम विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक रोहित थपलियाल के मुताबिक 19 जून को बागेश्वर, अल्मोड़ा, नैनीताल, उधमसिंह नगर, चंपावत तथा पिथौरागढ़ जिले में कहीं कहीं गर्जन के साथ आकासीय बिजली चमकेगी। साथ ही बारिश की तेज बौछार पड़ेंगी।
भारी बारिश की चेतावनी देते हुए उत्तराखंड पौड़ी, रुद्रप्रयाग, बागेश्वर, चमोली जिलों के लिए रेड अलर्ट जारी किया है। वहीं, उत्तराखंड राज्य के उत्तरकाशी, देहरादून, टिहरी, नैनीताल, अल्मोड़ा, पिथौरागढ़, उधमसिंह नगर, चंपावत जिलों में भी भारी बारिश की चेतावनी के साथ ओरेंज अलर्ट जारी किया गया है।
20 जून को उत्तराखंड के पिथौरागढ़, नैनीताल, चंपावत, जिले में भारी बारिश की संभवना है। वहीं, देहरादून, पौड़ी, टिहरी, नैनीताल, पिथौरागढ़ और चंपावत में गर्जन के साथ आकाशीय बिजली चमकने की भी संभावना है। 21 जून को भी उत्तराखंड राज्य के देहरादून, पौड़ी, टिहरी, नैनीताल जिले में गर्जन के साथ बिजली चमकने और तेज बौछार गिरने की संभावना है। इन दोनों दिन के लिए यलो अलर्ट जारी किया गया है। 22 और 23 जून को कुछ स्थानों विशेषकर पर्वतीय क्षेत्र में हल्की से मध्यम बारिश की संभावना है।

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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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