Loksaakshya Social

Social menu is not set. You need to create menu and assign it to Social Menu on Menu Settings.

Social menu is not set. You need to create menu and assign it to Social Menu on Menu Settings.

December 23, 2024

अपनी नाकामियों को छिपाने के लिए मीडिया मैनेजमेंट कर जश्न मना रही है धामी सरकारः करन माहरा

उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा ने उत्तरकाशी के सिलक्यारा टनल में चले बचाव कार्य और भाजपा द्वारा किए जा रहे प्रचार प्रसार पर प्रश्न खड़े किए। उन्होंने कहा कि बीजेपी सरकार अपनी नाकामियों को छिपाने के लिए मीडिया मैनेजमेंट कर जश्न मना रही है। एक बयान में माहरा ने कहा कि निश्चित ही 17 दिनों बाद सिलक्यारा टनल से श्रमिकों की साकुशल वापसी कोई साधारण बात नहीं थी। इसके लिए मजदूरों, कर्मचारियों, अधिकारी, एनडीआरफ एवं पुलिस के जवानों तथा विशेषज्ञों का बहुत बड़ा योगदान था। वहीं, भाजपा द्वारा अपने राजनीतिक हित साधने के लिए प्रधानमंत्री तथा मुख्यमंत्री को केवल महिमामंडित करना कतई उचित नहीं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

करन माहरा ने कहा कि मैंने पहले भी कहा है कि भाजपा सिलक्यारा टनल हादसे को एक इवेंट बना रही है और अपनी “पीआर” कर अपनी कुत्सित मानसिकता का परिचय दे रही है। मजदूरों एवं कर्मचारियों द्वारा किए गए कामों का यदि श्रेय धामी सरकार को लेना है तो सरकार को इस बात का भी जवाब देना होगा कि सात फरवरी 2021 को चमोली के रैणी ऋषि गंगा में आई बाढ़ के कारण रैणी ऋषि गंगा परियोजना में काम करने वाले 105 लोगों की मौत कैसे हो गई थी। यहां भी टनल में फंसने से मौत हुई थी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

उन्होंने कहा कि वहां टनल खोलने में तीन दिन का समय लगा। इस हादसे में टनल में फंसे 105 लोगों के शव तो मिल गये थे, जबकि 204 लोग लापता हो गए थे। उसके बाद उत्तराखंड के चमोली में अलकनंदा नदी के किनारे नमामि गंगे ऑफिस के सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट में अर्थिंग में खामी की वजह से करंट फैला। इसमे 16 लोगों की मौत हो गई थी। सात लोग घायल हुए थे। इस हादसे में 22 लोग करंट की चपेट में आए थे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में समय समय पर भाजपा सरकार की नाकामियों और कुप्रबंधन की वजह से बहुत सी दुर्घटनाएं हुईं और सैकड़ो लोगों ने अपनी जान गवाई है। क्या इन पर कभी भाजपा ने सार्वजनिक रूप से देश-प्रदेश की जनता से क्षमा मांगी है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

उन्होंने कहा कि 12 नवंबर को सिलक्यारा टनल हादसे के बाद मुख्यमंत्री से लेकर प्रभारी मंत्री प्रभावित क्षेत्र से नदारद रहे। हकीकत यह है कि ऐसी विकट परिस्थितियों में प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री मध्यप्रदेश, राजस्थान व तेलंगाना चुनाव में व्यस्त रहे। इससे सरकार की प्राथमिकता और संवेदनहीनता स्पष्ट हो रही थी। इस बीच सरकार द्वारा अपनाए जा रहे सभी प्रयास विफल हो रहे थे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

उन्होंने कहा कि उत्तरकाशी के सिलक्यारा टनल बचाव कार्यों में तमाम विदेशी मशीनें तथा सरकार का आपदा प्रबंधन पूरी तरह से नाकाम सिद्ध हो रहा था। 17 दिन तक सुरंग में फँसे इन मज़दूरों को निकालने के लिए जब मशीनी प्रयास नाकाम हुए तो आख़िर में रैट माइनर्स को लगाया गया। जिन्होंने हाथ से खुदाई करते हुए फँसे हुए मज़दूरों को निकाला। ऐसे में मुख्यमंत्री का क्या बड़ा योगदान रहा है, इसे समझा जा सकता है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

उन्होंने कहा कि आज जब मुख्यमंत्री को अपनी नाकामियों को स्वीकार करना चाहिए और टनल का निर्माण करने वाली नवयुग कंपनी पर तत्काल कार्रवाई की बात करनी चाहिए थी। उस पर सरकार मौन है। क्या यहां पर भी कोई वीआईपी मौजूद है, जिसको बचाने का प्रयास धामी सरकार कर रही है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि सिलक्यारा टनल निर्माण हादसे को लेकर कांग्रेस पार्टी विपक्ष की भूमिका निभाते हुए रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान कर्मियों को उजागर करते हुए सरकार को चेताने और जगाने का काम करती रही। वहीं सत्ताधारी भाजपा के नेता लगातार कांग्रेस पर राजनीति करने का आरोप लगाते रहे, जो कतई उचित नहीं है। कांग्रेस सदैव जनहित में राजनीति करती है ना की भाजपा की तरह इवेंट मैनेजमेंट करती है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

ये है घटनाक्रम
गौरतलब है कि जनपद उत्तरकाशी के यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर धरासू एवं बड़कोट के मध्य सिल्क्यारा के समीप लगभग 4531 मीटर लम्बी सुरंग का निर्माण हो रहा है। इसमें सिल्क्यारा की तरफ से 2340 मीटर तथा बड़कोट की तरफ से 1600 मीटर निर्माण हो चुका है। इसमें 12 नवम्बर 2023 की सुबह सिल्क्यारा की तरफ से लगभग 270 मीटर अन्दर लगभग 30 मीटर क्षेत्र में ऊपर से मलबा सुरंग में गिर गया था। इसमें 41 व्यक्ति फँस गए। उसी दिन से श्रमिकों को बाहर निकालने के लिए रेस्क्यू अभियान शुरु किया गया। टनल के अंदर फंसने वाले मजदूर बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश के थे। चारधाम रोड प्रोजेक्ट के तहत ये टनल बनाई जा रही है। मंगलवार 28 नवंबर की रात रेस्क्यू के 17वें दिन श्रमिकों को बाहर निकाल लिया गया।
नोटः सच का साथ देने में हमारा साथी बनिए। यदि आप लोकसाक्ष्य की खबरों को नियमित रूप से पढ़ना चाहते हैं तो नीचे दिए गए आप्शन से हमारे फेसबुक पेज या व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ सकते हैं, बस आपको एक क्लिक करना है। यदि खबर अच्छी लगे तो आप फेसबुक या व्हाट्सएप में शेयर भी कर सकते हो।

+ posts

लोकसाक्ष्य पोर्टल पाठकों के सहयोग से चलाया जा रहा है। इसमें लेख, रचनाएं आमंत्रित हैं। शर्त है कि आपकी भेजी सामग्री पहले किसी सोशल मीडिया में न लगी हो। आप विज्ञापन व अन्य आर्थिक सहयोग भी कर सकते हैं।
भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You cannot copy content of this page