उत्तराखंड में आफत, देहरादून में एक दर्जन और बागेश्वर में पांच मकान ध्वस्त, बहे टीवी और फ्रीज, नाले में गिरकर युवक की मौत
उत्तराखंड में लगातार बारिश अब आफत भी साथ लेकर आ रही है। पर्वतीय क्षेत्रों में भूस्खलन के चलते चारधाम यात्रा मार्ग बार बार बंद हो रहे हैं और इन मार्गों को खोलने का क्रम जारी है। मैदानी इलाकों में जलभराव से लोग परेशान हैं। नदी और नालों के तेज बहाव और जोरदार बारिश के चलते देहरादून के सत्तोवाली घाटी में एक दर्जन से अधिक मकान ध्वस्त हो गए। वहीं, बागेश्वर में भी पांच मकान ध्वस्त होने की सूचना है। मौसम विभाग के मुताबिक उत्तराखंड में तेज बारिश का दौर एक अगस्त तक जारी रहेगा। ऐसे में पर्वतीय क्षेत्र में भूस्खलन, नदी नालों में तेज बहाव और मैदानी क्षेत्र में जलभराव की समस्या से सतर्क रहना होगा।
सत्तोवाला में मची तबाही
गुरुवार को दिन में शहर में बारिश थमी रही, मगर रात होते-होते बिंदाल नदी का जलस्तर नहीं थमने से गांधीग्राम स्थित सत्तोवाली घाटी में पानी का कहर टूट पड़ा। गुरुवार की रात करीब साढ़े नौ बजे ऊफनाई बिंदाल नदी पर सत्तोवाली घाटी में बने पुश्ते का बड़ा हिस्सा टूट गया। इसके चलते करीब एक दर्जन मकान पूरी तरह से ध्वस्त हो गए, जबकि करीब 50 मकानों में काफी नुकसान हुआ।
बिंदाल नदी के ऊफान पर आने से सिर्फ पुश्ता ही नहीं टूटा, बल्कि एक पुलिया तक बह गई। पुलिया बहने से प्रशासन की टीमों को राहत व बचाव कार्य में काफी परेशानी उठानी पड़ी। नदी के एक छोर से दूसरे छोर पर जाने के लिए सीढ़ी लगाकर नदी में से होकर जाना पड़ा। वहीं, रात करीब 11 बजे बारिश शुरू होने से राहत कार्य में मुश्किलों का सामना करना पड़ा।
लोगों ने भागकर बचाई जान, रैन बसेरे में शिफ्ट
इस दौरान मकानों में दीवारों पर दरारें आ गईं व फर्श तक टूट गए। गनीमत रही कि इस दौरान जनहानि नहीं हुई। घटना की सूचना पर पहुंचा पुलिस-प्रशासन राहत और बचाव कार्य में जुट गया। ऐहतियात के तौर पर प्रशासन ने आसपास के करीब साठ मकान खाली करा दिए व प्रभावित परिवारों को नगर निगम के रैन बसेरों, धर्मशालाओं व सरकारी स्कूलों में शिफ्ट कर दिया। नगर के महापौर सुनील उनियाल गामा व क्षेत्रीय विधायक हरबंस कपूर भी देर रात तक वहीं डटे रहे और राहत कार्यों का जानकारी लेते रहे। जिलाधिकारी डा. आर राजेश कुमार ने बताया कि प्रभावित परिवार सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट कर दिए गए हैं।
जिसके हाथ जो लगा, उसे लेकर भागा
नदी के कहर से बचने के लिए जिसे जो सामान मिला वह लेकर भाग निकला। इस दौरान कुछ लोग अपने बच्चों को बचाने के लिए गोद में लेकर भागे तो कुछ सामान को बचाने की जिद्दोजहद में जुटे रहे। किसी ने कहा कि उसका टीवी बह गया तो किसी ने फ्रिज बताया। लाखों रुपये का सामान बहने की बात कही जा रही। सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किए गए लोग रोते-बिलखते रहे कि अब वे कहां रहेंगे और खान-पान की कैसे व्यवस्था करेंगे।
पांच मकान ध्वस्त, 18 लोग बेघर
बागेश्वर जिले में गुरुवार को दिन भर रुक-रुक कर बारिश हुई। इसके कारण पांच लोगों के मकान ध्वस्त हो गए हैं। जिसके कारण 18 लोग बेघर हो गए हैं। मलबा, पत्थर, बोल्डर आदि गिरने से 11 सड़कें आवागमन बंद हो गया है। सरयू और गोमती नदी का जलस्तर बढ़ने के बाद जिला प्रशासन ने अलर्ट जारी किया है।
