मघुमेह रोगी करें नियमित योग और व्यायाम, होंगे अनेक फायदे, सेहत रहेगी दुरुस्तः डॉ. मीनू सिंह
विश्व मधुमेह दिवस 14 नवंबर के उपलक्ष्य में एम्स ऋषिकेश की ओर से हर दिन लोगों को मधुमेह के प्रति जागरूक करने का प्रयास किया जा रहा है। इसके तहत संस्थान के विशेषज्ञ इस बीमारी के लक्षण और बचाव आदि की जानकारी दे रहे हैं। इसी कड़ी में संस्थान की कार्यकारी निदेशक प्रोफेसर मीनू सिंह ने बताया कि यदि हम नियमित तौर से व्यायाम करें तो डायबिटीज को नियंत्रित कर सकते हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
डॉक्टर मीनू सिंह ने बताया कि शारीरिक व्यायाम एक मुख्य घटक है, जो जीवन शैली को सुधारने का काम करता है। टाइप 1 मधुमेह या टाइप 2 मधुमेह या प्रीडायबिटीज वाले बच्चों और किशोरों को प्रति दिन 60 मिनट या अधिक मध्यम या जोरदार तीव्रता वाली एरोबिक गतिविधि में संलग्न होना चाहिए। इसमें कम से कम 3 दिन/सप्ताह में जोरदार मांसपेशियों को मजबूत करने और हड्डियों को मजबूत करने वाली गतिविधियां शामिल होनी चाहिए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने कहा कि टाइप 1 मधुमेह और टाइप 2 मधुमेह वाले अधिकांश वयस्कों को प्रति सप्ताह 150 मिनट या उससे अधिक की मध्यम से तीव्र तीव्रता वाली एरोबिक गतिविधि में संलग्न होना चाहिए, जो कम से कम 3 दिन/सप्ताह में फैली हुई हो। लचीलेपन, मांसपेशियों की शक्ति और संतुलन को बढ़ाने के लिए व्यक्तिगत प्राथमिकताओं के आधार पर योग और ताई ची को शामिल किया जा सकता है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने बताया कि टाइप 2 मधुमेह वाले लोगों के लिए, मन-शरीर प्रथाओं – योग, गहरी साँस लेना और ध्यान जैसी चीजों का उपयोग – रक्त शर्करा (रक्त शर्करा) के स्तर को और कम कर सकता है। मन-शरीर व्यायाम न केवल मन को शांत और आराम देने में मदद करते हैं, जिससे किसी को इस समय अधिक उपस्थित रहने की अनुमति मिलती है, बल्कि वे शरीर में सकारात्मक बदलाव भी ला सकते हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
मधुमेह रोगियों को व्यायाम के लाभ
1.मन प्रसनचित्त रहता है
2.शुगर की बीमारी से रोकथाम में सहायक
3.शुगर पर अच्छा कंट्रोल
4.रक्तचाप को कंट्रोल करने में सहायक
5.कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल करने में सहायक
6.मासपेशियों को शक्ति प्रदान करने में सहायक
7.हृदयघात से बचाव में सहायक
8.शुगर की दवाओं की मात्रा को कम करने में सहायक
9.बजन को नियंत्रित करने में सहायक
10.मधुमेह एवं उससे होने वाली जटिलताओं के इलाज में होने वाले खर्च को कम करने में सहायक। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
1.योग, जिसमें शारीरिक मुद्रा, एकाग्रता और गहरी सांस लेने का उपयोग किया जाता है।
2.माइंडफुलनेस-आधारित तनाव में कमी, एक ध्यान रणनीति जो मूल रूप से तनाव को प्रबंधित करने के लिए डिज़ाइन की गई है।
ध्यान और सचेतनता के कुछ अन्य लाभ
•निम्न रक्तचाप
•तनाव और अवसाद में कमी
•दर्द के लक्षणों में सुधार
•बेहतर नींद की गुणवत्ता
