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December 14, 2024

उत्तराखंड में साइबर क्राइम पर अंकुश लगाने को डीजीपी ने दिए ये निर्देश, शीतकालीन यात्रा के एक्शन प्लान पर जोर

उत्तराखंड के पुलिस महानिदेशक दीपम सेठ ने साइबर अपराधों पर अंकुश लगाने एवं उत्तराखंड पुलिस को साइबर क्राइम के क्षेत्र में और अधिक सुदृढ़ व तकनीकी रुप से सशक्त करने के निर्देश दिए। ये निर्देश पुलिस मुख्यालय स्थित सभागार में आयोजित गोष्ठी में दिए गए। साथ ही उन्होंने शीतकालीन यात्रा को लेकर एक्शन प्लान तैयार करने पर जोर दिया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

पुलिस महानिदेशक दीपम सेठ ने साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन देहरादून के कार्यों एवं जनशक्ति की समीक्षा की। उन्होंने साइबर क्राइम की शिकायतों का रजिस्ट्रेशन बढ़ाने एवं वर्कआउट प्रतिशत बढ़ाने के निर्देश दिये। साथ ही उत्तराखंड पुलिस को साइबर क्राईम के क्षेत्र में सशक्त बनाने के लिये विचार विर्मश किया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

दिए ये निर्देश
•साइबर अपराधों पर अंकुश लगाने हेतु बैंकिंग सैक्टर की भूमिका निर्धारित करते हुये सभी नोडल अधिकारियों को इस सम्बन्ध में एसओपी जारी करने के लिए निर्देशित किया गया।
•साइबर अपराधों पर प्रभावी अंकुश लगाने के लिए राज्य स्तर पर एक स्टेट साइबर क्राईम हेडक्वार्टर (S4C), साईबर सेंटर ऑफ एक्सलेंस स्थापित किये जाने के लिए शासन से पत्राचार करने को निर्देशित किया। इससे राज्य में साइबर पुलिस बल को आधुनिक एवं तकनीकी रूप से और अधिक कुशल बनाया जा सकें।
•साइबर अपराधों अंकुश लगाने के लिए प्रत्येक जिला स्तर पर एक साइबर थाना खोलने के लिए शासन को प्रस्ताव भेजे जाने एवं साइबर थाना कुमाँऊ व गढ़वाल परिक्षेत्र की जन शक्ति में वृद्धि करने का निर्णय लिया गया।
•चंडीगढ़ पुलिस की ओर से 1930 हेल्पलाइन के क्रियान्वयन एवं साईबर क्राइम पर की जा रही कार्रवाई का अध्ययन करने के लिए एक टीम को चंडीगढ़ भेजने के लिए निर्देशित किया गया।(खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

•साइबर क्राइम से बचाव के लिए जनजागरूकता सबसे महत्वपूर्ण है। इस पर विशेष ध्यान देते हुए आमजन को साईबर क्राइम एवं उसके Modus Operandi के सम्बन्ध में जागरूक किया जाए।
•साइबर अपराधों की रोकथाम के लिए अधिक से अधिक पुलिस बल को साइबर संबंधी प्रशिक्षण दिये जाने तथा प्रत्येक जिले में प्रशिक्षित साइबर सैल कर्मियों को साइबर सैल, साइबर थाने पर नियुक्त किये जाने के सम्बन्ध में निर्देशित किया गया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
ये रहे मौजूद
गोष्ठी में अपर पुलिस महानिदेशक प्रशासन, अभिसूचना, पीएसी, सीसीटीएनएस, दूरसंचार एपी अंशुमान, पुलिस महानिरीक्षक अपराध एवं कानून व्यवस्था नीलेश आनन्द भरणें, पुलिस महानिरीक्षक कार्मिक अनंत शंकर ताकवाले, पुलिस उप महानिरीक्षक पी एंड एम, एसटीएफ सेंथिल अब्दई कृष्ण राज एस, पुलिस उप महानिरीक्षक अपराध एवं कानून व्यवस्था पी रेणुका देवी, जीआरपी सहित अन्य अधिकारी, कर्मचारीगण उपस्थित रहे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

 