बारिश के कारण दुग नाकुरी तहसील के सुरकाली गांव के नंदन सिंह पुत्र गुमान सिंह का मकान क्षतिग्रस्त हो गया है। वह 76 वर्ष के हैं और उन्होंने पड़ोसी नंदन सिंह के घर में शरण ली है। मकान क्षतिग्रस्त होने की सूचना पर पटवारी विजयपाल मेहता ने बताया कि नुकसान का जायजा लेकर तहसीलदार को सौंप दी है। उन्होंने बताया कि प्रभावित घर में अकेले रहते थे। उन्हें नियमानुसार सहायता प्रदान की जा रही है। उड़खुली निवासी दुर्गा राम पुत्र रतन राम का मकान क्षतिग्रस्त हो गया है। उनके परिवार के छह सदस्य बेघर हो गए हैं।
जखेड़ा निवासी बलवंत सिंह पुत्र हिम्मत सिंह का मकान भी क्षतिग्रस्त हो गया है। चार लोगों ने दूसरे के घर में शरण ली है। इसी गांव के प्रेम सिंह पुत्र हयात सिंह का मकान भी अतिवृष्टि की भेंट चढ़ गया है और पांच सदस्यों के सामने छत का संकट पैदा हो गया है। गनीगांव निवासी पार्वती देवी पत्नी खड़क सिंह के परिवार के तीन लोग भी बेघर हो गए हैं। उधर काफलीगैर तहसील के सिमस्यारी निवासी विजय कुमार पुत्र आनंद लाल के मकान की दीवार क्षतग्रस्त हो गई है।
सड़ें हुईं अवरुद्ध
इधर, गरुड़-द्यौनाई, दोफाड़-पपों, कंधार-सिरमोली-लोहागढ़ी, बागेश्वर-कपकोट-तेजम, रावतसेरा-भाटा, डंगोली-सैलानी, कंधार-रौल्याना, सिमगढ़ी, कमेड़ीदेवी-भैसूड़ी, कपकोट-कर्मी और बघर मोटर मार्ग मलबा, पत्थर और भूस्खलन के कारण बंद हो गई हैं। जिससे लगभग दस हजार की जनसंख्या प्रभावित हो गई है। सरयू, गोमती का जलस्तर बढ़ने पर जिला प्रशासन ने अलर्ट जारी कर दिया है। जल पुलिस को बागनाथ मंदिर के घाट पर तैनात किया गया है। इसके अलावा डुगडुगी के जरिए नदी की तरफ जाने वालों को सचेत किया जा रहा है।
नाले में बहा युवक
सीमांत जिले पिथौरागढ़ में धारचूला के गलाती में घटियागागल पुल से नाले में गिर कर एक ग्रामीण युवक की मौत हो गई है। थल-मुनस्यारी मार्ग में वनिक के पास सड़क टूटने से 24 घंटे से मार्ग बंद है। मुनस्यारी आने जाने वाले भारी वाहन फंसे हुए हैं। चीन सीमा को जोडऩे वाला व्यास मार्ग खुल चुका है परंतु दारमा मार्ग 43वें दिन भी बंद है। तीन दर्जन से अधिक गांव अभी भी अलग थलग पड़े हैं।
धारचूला से मिली जानकारी के अनुसार बुधवार की देर सायं मल्ला गलाती धामीगांव के तोक चिचिन्या निवासी गोपाल सिंह (36 वर्ष) पुत्र लाल सिंह गलाती से अपने घर को जा रहा था। गलाती नदी में घटियागागल पुल से पार होते समय पैर फिसलने से नाले में गिर कर बह गया। ग्रामीण के नाले में गिरते ही ग्रामीण उसकी खोजबीन में जुट गए। सूचना मिलते ही एसडीआरएफ की टीम पहुंची। गुरु वार को युवक का शव पुल से दो किमी दूर नाले में मिला। एसडीआरएफ के जवानों ने रेस्क्यू कर शव को नाले से निकाला।
उत्तराखंड के मौसम का हाल
उत्तराखंड में आज शुक्रवार 30 जुलाई को ओरेंज अलर्ट है। राज्य मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह ने बताया कि आज उत्तरकाशी, देहरादून, टिहरी, पौड़ी, नैनीताल, बागेश्वर तथा पिथौरागढ़ जिले में कहीं कहीं तेज बौछार के साथ भारी बारिश का अनुमान है। कहीं कहीं गर्जन के साथ आकाशीय बिजली भी चमकेगी। 31 जुलाई और एक अगस्त को देहरादून, नैनीताल, बागेश्वर व पिथौरागढ़ जिले में कहीं कहीं तेज बौछार के साथ भारी बारिश की संभावना है।
Bhanu Bangwal
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।