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December 23, 2024

उत्तराखंड में 929 अतिथि शिक्षक के पद रिक्त होने के दावे पर धामी सरकार कर रही गुमराहः सुजाता पॉल

उत्तराखंड प्रोफेशनल्स कांग्रेस की उपाध्यक्ष व प्रदेश कांग्रेस कमेटी की मीडिया पैनेलिस्ट सुजाता पॉल ने कहा कि उत्तराखंड में पुष्कर धामी सरकार ने 929 रिक्त अतिथि शिक्षक पद पर भर्ती की बात को जोर शोर से प्रसारित करके राज्य को गुमराह किया है। यही नहीं उन्होंने गृह जनपद में तैनात अतिथि शिक्षकों के साथ अन्याय करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत की ओर से 5 नवंबर 2022 को विद्यालयी शिक्षा को लिखे पत्र में परफॉरमेंस ग्रेडिंग इंडेक्स का बहाना लेकर लम्बे समय से एक ही जगह पर तैनात अधिकारीयों/कार्मिकों को अन्यत्र स्थानों पर तैनात करने को कहा। इसमे अतिथि शिक्षक को परोक्ष रूप से हटाने का तरीका ढूंढा गया है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

उन्होंने कहा कि अतिथि शिक्षकों को वर्ष 2022 में ग्रीष्मकालीन अवकाश का वेतन भी नहीं दिया गया। इन शिक्षकों को मेडिकल इत्यादि की सुविधा भी नहीं होती है। इसी कारण गृह जनपद में इन्हे तैनाती दिए जाने का फैसला लिया गया था। इन्हे स्थाई नियुक्ति देने के स्थान पर गृह जनपद से इनका हस्तांतरण किया जा रहा है, जो इनके साथ अन्याय है। दूसरी और स्थाई शिक्षकों को इन पदों पर नियुक्ति कर सरकार बैकडोर से अपने लोगों की तैनाती करवाने का नया तरीका लाइ है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

सुजाता पॉल ने कहा कि सरकार ये बताए कि ठेकेदारी प्रथा के तहत की जा रही इन नियुक्तियों का सिलेक्शन मानदंड, नियम, कायदा क्या है? क्या शिक्षकों की भर्ती उत्तराखंड लोक सेवा आयोग के तहत नहीं किया जाना चाहिए सरकार की प्राथमिकता अतिथि शिक्षकों को स्थाई नौकरी देने की होनी चाहिए थी। परन्तु असंवेदनशील धामी सरकार अब बेरोज़गारों की सूची में अतिथि शिक्षकों का नाम भी जोड़ने जा रही है। इसकी जितनी भर्तसना की जाए, कम है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

उत्तराखंड प्रोफेशनल्स कांग्रेस की उपाध्यक्ष ने कहा कि अतिथि शिक्षकों को वर्ष 2018 में भाजपा सरकार द्वारा कहा गया कि उनका वेतन ₹15000 से ₹25000 करा जाएगा, परन्तु यह नहीं हुआ। विधानसभा चुनाव से कुछ समय पहले कैबिनेट द्वारा जनवरी 2022 में पास किए गए में धामी सरकार द्वारा प्रचारित ‘7 महत्वपूर्ण निर्णय’ में से पहले बिंदु पर इसकी मंज़ूरी दी गई। इसमें यह भी कहा गया कि कार्यरत अतिथि शिक्षकों को प्राथमिकता के आधार पर गृह जनपदों में ही नियुक्ति दी जाएगी तथा इनके पदों को रिक्त नहीं समझा जाएगा। इस पर तत्कालीन सरकार के शासकीय प्रवक्ता सुबोध उनियाल ने कैबिनेट के फैसलों से मीडिया को अवगत भी करवाया था। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

उन्होंने कहा कि अब अपनी बात से पीछे हटते हुए सचिव रविनाथ रमन ने माध्यमिक शिक्षा के निदेशक को पत्र लिख कर माध्यमिक शिक्षा विभाग के राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में कुल 5034 रिक्त पदों पर गेस्ट टीचर की नियुक्ति तैनाती किए जाने के लिए प्रदान की गई पूर्व अनुमति के क्रम में 5034 पदों में से वर्तमान में रिक्त 9 पदों पर गणित अंग्रेजी एवं विज्ञान विषयों में गेस्ट टीचर की नियुक्ति तैनाती उपरोक्त वर्णित शासनादेश दिनांक 22 11 2018 द्वारा निर्धारित प्रक्रिया एवं मानदेय तथा शासनादेश संख्या 1530 दिनांक 26 अगस्त 2021 द्वारा पुनरीक्षित मानदेय रुपए 25000 के अनुसार किए जाने की अनुमति प्रदान करने की बात कही है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

उन्होंने कहा कि यह उत्तराखंड के अतिथि शिक्षकों के साथ छलावा है और सरकार को इस पर जवाब देना होगा कि उन्होंने जनवरी 2022 में कैबिनेट में जो निर्णय लिया वो उससे पीछे क्यों हट रही है और किसको फायदा पहुंचाने के लिए इस प्रकार का निर्णय ले रही है। केवल प्रचार के लिए रिक्त पद निकाले गए है जबकि इन पदों पर कार्यरत शिक्षकों को स्थाई नौकरी देने का चुनावी वादा धामी सरकार द्वारा किया गया था।

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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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