भर्ती धांधली के विरोध में प्रदेशभर में युवाओं का प्रदर्शन, दून में उमड़े हजारों युवाओं पर लाठीचार्च
उत्तराखंड में भर्ती धांधली के विरोध में प्रदेशभर में युवाओं ने दूसरे दिन भी प्रदर्शन किया। राजधानी देहरादून में सड़कों पर उतरी आक्रोशित युवाओं की भारी भीड़ के चलते कई जगहों पर ट्रैफिक जाम हो गया। प्रदेश सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए युवाओं ने कहा कि नकलरोधी कानून आने के बाद ही हो कोई भी भर्ती परीक्षा कराई जाए। युवाओं के इस प्रदर्शन का मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने भी समर्थन किया। साथ ही सरकार से जल्द सरकारी विभागों में रिक्त पदों को भरने की मांग की। बाद में पुलिस ने युवाओं को जबरन मौके से हटाना शुरू किया। इस दौरान दोनों पक्ष में तीखी नोकझोंक भी हुई। इसके बाद हजारों बेरोजगारों पर अंततः पुलिस ने लाठी भांज दी। भारी पथराव के बीच पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को दौड़ा दौड़ा कर पीटा। कई प्रदर्शनकारी घायल भी हुए। मुख्य सड़क पर भगदड़ व अफरा तफरी मच गई। लाठी की मार से बचने के लिए बेरोजगारों ने गांधी पार्क, दुकानों गलियों की ओर रुख किया। काफी देर तक प्रदर्शनकारियों की पत्थरबाजी से पुलिसकर्मी भी जान बचाते देखे गए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
सरकार युवाओं के हित के लिए पूरी तरह सजगः धामी
उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि हमारी सरकार प्रदेश के युवाओं के हितों की रक्षा के लिए पूरी तरह से सजग है। पहले की तरह हमने किसी भी भर्ती घोटाले को न तो दबाया है और न छुपाया है। जितने भी मामले सामने आए, हमने उनकी जांच कराकर, जितने भी दोषी हैं, सभी को जेल भेजा है। हमारी सरकार ने यह पहले ही तय कर लिया था कि भर्ती परीक्षाओं में नकल को रोकने के लिए कड़ा कानून बनायेंगे। देश का सबसे कड़ा नक़ल विरोधी क़ानून हम लेकर आ रहे हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने कहा कि ऐसी पुख्ता व्यवस्था की जा रही है कि भविष्य में होने वाली सारी परीक्षायें पारदर्शी और नक़ल विहीन हों। प्रदेश के युवाओं के साथ किसी तरह का अन्याय नहीं होने दिया जाएगा। हमारी सरकार युवाओं के हित में फैसले ले रही है। प्रदेश की बहन-बेटियों के लिये हमने महिला आरक्षण भी सुनिश्चित किया है। सभी के हितों को संरक्षित किया जायेगा। युवाओं से अनुरोध है कि किसी के बहकावे में न आये। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
गौरतलब है कि वर्ष 2021 में जुलाई माह में उत्तराखंड के तत्कालीन सीएम तीरथ सिंह रावत ने इस्तीफा दिया था। इसके साथ ही पुष्कर सिंह धामी की सीएम के पद पर ताजपोशी की गई थी। सीएम की शपथ लेते ही सीएम धामी ने कहा था कि वह जो भी घोषणा करेंगे, उसे छह माह के भीतर पूरा करके दिखाएंगे। यदि वह शिलान्यास करेंगे तो अपने उसी कार्यकाल में उसे पूरा करेंगे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
