मेष संक्रांति पर्व पर श्रद्धालु गंगा में लगा रहे आस्था की डुबकी, कुंभ का तीसरा शाही स्नान आज

स्नान के बाद लोगों ने मंदिरों में पूजा अर्चना की। साथ ही दान देकर पुण्य लाभ भी अर्जित किया। आज नवरात्र का दूसरा दिन है। ऐसे में मंदिरों में पूजन के साथ ही घरों में स्थापित घट की भी पूजा की जा रही है। हरिद्वार कुंभ का आज सबसे प्रमुख स्नान है।
शाही स्नान को देखते हुए पुलिस और प्रशासन भी सतर्क है। खासकर कोरोना को लेकर जो नियम बनाए गए हैं, उसमें मास्क, शारीरिक दूरी का पालन नहीं हो पा रहा है। मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग का अनुपालन न होने पर आइजी कुंभ संजय गुंजियाल का कहना है कि लोगों को नियमों के प्रति लगातार जागरूक किया जा रहा है। जब भीड़ होती है तो उसे रोककर समझाना संभव नहीं है। ऐसे में भगदड़ आदि की संभावना रहती है। उन्होंने कहा कि पुलिस अपनी तरफ से पूरा प्रयास कर रही है।
आज बुधवार को हर की पैड़ी पर श्रद्धालु आस्था की डुबकी लगाने के लिए उमड़े। स्नान के लिए मध्यरात्रि के बाद से ही हर की पैड़ी पर श्रद्धालु पहुंचाने लगे थे। शास्त्रों के अनुसार मेष संक्रांति पर अमृत योग में होने वाले इस शाही स्नान को कुंभ का मुख्य स्नान माना गया है। वहीं, दस बजे से शाही स्नान की शुरूआत हो जाएगी। दस अखाड़े शंकराचार्य चौक और तीन अखाड़े चंडीघाट से हरकी पैड़ी तक शोभायात्रा निकालेंगे।
सबसे पहले निरंजनी अखाड़ा शाही स्नान करेगा। इसके बाद जूना अग्नि आह्वान व किन्नर अखाडा शाही स्नान के लिए हरकी पैड़ी पहुंचेगा। इसके बाद महानिर्वाणी, निर्मोही, दिगंबर आदि अखाड़ों का नंबर आएगा। शाही स्नान करीब साढ़े पांच बजे तक चलेगा। सभी अखाड़ों के लिए शोभायात्रा और शाही स्नान का समय नियत किया हुआ है। इसके बाद हरिद्वार कुंभ का अंतिम शाही स्नान 27 अप्रैल को है।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।