चारधाम शीतकालीन यात्रा को लेकर चर्चा
शीतकालीन चारधाम यात्रा में धामों के शीतकालीन प्रवास स्थलों पर त्रुटिरहित सुरक्षा, सुव्यवस्थित यातायात व्यवस्था एवं सुगम व सुरक्षित यात्रा के दृष्टिगत उत्तराखंड के पुलिस महानिदेशक दीपम सेठ ने वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक देहरादून, हरिद्वार, रूद्रप्रयाग, चमोली एवं उत्तरकाशी को आवश्यक निर्देश दिए। शीतकालीन यात्रा के लिए एसओपी बनाने एवं उनके द्वारा की जा रही तैयारियों के अतिरिक्त उन्होंने विभिन्न बिन्दुओं पर भी कार्रवाई के लिए निर्देशित किया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

यात्रा को लेकर दिए ये निर्देश
•शीतकालीन चारधाम यात्रा के सफल संचालन के लिए सम्बन्धित जनपदों में एक राजपत्रित स्तर के पुलिस अधिकारी को नोड़ल अधिकारी नामित किया जाए। चारधाम यात्रा का एक्शन प्लान तैयार कर उसके अनुरूप कार्रवाई सुनिश्चित की जाए।
•चारों धामों के शीतकालीन प्रवास स्थलों एवं यात्रा मार्गों पर आवश्यकतानुसार पुलिस बल का प्वाइंटवार व्यवस्थापन किया जाए।
•शीतकालीन चारधाम यात्रा के दौरान प्रतिदिन आने वाले श्रद्धालुओं, वाहनों आदि की जानकारी गढ़वाल परिक्षेत्र के माध्यम से पुलिस मुख्यालय को उपलब्ध करायी जाए।
•चारों धामों के शीतकालीन प्रवास स्थलों में मंदिर समितियों के पदाधिकारियों के साथ समन्वय बैठक कर सुरक्षा सम्बन्धी रूपरेखा तैयार कर ली जाए।
•सुरक्षा सम्बन्धी रूपरेखा में चारों धामों के शीतकालीन प्रवास स्थलों में यात्रियों की सुरक्षा के साथ-साथ सभी प्रकार की आकस्मिक घटनाओं यथा- आंतकी हमला, बम विस्फोट, भूकम्प, भू-स्खलन, दैवीय आपदा एवं भीषण दुर्घटना आदि के सम्बन्ध में त्वरित प्रतिक्रिया के उद्देश्य से पृथक-पृथक Contingency Plans तैयार कर लिये जाए।
•चारों धामों के शीतकालीन प्रवास स्थलों में नियुक्त समस्त पुलिस बल को सुरक्षा योजना एवं भीड़ नियंत्रण के सम्बन्ध में पूर्व से ही ब्रीफ करते हुए त्रुटिरहित सुरक्षा व्यवस्था के सम्बन्ध में आवश्यक दिशा-निर्देश निर्गत किये जाएं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

•यात्रा सीजन के दौरान चयनित आपदा सम्भावित क्षेत्रों में पूर्व से ही जनपदों में नियुक्त आपदा प्रबन्धन टीम एवं एसडीआरएफ जवानों को आपदा राहत बचाव उपकरणों सहित ऐसे स्थानों पर नियुक्त किया जाए, जहां से वे अतिशीघ्र आपदा प्रभावित स्थानों पर पहुंच कर बचाव व राहत कार्य कर सकें।
•ओवर स्पीडिंग को रोकने के लिए ठोस रणनीति तैयार कर इस सम्बन्ध में मोटर वाहन अधिनियम के प्राविधानों के अन्तर्गत प्रभावी कार्यवाही सुनिश्चित की जाये।
•यात्रा मार्गो पर पूर्व से चिन्हित black spots का पुनः स्थलीय निरीक्षण कर लिया जाये। तथा सम्बन्धित विभाग से समन्वय स्थापित कर पैराफिट/ क्रेश बैरियर लगवाये जाएं।
•वाहनों की क्षमता से अधिक सवारी/ श्रद्धालुओं को ले जाने वाले वाहनों को आगे न जाने दिये जाये तथा नियमानुसार कार्यवाही की जाए।
•यात्रा मार्गों में जहां खराब रोड़ एवं भूस्खलन सम्भावित क्षेत्र हो वहां पर जनपदीय प्रशासन के सहयोग से चेतावनी बोर्ड लगाये जाए। यदि किसी स्थान पर भूस्खलन होने की जानकारी प्राप्त होती है तो उससे पूर्व के स्थानों पर यात्रियों को इसकी सूचना पहले ही दे दी जाए। ताकि यात्री उस ओर न जाए और वैकल्पिक मार्ग होने पर उसका प्रयोग कर सके।
•बल्क एसएमएस के माध्यम से यात्रियों को मौसम एवं मार्ग अवरूद्ध होने की जानकारी दिये जाने की व्यवस्था की जाए।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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