उत्तराखंड में आफत की बारिश, पिथौरागढ़ में मलबे में फौजी की पत्नी दबी, तेरह परिवारों ने छोड़ा घर, घरों में पानी
पिथौरागढ़ जिले में तहसील धारचूला के नेपाल सीमा से लगे बलुवाकोट क्षेत्र के जोशी गांव में गुरुवार अपराह्न को पहाड़ दरक गया। पहाड़ टूटने से गिरे मलबे में एक फौजी की पत्नी दब गई है। गांव के तेरह मकान खतरे में आ चुके हैं। तेरह परिवारों ने मकान छोड़ दिए हैं। पुलिस मौके पर पहुंच चुकी है और एसडीआरएफ की टीम मौके को रवाना हो चुकी है।
बलुवाकोट बाजार से लगभग छह किमी ऊपर स्थित जोशी गांव में तेज आवाज के पहाड़ दरका और भारी मलबा, पत्थर गिरे। पहाड़ की तरफ से मलबा जोशी गांव से मात्र बीस मीटर की दूरी पर गिरा। इस दौरान गांव निवासी पशुपति भट्ट 23 वर्ष पत्नी हरीश भट्ट घर से बीस मीटर दूर स्रोत पर पानी भरने गई थी। पशुपति मलबे में दब गई। मलबे से गांव के तेरह मकान खतरे में आ गए हैं। पहाड़ की तरफ से मलबा गिरता जा रहा है। तेरह परिवारों के लोग मकान छोड़ कर खुले आसमान के नीचे हैं।
लोगों की बढ़ी परेशानी
अमूमन अगस्त माह में एक समान रूप से बारिश नहीं होती थी। मानसून की आखरी बारिश के दौरान कहीं मौसम साफ रहता था तो कुछ ही किलोमीटर की दूरी पर बारिश हो रही होती थी। कुछ एक मिनट तक बरसकर मौसम खुलने लगता था। इस बार ऐसा नहीं हो रहा है। मंगलवार से बारिश का दौर जारी है। इस बीच कई बार एक से दो घंटे तक बहुत तेज बारिश का दौर चला। ऐसे में देहरादून, हरिद्वार, उधमसिंह नगर सहित कई स्थानों पर जलभराव और भूस्खलन से लोग प्रभावित हुए। देहरादून-मसूरी मार्ग पर ग्लोगी पावर हाउस के पास का भूस्खलन जोन फिर एक्टिव हो गया है। बीती रात से यहां पर रुक-रुककर मलबा गिर रहा है। इसके चलते दून-मसूरी राजमार्ग बार-बार बाधित हो रहा है। गुरुवार की सुबह से ही रुक रुक कर बारिश का दौर चल रहा है। जब भी बारिश हो रही है, तेज बौछारों के साथ हो रही है।
बारिश ने बनाया रिकार्ड
वहीं, देहरादून में मानसून की बारिश ने नया रिकार्ड बना दिया। अगस्त में एक ही दिन के भीतर 70 साल बाद 254 मिमी बारिश दर्ज की गई। इससे पहले वर्ष 1951 में अगस्त में 24 घंटे में 332 मिमी बारिश दर्ज की गई थी। मंगलवार शाम से बुधवार की शाम तक देहरादून में हुई जबरदस्त बारिश से जन-जीवन प्रभावित रहा। एक इलाके में इतने कम समय में हुई भारी बारिश ने आपदा जैसे हालात बना दिए। यहां अतिवृष्टि के कारण खासा नुकसान होने का अनुमान है।
देहरादून के सहस्रधारा क्षेत्र में 254 मिमी के बाद ऋषिकेश में सर्वाधिक 207 मिमी बारिश रिकार्ड की गई। इसके अलावा बागेश्वर में 151 मिमी, टिहरी के नरेंद्रनगर में 149 और पिथौरागढ़ में 100 मिलीमीटर के करीब बारिश हुई। उत्तरकाशी में बारिश सबसे कम हुई। दून में पिछले दस साल की बात करें तो अगस्त में एक दिन के भीतर सर्वाधिक बारिश वर्ष 2012 में 190 मिमीमीटर हुई थी।
27 अगस्त तक ओरेंज अलर्ट
