नगर निगम और स्मार्ट सिटी में भ्रष्टाचार के खिलाफ और 19 सूत्रीय मांगों को लेकर विभिन्न राजनीतिक दलों का प्रदर्शन
उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में नगर निगम और स्मार्ट सिटी के कार्यों में भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए विपक्षी दलों और जन संगठनों से जुड़े लोगों ने आज जिला मुख्यालय में प्रदर्शन किया। साथ ही 19 सूत्रीय मांगों को तहसीलदार के माध्मय से भारत के प्रधानमंत्री, राज्यपाल, मुख्यमंत्री और उत्तराखंड के मुख्य सचिव को ज्ञापन भेजे गए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
ज्ञापन के बिंदु
-उत्तराखंड में सरकारी संरक्षण में भूमाफियाओं की ओर से जमीनों पर जगह – जगह कब्जों के चलते तथा कमजोर भू कानून के परिणामस्वरूप स्थानीय निवासियों कि भूमि कौड़ी के भाव लूट रही है। अत :भूमि पर भूमाफियाओं के अवैध कब्जे रोकने तथा भूमि सुरक्षा हेतु मजबूत भू – कानून बनाया जाए।
-उत्तराखण्ड में छूटे हुये राज्य आन्दोलनकारियों का चिह्निकरण अविलंब किया जाए।
-देहरादून में स्मार्ट सिटी के नाम पर पलटन बाजार, धामावाला,पीपलमंडी, राजपुर रोड़, हरिद्वार रोड़, चकरौता रोड़, गांधी रोड़, ईसी रोड, करनपुर, डीएल रोड आदि क्षेत्रों में जगह – जगह अनाप शनाप खुदाई के परिणामस्वरूप आमजन को भारी असुविधा हो रही है। बाजारों में व्यापारियों का व्यवसाय लगभग ठप्प पड़ा हुआ है। कार्यदायी संस्था द्वारा घटिया सामग्री लगाने के कारण संस्था में भ्रष्टाचार का बोलबाला है। साथ ही जनता कि सहमति के विपरीत करोड़ों रूपये बडे़ – बडे़ बोर्ड लगवाकर भगवाकरण किया गया। इन बोर्डो के निर्माण में भ्रष्टाचार आम बात है। शहर के अनेक भागों सीवरेज खुदाई के कारण शहर के हालात खस्ता है। जल्द व्यवस्थाएं ठीक की जाएं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
-नगर निगम देहरादून भ्रष्टाचार में डूबा हुआ है। जहाँ आउटसोर्स नौकरियों में सत्ता से जुड़े लोगों के अपने करिबियों को रखा गया है। नगर निगम टैक्स विभाग में भारी अनियमितता तथा सन्तोषजनक सेवा न होने के परिणामस्वरूप आम जन परेशान है। शहर में सफाई व्यवस्था भगवान भरोसे है। तथा सफाई खास जगहों को छोड़कर आम जगहों में असन्तोषजनक है। नगरनिगम से जुड़े कई जनप्रतिनिधि भूमि घोटालो संलिप्त है। इनकी जनहित जांच में आवश्यक है।
-भाजपा के हर चुनाव में मलिन बस्तियों के नियमतिकरण के वायदे के विपरीत चुनाव के बाद गरिब लोगों का हर जगह उत्पीड़न आम बात है। इसलिए मलिन बस्तियों का नियमित करण जनहित में जरूरी है।
-सरकार द्वारा राज्य खासकर देहरादून में स्थानीय परिवहन सेवाओं में बाहरी कम्पनियों को बढ़ावा दिया जा रहा है। परिणामस्वरूप परिवहन से जुड़े लोग बेरोजगारी के कगार पर हैं।
-सरकार द्वारा बेरोजगारों पर लाठीचार्ज के दोषियों पर कोई कार्यवाही न किया जाना खेदजनक है। बर्बर लाठीचार्ज के दोषियों को अविलम्ब दण्डित किया जाए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
-परिवहन व्यवस्था एवं अन्य व्यवस्थाओं की आढ़ में सरकार द्वारा की जा रही अवैध बसूली पर रोक लगे।
-भूमाफियाओं पर कड़ी से कड़ी कार्यवाही सुनिश्चित करो।
-बिगड़ती कानून व्यवस्था ठीक करो ।
-बढ़ती मंहगाई पर रोक लगे। बढ़ाए गए बिजली, पानी के बिल और हाउस टैक्स वापस लिया जाए।
– शहर में में जगह जगह हो रहे जलभराव की समस्या हल की जाए।
-बर्षा को देखते हुऐ बाढ़ सुरक्षा की व्यवस्था अविलम्ब कि जाए।
-अतिक्रमण कि आड़ में शहर से लेकर गांवों तक गरीब लोगों को उजाड़ना बन्द किया जाए।
-बरसात को देखते हुए सफाई, दवाई छिड़काव, फौगिंग कि समुचित व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।
-एलिबेटेड रोड़ कि आड़ में गरिबों को उजाड़ना बन्द करो। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
-शहर के मध्य परेड ग्राउण्ड, गांधी पार्क, दीनदयाल पार्क, पुराने दिल्ली बस स्टैण्ड में आन्दोलनकारियों के बैठने के लिए आन्दोलन स्थल सुनिश्चित किया जाए।
-कूड़ा निस्तारण एवं सीवरेज प्लान्ट आबादी, जंगलों एवं नाले खालों के पास न बनाए जाए। इससे प्रद्रूषण बढ़ता है और एवं पर्यावरणीय क्षति होती है।
-सभी महत्वपूर्ण योजनाओं को स्थानीय जनप्रतिनिधियों, राजनैतिक एवं सामाजिक संगठनों के सहमति के बिना लागू न किया जाए।
-मजदूरों एवं अन्य कामगारों से फैक्ट्रियों एवं कार्य स्थलों में श्रम कानूनों के तहत ही काम लिया जाए। उन्हे समान कार्य के लिये समान वेतन दिया जाए तथा कानून सम्मत सुविधाएं दी जाए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
ये प्रदर्शन में शामिल
प्रदर्शनकारियों राष्ट्रीय उत्तराखण्ड पार्टी से नवनीत गुसांई, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के देहरादून सचिव अनंत आकाश, सीटू के जिला अध्यक्ष कृष्ण गुनियाल, जिला महामंत्री लेखराज, आरयूपी के उपाध्यक्ष बालेश बवानिया, जेएमएस की जिलाध्यक्ष नुरैशा अंसारी, एआईएलयू से शान्ति प्रसाद, नेताजी संघर्ष समिति से प्रभात डंडरियाल, उपाध्यक्ष जगमोहन सिंह रावत, पिपुल्स फोरम से सुरजीत सिंह, आन्दोलनकारी सम्मान परिषद से सुरेश कुमार, मामचन्द, रविंद्र नौडियाल, सुशील विरमानी, धर्मानन्द भट्ट, चन्द्रा, पारूल बिष्ट, शान्ति प्रसाद, बिजेंद्र सिंह अमित सिंह आदि शामिल रहे।
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।