डीजीपी ने पुलिस के लापरवाह कार्मिकों को दी सजा, मुस्तैद को दिया पुरस्कार, वापस किए लोगों के मोबाइल
उत्तराखंड पुलिस फिलहाल कुछ अलग करने का प्रयास कर रही है। इस कड़ी में लापरवाह कार्मिकों को सजा दी जा रही है। वहीं, मुस्तैद कार्मिकों को सम्मानित किया जा रहा है। साथ ही डीजीपी ने लोगों के छीने मोबाइल जो पुलिस ने बरामद किए वे भी लौटाए। पुलिस का दावा है कि अब तक एक करोड़ 12 लाख रुपये के मोबाइल मोबाइल रिकवरी सेल बरामद कर चुकी है।
पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये देहरादून, हरिद्वार और नैनीताल जनपद की वीभिन्न शिकायतों को सुना। ये वे शिकायतें थी, जहां शिकायतकर्ता जनपद पुलिस की जांच से संतुष्ट नहीं थे। इसकी डीजीपी ने समीक्षा की।
हरिद्वार की शिकायत
समीक्षा के दौरान जनपद हरिद्वार के एक प्रकरण में, बहादराबाद निवासी विवेक कुमार ने दिनांक 30 सितम्बर 2020 को प्रेषित अपने शिकायती प्रार्थना पत्र में विवेचक पर आरोप लगाते हुए उल्लेख किया गया था कि उसके विरूद्ध थाना बहादराबाद में पंजीकृत धोखाधड़ी से संबंधित एक अभियोग में विवेचक उस पर समझौता करने का दबाव बना रहा है।
विवेचना अधिकारी के निलंबन के आदेश
इस शिकायत की समीक्षा में जनपद प्रभारी, थाना प्रभारी, जांच अधिकारी, विवेचना अधिकारी और शिकायतकर्ता यथास्थान से मौजूद रहे। इस दौरान जीजीपी अशोक कुमार ने प्रकरण से सम्बन्धित जांच पत्रावली की समीक्षा की। साथ ही सभी लोगों का पक्ष सुनने के पश्चात सम्बन्धित विवेचना अधिकारी को दोषपूर्ण मानते हुए तत्काल प्रभाव से निलम्बित करने के आदेश दिए। प्रकरण की जांच समय से सहायक पुलिस अधीक्षक, हरिद्वार को प्रेषित न करने पर सम्बन्धित प्रधान लिपिक का उत्तरदायित्व तय करने के निर्देश भी दिए। साथ ही कहा कि प्रकरण की जांच सक्षम अधिकारी से कराते हुए 15 दिवस के भीतर रिपोर्ट प्रेषित करने के लिए हरिद्वार के एसएसपी को निर्देशित किया।
लापरवाही पर दून से गढ़वाल में तबादले के आदेश
संजय निवासी ग्राम भलस्वागाज, झबरेड़ा, हरिद्वार ने पुलिस मुख्यालय आकर बताया कि उनके भाई की गुमशुदगी के संबंध में थाना पटेलनगर में अभियोग पंजीकृत है। इसमें तत्कालीन जांचकर्ता उपनिरीक्षक सुरेश कुमार ने उनको सहयोग नहीं दिया। न ही उस पर कोई कार्यवाही की जा रही है। इस पर डीजीपी ने मामला संज्ञान लेते हुए प्रकरण की जांच कराई। जांच में विवेचक उपनिरीक्षक सुरेश कुमार को ठोस साक्ष्य संकलन न करने एवं विवेचना में शिथिलता बरतने का दोषी पाया गया। इस आधार पर डीजीपी ने पुलिस उप महानिरीक्षक गढ़वाल परिक्षेत्र को उपनिरीक्षक सुरेश कुमार को उनके कार्यों के प्रति उदासीनता व घोर लापरवाही बरतने के लिए तत्काल प्रभाव से जनपद देहरादून से दूरस्थ पर्वतीय जनपद में स्थानान्तरित करने एवं उसके विरूद्ध विभागीय कार्यवाही के लिए निर्देशित किया।
एंटी ड्रग्स एवं टास्क फोर्स व साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन की समीक्षा
डीजीपी अशोक कुमार ने एसटीएफ एवं उसकी सभी शाखाओं एन्टी ड्रग्स टास्क फोर्स व साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन का निरीक्षण कर उनके कार्यों की समीक्षा कर निम्न दिशा-निर्देश दिए।
-प्रदेश के कुल 202 ईनामी अपराधियों में से 5000 रूपए से अधिक ईनामी राशि वाले 91 ईनामी अपराधियों की गिरफ्तारी के लिए एसटीएफ को निर्देशित किया गया।
-वर्ष में कम से कम 50 ईनामी अपराधियों को गिरफ्तार किया जाए।
-सक्रिय गैंग जो पंजीकृत नहीं हैं, उन्हें पंजीकृत किया जाए।
-लम्बे समय से जिन ईनामी अपराधियों की गिरफ्तारी नहीं हो पा रही है, उनकी ईनामी राशि बढ़ायी जाए।
-साइबर क्राइम से सम्बिन्धित शिकायतों में अभियोग पंजीकृत कर कार्यवाही की जाए।
-एडीटीएफ और अधिक सक्रिय किये जाने हेतु निर्देशित किया।
-आदतन ड्रग्स बेचने वालों एवं उनके सरगनाओं पर कार्यवाही करें।
-ड्रग्स माहियाओं के विरूद्ध गैंगस्टर के अन्तर्गत कार्यवाही एवं उनकी अवैध रूप से अर्जित सम्पत्ति की कुर्की की जाए।
-01 जनवरी से ऊधसिंहनगर के पन्तनगर में अस्थायी रूप से साईबर थाना खोला जाएगा, जिससे कुमाऊँ परिक्षेत्र की जनता को बैंकिंग धोखाधड़ी, ऑनलाइन शॉपिंग, मनी ट्रांजेक्शन, सोशल मीडिया सम्बन्धी मामलों की शिकायत दर्ज कराने में आसानी होगी।
-CDR आदि का दुरूपयोग करने की शिकायत प्राप्त होने पर सम्बन्धित के विरूद्ध कार्यवाही की जाएगी।
मोबाइल किए सुपूर्द
इस अवसर पर पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन के मोबाइल रिकवरी सेल की ओर से बरामद किये गये मोबाइल उनके स्वामियों के सुपूर्द किये। मोबाइल रिकवरी सेल ने इस वर्ष अब तक कुल 756 मोबाइल फोन बरामद किये हैं। इनकी अनुमानित कीमत लगभग 01 करोड़ 12 लाख रुपये है। इसके साथ ही उत्कृष्ट कार्य करने वाले एसटीएफ एवं साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन के कर्मियों को प्रशस्ति-पत्र देकर सम्मानित भी किया।
इस अवसर पर पुलिस उप महानिरीक्षक, एसटीएफ नीलेश आनन्द भरणे, पुलिस अधीक्षक एसटीएफ अजय सिंह, पुलिस उपाधीक्षक साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन अंकुश मिश्रा सहित अन्य पुलिस अधिकारी उपस्थित रहे।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।