राज्य मौसम विज्ञान केंद्र के मुताबिक 27 अगस्त को देहरादून, हरिद्वार, पौड़ी, नैनीताल, उधमसिंह नगर, चंपावत, बागेश्वर और पिथौरागढ़ जिले के लिए ओरेंज अलर्ट जारी किया गया है। इस दौरान इन जिलों में कहीं कहीं तीव्र बौछार के साथ भारी से बहुत भारी बारिश की संभावना है। साथ ही कहीं कहीं आकाशीय बिजली चमकने की भी संभावना है। केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह के मुताबिक 28 व 29 अगस्त का यलो अलर्ट जारी किया गया है। इन दो दिन नैनीताल, चंपावत, बागेश्वर व पिथौरागढ़ जिले में कहीं कहीं तेज बौछार के साथ भारी बारिश की संभावना है।
सीएम धामी ने किया आपातकालीन प्रबंधन केंद्र का निरीक्षण
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को देर सायं सचिवालय स्थित राज्य आपातकालीन प्रबंधन केन्द्र पहुंचकर प्रदेश में आपदा की स्थिति का जायजा लिया। मुख्यमंत्री ने सचिव आपदा प्रबंधन एवं आपदा से जुड़े अधिकारियों की बैठक लेने के साथ ही आपदा से सम्बन्धित सूचना संकलन, प्रेषण एवं जनपदों से समन्वय आदि की प्रक्रियाओं की जानकारी भी प्राप्त की। उन्होंने लोक निर्माण विभाग की सड़क बंद होने की स्थिति में जखोली एवं नारायण बगड़ में तैनात जेसीबी के चालकों से भी दूरभाष पर वार्ता कर स्थिति की जानकारी प्राप्त की। साथ ही उन्हें हर समय सतर्कता एवं जिम्मेदारी के साथ दायित्वों के निर्वहन को कहा।
मुख्यमंत्री ने सचिव आपदा प्रबंधन को निर्देश दिए कि आपदा से सम्बन्धित सूचनाओं से उन्हें भी अविलम्ब अवगत कराया जाय। साथ ही शासन के उच्चाधिकारियों एवं सम्बन्धित विभागों के अधिकारियों का एक वाट्सएप ग्रुप भी बनाये जाने को कहा ताकि आपदा राहत कार्यों में त्वरित कार्यवाही की जा सके। उन्होंने जिलाधिकारियों से भी निरंतर समन्वय बनाए जाने को कहा। उन्होंने कहा कि हमारा प्रयास आपदा के दौरान लोगों को त्वरित राहत पहुंचाने का है, इस पर आपसी समन्वय एवं तत्परता के साथ ध्यान दिया जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 15 सितम्बर तक सभी सड़कों की स्थिति का भी आंकलन कर लिया जाए। ताकि वर्षा समाप्त होते ही सड़कों की मरम्मत का कार्य अविलम्ब आरम्भ किया जा सके। उन्होंने कन्ट्रोल रूम के टोल फ्री नम्बर, लॉग बुक आदि का भी निरीक्षण कर व्यवस्थायें देखी। सचिव आपदा प्रबंधन एसए मुरुगेशन ने मुख्यमंत्री को प्रदेश में आपदा की स्थिति की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि 24 घंटे आपदा प्रबंधन केंद्र को संचालित किया जा रहा है। धारचूला एवं गौचर में एक-एक हेलीकॉप्टर आपदा राहत हेतु तैनात किया गया है। सभी जिलाधिकारियों से निरंतर सम्पर्क बनाया जा रहा है। एसडीआरएफ, आईटीबीपी एवं आर्मी से भी आवश्यकता पड़ने पर सम्पर्क किये जाने की व्यवस्था तथा संचार सुविधाओं को प्रभावी बनाया गया है। इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री यतीश्वरानंद एवं उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी रिद्धिम अग्रवाल, सविन बंसल व अन्य अधिकारीगण मौजूद थे।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।