उप नेता प्रतिपक्ष का दावा, कोविड जांच फर्जीवाड़े में आरोपी लैब मालिक भाजपा का करीबी
उत्तराखंड में उप नेता प्रतिपक्ष एवं रानीखेत विधायक करन माहरा ने कुंभ के दौरान कोविड जांच फर्जीवाड़े को लेकर सरकार को घेरा। उन्होंने आरोप लगाया कि जिन तीन निजी लैबों पर मुकदमा हुआ है, उनमें से एक लैब द्वाराहाट निवासी कारोबारी की है।
माहरा ने आरोप लगाया कि यह सिर्फ करोड़ों का घोटाला नहीं है, बल्कि फर्जीवाड़े के जरिये लोगों की जिदंगी को भी दांव पर लगाया गया है। क्योंकि कुंभ के बाद से प्रदेश में अचानक कोरोना का ग्राफ बढ़ता गया। हल्द्वानी में ब्लॉक क्षेत्र में कार्यकर्ताओं से मुलाकात के बाद पत्रकारों से वार्ता में माहरा ने कहा कि जो लोग कुंभ में कभी शामिल ही नहीं हुए, जांच में उनके नाम दर्ज होना चौंकाता है। जांच के लिए आधार कार्ड की जरूरत होती है। होटलों में जमा आइडी की फोटोकॉपी करा फर्जी तरीके से आधार कार्ड तैयार किए गए, ताकि जांच का बिल बढ़ाया जा सके।
उन्होंने कहा कि पूरे प्रकरण की निष्पक्ष जांच कर लोगों की जिदंगी से खिलवाड़ करने वाले अधिकारियों और मंत्रियों पर भी कार्रवाई होनी चाहिए। उप नेता प्रतिपक्ष ने बताया कि 25 जून को प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह के नेतृत्व में कांग्रेस हरिद्वार में सत्याग्रह कर फर्जीवाड़े की पोल खोलेगी।
ये है फर्जीवाड़ा
उत्तराखंड में हरिद्वार कुंभ के दौरान कोरोना टेस्टिंग में बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया था। जांच में कम से कम एक लाख कोरोना टेस्ट फर्जी पाए गए। एक जांच रिपोर्ट में सामने आया है कि उत्तराखंड सरकार की तरफ से कुंभ मेले के दौरान कराई जाने वाली कोरोना टेस्टिंग के लिए एक प्राइवेट एजेंसी ने इतनी बड़ी जांच में कम से कम एक लाख फर्जी रिपोर्ट जारी की थीं। हरिद्वार जिला प्रशासन ने अब उन आरोपों की जांच का आदेश दिया है, जिनमें कहा गया है हरिद्वार में कुंभ उत्सव के दौरान कोरोना टेस्टिंग करने के लिए काम करने वाली प्राइवेट लैब्स की ओर से नकली रिपोर्ट जारी की गई थीं।
बता दें कि हरिद्वार में 1 अप्रैल से 30 अप्रैल तक कुंभ उत्सव का आयोजन किया गया था। इस दौरान 22 प्राइवेट लैब्स की तरफ से लगभग 4 लाख कोरोना टेस्ट किए गए थे। फरीदकोट पंजाब निवासी एक व्यक्ति ने आइसीएमआर से कोरोना जांच में फर्जीवाड़े की शिकायत की थी। इस व्यक्ति के मोबाइल पर कोरोना जांच का संदेश पहुंचा था, जबकि उसकी कभी कोरोना जांच हुई ही नहीं।
राज्य के स्वास्थ्य सचिव अमित नेगी ने मामले की प्रारंभिक जांच कराई। कोविड-19 मामलों के चीफ कंट्रोलिंग आफिसर डा. अभिषेक त्रिपाठी के स्तर से की गई इस जांच में प्रथमदृष्टया शिकायत सही पाई गई। यही नहीं, उन्होंने एक लाख से अधिक कोरोना जांच में गड़बड़ी की आशंका जाहिर की है। डा. त्रिपाठी ने शासन को सौंपी अपनी रिपोर्ट में मामले को गंभीर बताते हुए इसकी विस्तृत जांच की सिफारिश की थी। इसके मद्देनजर स्वास्थ्य सचिव ने हरिद्वार के जिलाधिकारी को कुंभ मेला अवधि, इससे पहले और इसके बाद हुई कोरोना जांच की विस्तृत छानबीन के निर्देश दिए थे।
दर्ज हुए हैं मुकदमें
चिकित्सा अधिकारी हरिद्वार द्वारा नगर कोतवाली के मैक्स, लाल चंदानी कंपनी व नलवा लेब्रोट्रीज के के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। पुलिस ने आरोपितों के खिलाफ आपदा प्रबंधन एक्ट के साथ 420,467,468,128 समेत अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है। साथ ही एसआइटी का भी गठन कर दिया है। इससे पहले मैक्स की ओर से भी हाईकोर्ट में इसी तरह की याचिका दाखिल की जा चुकी है।
मामले की एसआइटी कर रही जांच
कुंभ के दौरान कोरोना जांच घोटाले की जांच एसआइटी कर रही है। इसके अलावा सीडीओं के नेतृत्व में तीन सदस्यीय टीम अलग से जांच कर रही है। दो दिन पहले ही कोरोना जांच कंपनी मैसर्स मैक्स कारपोरेट सर्विसेज नई दिल्ली व नलवा लेबोरेट्रीज प्राइवेट लिमिटेड हरियाणा व डा. लाल चंदानी लैब नई दिल्ली पर नामजद मुकदमा भी दर्ज किया गया है। मामले में सीएमओ डा. शंभू कुमार झा व मेलाधिकारी डा. अर्जुन सिंह सेंगर के बयान भी दर्ज कर चुकी है। साथ ही टेंटिंग कंपनी अधिकारियों को हरिद्वार तलब भी किया गया है।
लोकसाक्ष्य पोर्टल पाठकों के सहयोग से चलाया जा रहा है। इसमें लेख, रचनाएं आमंत्रित हैं। शर्त है कि आपकी भेजी सामग्री पहले किसी सोशल मीडिया में न लगी हो। आप विज्ञापन व अन्य आर्थिक सहयोग भी कर सकते हैं।
वाट्सएप नंबर-9412055165
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।
फर्जी वाड़े में बीजेपी का हाथ होगा