दीप्ति रावत का हुआ विरोध तो बीजेपी ने डोईवाला से बृज भूषण गैरोला को उतारा मैदान में
उत्तराखंड में बीजेपी ने विधानसभा चुनावों के लिए 69 सीटों पर प्रत्याशियों की घोषणा पहले ही कर दी थी। वहीं, एकमात्र डोईवाला सीट पर प्रत्याशी के चयन पर पापड़ बेलने पड़ गए। फिर चर्चा हुई कि दीप्ति रावत को चुनाव मैदान में उतारा जा रहा है। इसका बीजेपी में कड़ा विरोध शुरू हो गया।

डोईवाला से दीप्ति रावत को प्रत्याशी बनाए जाने की संभावना के चलते स्थानीय टिकट के दावेदार विरोध कर रहे थे। दबाव में आकर पार्टी गैरोला को टिकट दे रही है। डोईवाला सीट पर पहली बार कांग्रेस और भाजपा ने स्थानीय प्रत्यशियों को मैदान में उतारा है।
राज्य बनने के बाद से ही बीजेपी की गढ़ रही डोईवाला सीट
डोईवाला सीट पर नजर डाली जाए तो उत्तराखंड राज्य बनने के बाद से ही ये भाजपा का गढ़ रही है। 2002 और 2007 के विधानसभा चुनाव में त्रिवेंद्र सिंह रावत विजयी रहे। हालांकि, 2002 के चुनाव में उनकी जीत का अंतर 1536 वोटों का था, मगर 2007 के चुनाव में यह अंतर 14127 वोट का हो गया। 2012 के चुनाव में त्रिवेंद्र को पार्टी ने रायपुर सीट पर चुनाव लड़ाया, जबकि उनके बदले भाजपा ने डा. रमेश पोखरियाल निशंक को डोईवाला सीट पर उतारा। निशंक ने चुनाव जीतकर भाजपा की झोली में लगातार तीसरी बार जीत दर्ज की। वर्ष 2014 में निशंक के लोकसभा का चुनाव लड़ने के बाद खाली हुई डोईवाला सीट पर पार्टी ने फिर त्रिवेंद्र को मौका दिया, लेकिन वह कांग्रेस के उम्मीदवार हीरा सिंह बिष्ट से चुनाव हार गए।
खास श्रेणी में है ये सीट
वर्ष 2017 में हुए चुनाव में त्रिवेंद्र ने यह सीट वापस पार्टी के खाते में ला दी। त्रिवेंद्र मुख्यमंत्री बने और यह सीट अति खास श्रेणी में आ गई। अब त्रिवेंद्र ने 2022 में चुनाव लड़ने से इन्कार कर दिया है तो पार्टी इस असमंजस में है कि डोईवाला में किस चेहरे पर दांव खेला जाए। अब पार्टी ने इस सीट के लिए बृज भूषण गैरोला पर दांव खेल लिया है।
Bhanu Bangwal
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।