शपथ लेते ही सीएम ने सबसे पहले पत्रकारों से बातचीत में कहा कि अगले चुनाव से पहले छह माह के भीतर प्रदेश में विभिन्न विभागों में रिक्त पड़े 22 हजार पदों पर नियुक्तियां कर दी जाएंगी। तब प्रदेश के युवाओं को सरकार से आस बंधी थी, लेकिन ये घोषणा कोरी साबित हुई और किसी भी विभाग में नियुक्ति नहीं हुई। फिर वह दोबारा मार्च 2022 में सीएम बने और इसके बाद कई परीक्षाओं में भर्ती घोटाला सामने आया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उत्तराखंड अधिनस्थ सेवा चयन आयोग की परीक्षा घोटाले में तो करीब 50 से अधिक लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी हैं। इसके साथ ही उनके कार्यकाल में विधानसभा में बैकडोर से नियुक्ति के साथ ही अन्य कई नियुक्तियों में घोटाले की बात सामने आई। ऐसे में अधिनस्थ चयन आयोग की परीक्षाओं को उत्तराखंड लोकसेवा आयोग को दिया गया। लोकसेवा आयोग की परीक्षाओं में भी पेपर लीक के मामले सामने आए और पटवारी व लेखपाल की परीक्षा होने के बाद रद्द कर दी गई। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
गांधी पार्क के समक्ष उमड़ी युवाओं की भीड़
राजधानी देहरादून में गुरुवार को भी गांधी पार्क के सामने विरोध करने युवाओं की भारी भीड़ उमड़ी। इसके चलते यहां जाम लगाया गया है। घंटाघर से राजपुर रोड की तरफ ट्रैफिक जाम हो गया। युवाओं ने मांग उठाई कि पूरे प्रकरण की सीबीआई जांच की जाए और दोषियों को कड़ी सजा दी जाए। साथ ही जब तक नकलरोधी कानून नहीं बन जाता, तब तक कोई भी भर्ती परीक्षा न कराई जाए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उत्तराखंड बेरोजगार संघ के प्रदेश प्रवक्ता सुरेश सिंह ने बताया कि लोक सेवा चयन आयोग और अधीनस्त सेवा चयन आयोग की ओर से करवाई गई सभी परीक्षाओं में जमकर धांधली हुई है। धांधली की वजह से तमाम परीक्षाएं निरस्त हुई हैं। उन्होंने कहा कि पुलिस, पटवारी, वन क्षेत्राधिकारी, लोअर पीसीएस, अपर पीसीएस, आरओ, एआरओ, पीसीएस जे, प्रवक्ता एई, जेई की परीक्षाएं दे चुके युवा बेरोजगार घूम रहे हैं। ऐसे में परीक्षा नियंत्रकों पर भी सख्त कार्रवाई की जाए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
प्रदर्शनकारियों का कहना है कि दोनों ही आयोग के सभी अधिकारियों और कर्मचारियों की सीबीआई जांच उच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में की जाए। इसके अलावा नकल करने वाले और नकल करवाने वालों के नाम सार्वजनिक किए जाएं। सुरेश सिंह ने बताया कि पटवारी की परीक्षा 12 फरवरी को होनी है। संभव है कि इस परीक्षा में भी धांधली की जाएगी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
सीपीएम ने दिया साथ, सरकार से जल्द कदम उठाने की मांग
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने उत्तराखंड बेरोजगारों के आंदोलन का समर्थन किया। पार्टी ने कहा कि भर्तियों में हो रहे निरन्तर घोटाले एवं खाली पदों पर भर्तियां न होने के लिए हमारे शासक दल सीधे तौर पर जिम्मेदार हैं। वर्तमान में बीजेपी की धामी सरकार सरकार को बेरोजगारों को झूठा आश्वासन देने के बजाय उनकी न्यायोचित मांगों को पूरा करना चाहिए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
पार्टी की बैठक में राज्य सरकार से यूकेसीसी की बिगड़ती छवि को सुधारने की मांग की। साथ ही बेरोजगारों की न्यायोचित मांगों को पूरा करने की मांग की। बैठक में राज्य सचिव राजेन्द्र सिंह नेगी, जिला सचिव राजेंद्र पुरोहित, देहरादून सचिव अनन्त आकाश, सीटू जिला महामन्त्री लेखराज, एसएफआई के अध्यक्ष नितिन मलेठा, महिला समिति महामंत्री दमयंती, उपाध्यक्ष इन्दु नौडियाल आदि ने विचार व्यक्त किए।
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।