•वजन पर काबू (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
मधुमेह के रोगियों के लिए व्यायाम के प्रकार
शक्ति – गतिविधियां जो किसी काम को करने या किसी भार का प्रतिरोध करने के लिए मांसपेशियों की शक्ति का इस्तेमाल करती है।
ऐरोबिक – इसमें बड़ी मांसपेशियों के समूह का उपयोग किया जाता है तथा लगातार लम्बे समय तक ऑक्सीजन की जरूरत होती है।
लचीलापन – जोड़ों के मोशन की रेंज को बढ़ाना। यह जोड़ों की गति की सीमा को बनाये रखता है या बढ़ाता भी है।
एंड्यूरेंस – यह निम्न आवेग में किसी व्यायाम को बार-बार लम्बे समय तक दोहराना प्रदर्शित करता है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
ऐसी परिस्थिति में बंद करें व्यायाम
1.ब्ल्ड ग्लूकोस >250 मिग्रा/डीएल
2.पैरों में झुनझुनाहट/दर्द/सुन्न होना
3.चक्कर आना उल्टी होना और धुंधला दिखाई देना- ऐसे लक्षण जो रक्त शर्करा के बढ़ने के लक्षण हैं।
4.छाती का दर्द हो। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
पैरिफरल न्यूरोपैथी मधुमेह रोगी के लिए व्यायाम में सावधानी
•पैरिफिरल न्यूरोपैथी से पैरों में संवेदना कम या समाप्त हो जाती है।
•एक संवेदनहीन पैर से बार-बार व्यायाम करना अल्सरेशन तथा हड्डी के टूटने का ख़तरा पैदा करता है।
•भार उठाने वाले व्यायाम (ट्रेडमिल, चलना, जॉगिंग) को सीमित करें।
•व्यवस्थित रूप से जूते पहने तथा हमेशा पैरों का ध्यान करें। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
ऑटोनोमिक न्यूरोपैथी के साथ रोगी
•रक्त शर्करा के लक्षणों को ध्यान से देखें।
•सायलेंट हार्ट अटैक के लक्षणों को ध्यान से देखें (जैसे की सांस लेने में परेशानी, पसीना आना या उठते समय चक्कर आना) ।
•व्यायाम के समय रक्तचाप (बी.पी) तथा हृदय गति का ध्यान रखें।
•यह अवस्था व्यायाम की क्षमता को सीमित कर सकती है और व्यायाम के दौरान हृदय रोग के जोखिम को बढ़ा सकती है।
वे रोगी जिन्हें थरमों रेगुलेशन के साथ है परेशानी
•गर्म तथा ठंडे वातावरण में व्यायाम करने से बचें।
•पर्याप्त हाइड्रेशन को प्रोत्साहित करें। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
मधुमेह रोगी इन योगासन को करें
योग शारीरिक गतिविधि, तनाव में कमी और सचेतनता को बढ़ावा देकर मधुमेह के प्रबंधन के लिए एक समग्र दृष्टिकोण प्रदान करता है। नियमित अभ्यास से इंसुलिन संवेदनशीलता बढ़ सकती है, रक्त शर्करा के स्तर में सुधार हो सकता है और वजन प्रबंधन में योगदान हो सकता है। योग में आसन, प्राणायाम और ध्यान एक संतुलित जीवनशैली बनाने में मदद करते हैं, जिससे मधुमेह वाले व्यक्तियों के लिए समग्र कल्याण को बढ़ावा मिलता है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
कपालभाति, अनुलोम-विलोम, मंडूकासन, पवनमुक्त आसन, पर्वतासन, वज्रासन, बालासन, भुजंगासन जैसे कुछ योग आसन मधुमेह रोगियों के लिए बहुत उपयोगी हैं। रोगियों को ये आसन अपने उपचार करने वाले चिकित्सक से उचित परामर्श के बाद और किसी योग विशेषज्ञ के मार्गदर्शन में करना चाहिए।
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।