ग्राफिक एरा में जी-20 का डिजिटल एग्रीकल्चर सम्मेलन शुरू
उत्तराखंड के देहरादून स्थित ग्राफिक एरा डीम्ड यूनिवर्सिटी के तत्वाधान में आयोजित जी-20 के ‘डिजिटल एग्रीकल्चर’ सम्मेलन में कृषि क्षेत्र में नयी तकनीकों के इस्तेमाल पर मंथन किया गया। ये दो दिवसीय सम्मेलन आज केपी नौटियाल आडिटोरियम में शुरू हो गया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
कार्यक्रम का उद्घाटन दीप प्रज्वलन से हुआ। भारतीय अनुसंधान वैज्ञानिक, डॉ. जय चंद राणा ने कहा कि देश काफी तेजी से प्रगति कर रहा है लेकिन कृषि उद्योग अभी भी कई चुनौतियों से जूझ रहा है। उन्होंने साथ मिलकर इन परेशानियों का सामना करने की बात कही। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान के वैज्ञानिक, डॉ. विनय कुमार सहगल और कैनेडा के वरिष्ठ प्रौद्योगिकी विशेषज्ञ, प्रो. रवनीत सिंह ने स्लाइड्स के जरिए खेती में तकनीक के बेहतरीन उपयोगों पर प्रकाश डाला। ग्राफिक एरा डीम्ड यूनिवर्सिटी के कुलपति, डॉ. नरपिंदर सिंह ने कहा कि आज के समय में खेती को सस्टेनेबल के साथ साथ लाभदायक बनाना बहुत कठिन है। इन चुनौतियों का सामना करने के लिए डिजिटल एग्रीकल्चर को अपनाना बहुत महत्वपूर्ण है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
सम्मेलन में ग्राफिक एरा ने डॉ. जय चंद राणा और डॉ. विनय कुमार सहगल को कृषि क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार से सम्मानित किया। इस मौके पर ग्राफिक एरा हिल यूनिवर्सिटी के कुलपति, प्रो. संजय जसोला भी मौजूद रहे।
नोटः सच का साथ देने में हमारा साथी बनिए। यदि आप लोकसाक्ष्य की खबरों को नियमित रूप से पढ़ना चाहते हैं तो नीचे दिए गए आप्शन से हमारे फेसबुक पेज या व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ सकते हैं, बस आपको एक क्लिक करना है। यदि खबर अच्छी लगे तो आप फेसबुक या व्हाट्सएप में शेयर भी कर सकते हो।
लोकसाक्ष्य पोर्टल पाठकों के सहयोग से चलाया जा रहा है। इसमें लेख, रचनाएं आमंत्रित हैं। शर्त है कि आपकी भेजी सामग्री पहले किसी सोशल मीडिया में न लगी हो। आप विज्ञापन व अन्य आर्थिक सहयोग भी कर सकते हैं।
भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।