उत्तराखंड अधिकारी कर्मचारी शिक्षक समन्वय समिति का शिक्षा महानिदेशक कार्यालय पर प्रदर्शन, अन्य जिलों में भी गेट मीटिंग
समिति के तत्वावधान में इन दिनों गेट मिटिंग का कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है। ये कार्यक्रम 19 सितंबर तक चलेगा। आंदोलन के दूसरे चरण में 20 सितंबर को प्रदेश के समस्त जनपदों में जिला मुख्यालयों पर एक दिवसीय धरना/प्रर्दशन किया जाएगा। 27 सितंबर को देहरादून राजधानी में सहस्त्रधारा रोड़ एकता बिहार स्थित धरना स्थल पर एक दिवसीय प्रदेश स्तरीय धरना/प्रर्दशन किया जाएगा। पांच अक्टूबर को देहरादून राजधानी में प्रदेश स्तरीय हुंकार रैली आयोजित की जायेगी। उसी दिन आगामी अनिश्चित कालीन आन्दोलन की घोषणा की जाएगी।
आज समन्वय समिति के संयोजक मंडल के समस्त सदस्य महानिदेशक शिक्षा ननूरखेडा देहरादून में एकत्र हुए एवं पूर्व में लिये गये निर्णयानुसार गेट मीटिंग का आयोजन कर कर्मचारियों के मध्य जन-जागरण कार्यक्रम प्रारम्भ किया। आज की गेट मीटिंग में भी वक्ताओं ने सरकार व शासन पर आरोप लगाते हुए कहा कि वर्षों से लम्बित समस्याओं का निराकरण न किये जाने पर रोष जताया। बताया गया कि अधिकारी कर्मचारी शिक्षक समन्वय समिति की जिला इकाइयों की ओर से बड़ी संख्या में नैनीताल, बागेश्वर, अल्मोडा, पिथौरागढ, उधमसिहं नगर, चंपावत, हरिद्वार, चमोली, उत्तरकाशी, टिहरी, पौडी, कोटद्वार, रुद्रप्रयाग व देहरादून में विभिन्न विभागों में जमकर नारेबाजी कर प्रदर्शन किया गया।
गेट मीटिंग में वक्ताओं ने कहा कि शासन व सरकार की ओर से मात्र शासनादेश जारी कर अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ लिया जा रहा है। लगातार कार्मिक संगठनों की और से पदोन्नति, चरित्र पंजिका का अंकन, जीपीएफ पासबुक एंव सेवा पुस्तिका, वाहन भत्ता का भुगतान आदि की समीक्षा किए जाने की मांग की जा रही है।
वक्ताओं ने बताया कि समन्वय समिति के आन्दोलन के फलस्वरूप शासन स्तर पर अपर मुख्य सचिव उच्च एंव तकनीकि शिक्षा की अध्यक्षता में कर्मिक संगठनों से विचार विमर्श कर उनकी मांगों के निस्तारण हेतु समन्वय करने के लिए एक अन्य समिति का गठन किया गया है। इस प्रकार की बैठक मुख्यमंत्री अध्यक्षता में आयोजित किये जाने पर ही अपेक्षित परिणाम प्राप्त हो सकते हैं। साफ है कि प्रदेश के कार्मिक एवं शिक्षक अपनी लम्बित मांगों को पूर्ण कराने के लिए पूर्ण रूप से प्रतिबद्व हो चुके हैं। मागों के निराकरण होने से पूर्व किसी भी दशा में आन्दोलन से विरत नहीं होगें। बताया गया कि अब 13 सितंबर को तहसील, आबकारी मुख्यालय, खाद्य एवं आपूर्ति कार्यालय देहरादून में प्रदर्शन किया जायेगा।
ये रहे शामिल
आज की गेट मीटिंग में प्रताप सिंह पंवार, अरूण पाण्डेय, पंचम सिंह बिष्ट, नन्द किशोर त्रिपाठी, शक्ति प्रसाद भट्ट, सुभाष देवलियाल, ओमवीर सिंह, दीप चन्द बुडलाकोटी, राकेश ममगाई, रघुबीर सिहं पुण्डीर, कनकलता सेमवाल, सुभाष रतूडी, रघुबीर सिंह, मुकेश बहुगुणा, अनूप दूबे, प्रदीप भण्डारी, अनिता, रश्मि उषा चमोली, कमलेश खण्डूडी, जयकृत सिंह कठैत, दीपक कण्डारी, आरपी मैन्दोली, आरएस रावत, पंकज रावत, घनश्याम, राकेश थपलियाल, जमुना प्रसाद भट्ट, संजीव मिश्रा आदि कर्मचारी नेताओं ने प्रतिभाग किया।
दोहराई गई ये मांगे
