कांग्रेस मेनिफेस्टो के लिए मार्गदर्शन मांगने हेस्को पहुंचे धस्माना, डॉ. अनिल जोशी ने दिया ये सुझाव

डॉक्टर जोशी ने धस्माना का हेस्को में आने के लिए धन्यवाद करते हुए उनका स्वागत किया और कहा कि वे और उनका मिशन गैर राजनीतिक है। फिर भी उनका यह मानना है कि सरकारों को अपने एजेंडे में सबसे ऊपर पर्यावरणीय चिंताओं व उनके समाधान को रखना चाहिए और उसमें अपनी मिट्टी, जल जंगल और हवा पर विशेष ध्यान देना चाहिए। उन्होंने कहा कि होता इसके ठीक विपरीत है। चुनावों में वादे बहुत होते हैं पर सरकार बन जाने पर वादों पर अमल कम होता है। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार से 2013 व पिछले पखवाड़े में कुमाऊं मंडल में आपदाएं आईं, रिणी चमोली में सैलाब आया, उसने पूरे मध्य हिमालय में भूगर्भीय चिंताएं बड़ा दी हैं। इसलिए अब यह जरूरी हो गया है कि हमारे राज्य की सरकारें पर्यावरणीय मसलों पर गंभीर और संवेन्दनशीलता हों।
डॉ. जोशी ने कहा कि उत्तराखंड में जल संरक्षण, वन नीति व खनन जैसे मामलों में ठोस व वैज्ञानिक दृष्टि से नीतियां तैयार होनी चाहिए। जल संकट, स्वास्थ्य सेवाओं व कमजोर कनेक्टिविटी व रोजगार के सीमित सांसाधन पलायन का मुख्य कारण बने हुए हैं और इनको ठीक प्रकार से संबोधित नहीं किया जा रहा। इसके कारण गांव के गांव खाली हो रहे हैं जो हर दृष्टि से प्रदेश व देश के लिए खतरनाक हो सकता है। इसलिए इस समस्या पर गंभीरता से काम किया जाना चाहिए। उन्होनें पर्यटन तीर्थाटन व रोजगार की एकीकृत नीति बना कर इसे रोजगार का एक बड़ा व स्थायी जरिया बनाये जाने की आवश्यकता पर भी जोर दिया।
डॉक्टर जोशी ने परंपरागत खेती के तरीकों में सुधार व चकबंदी की आवश्यकता पर भी काम किये जाने की आवश्यकता पर बल दिया। धस्माना ने डॉक्टर जोशी को उनके अमूल्य सुझाव व समय देने के लिए धन्यवाद ज्ञापित करते हुए उन्हें आश्वासन दिया कि उनके सुझावों को मैमिफेस्टो कमेटी प्राथमिकता के आधार पर सपने घोषणा पत्र में सम्मिलित करेगी।
Bhanu Bangwal
लोकसाक्ष्य पोर्टल पाठकों के सहयोग से चलाया जा रहा है। इसमें लेख, रचनाएं आमंत्रित हैं। शर्त है कि आपकी भेजी सामग्री पहले किसी सोशल मीडिया में न लगी हो। आप विज्ञापन व अन्य आर्थिक सहयोग भी कर सकते हैं।
वाट्सएप नंबर-9412055165
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।