1-प्रदेश के समस्त राज्य कार्मिकों/शिक्षकों/निगम/निकाय/पुलिस कार्मिकों को पूर्व की भांति 10, 16, व 26 वर्ष की सेवा पर पदोन्नति न होने की दशा में पदोन्नति वेतनमान अनुमन्य किया जाए।
2-राज्य कार्मिकों के लिए निर्धारित गोल्डन कार्ड की विसंगतियों का निराकरण करते हुए केन्द्रीय कर्मचारियों की भांति सीजीएसएस की व्यवस्था प्रदेश में लागू की जाय। प्रदेश एवं प्रदेश के बाहर उच्च कोटि के समस्त अस्पतालों को अधिकृत किया जाये। तथा सेवानिवृत्त कार्मिकों से निर्धारित धनराशि में 50 फीसद कटौती कम की जाए।
3-पदोन्नति के लिए पात्रता अवधि में पूर्व की भांति शिथिलीकरण की व्यवस्था बहाल की जाए।
4-केन्द्र सरकार की भांति प्रदेश के कार्मिकों के लिए 11 फीसद मंहगाई भत्ते की घोषणा शीघ्र की जाए।
5-प्रदेश में पुरानी पेंशन व्यवस्था लागू की जाए।
6-मिनिस्टीरियल संवर्ग में कनिष्ठ सहायक के पद की शैक्षिक योग्यता इंटरमीडिएट के स्थान पर स्नातक की जाए। तथा एक वर्षीय कम्प्यूटर ज्ञान अनिवार्य किया जाए।
7-वैयक्तिक सहायक संवर्ग में पदोन्नति के सोपान बढ़ाते हुए स्टाफिंग पैर्टन के अन्तर्गत ग्रेड वेतन रु0 4800.00 में वरिष्ठ वैयक्तिक अधिकारी का पद सृजित किया जाए।
8-राजकीय वाहन चालकों को ग्रेड वेतन रु0 2400.00 इग्नोर करते हुए स्टाफिंग पैर्टन के अन्तर्गत ग्रेड वेतन रु0 4800.00 तक अनुमन्य किया जाए।
9-चतुर्थ वर्गीय कर्मचारियों को भी वाहन चालकों की भांति स्टाफिंग पैर्टन लागू करते हुए ग्रेड वेतन रु0 4200.00 तक अनुमन्य किया जाए।
10-समस्त अभियन्त्रण विभागों में कनिष्ठ अभियन्ता (प्राविधिक)/संगणक के सेवा प्राविधान एक समान करते हुए इस विसंगति को दूर किया जाए।
11-सिंचाई विभाग को गैर तकनीकी विभागों (शहरी विकास विभाग, पर्यटन विभाग, परिवहन विभाग, उच्च शिक्षा विभाग आदि) के निर्माण कार्य के लिए कार्यदायी संस्था के रूप में स्थाई रूप से अधिकृत कर दिया जाए।
12-राज्य सरकार की ओर से लागू एसीपी/एमएसीपी के शासनादेश में उत्पन्न विसंगति को दूर करते हुए पदोन्नति के लिए निर्धारित मापदंडो के अनुसार सभी लेवल के कार्मिकों के लिये 10 वर्ष के स्थान पर 05 वर्ष की चरित्र पंजिका देखने तथा “अतिउत्तम” के स्थान पर “उत्तम” की प्रविष्टि को ही आधार मानकर संशोधित आदेश शीघ्र जारी किया जाए।
13-जिन विभागों का पुर्नगठन अभी तक शासन स्तर पर लम्बित है, उन विभागों का शीघ्र पुनर्गठन किया जाए।
14-31 दिसम्बर तथा 30 जून को सेवानिवृत्त होने वाले कार्मिकों को 06 माह की अवधि पूर्ण मानते हुये एक वेतन वृद्धि अनुमन्य कर सेवानिवृत्ति का लाभ प्रदान किया जाए।
15-स्थानान्तरण अधिनियम-2017 में उत्पन्न विसंगतियों का निराकरण किया जाए।
16-राज्य कार्मिकों की भांति निगम/निकाय कार्मिकों को भी समान रूप से समस्त लाभ प्रदान किये जाए।
17-तदर्थ रूप से नियुक्त कार्मिकों की विनियमितिकरण से पूर्व तदर्थ रूप से नियुक्ति की तिथि से सेवाओं को जोड़ते हुये वेतन/सैलेक्शन ग्रेड/एसीपी/पेंशन आदि समस्त लाभ प्रदान किया जाए।
18-समन्वय समिति से सम्बद्ध समस्त परिसंघों के साथ पूर्व में शासन स्तर पर हुई बैठकों में किये गये समझौते/निर्णयों के अनुरूप शीघ्र शासनादेश जारी कराया जाए।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।