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February 4, 2025

कृषि कानूनों के खिलाफ जनवादी महिला समिति का जिलों में प्रदर्शन, प्रतियां जलाई


केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ उत्तराखंड में जनवादी महिला समिति कार्यकर्ताओं ने विभिन्न जिलों में प्रदर्शन किया। इस दौरान कृषि कानून की प्रतियां जलाकर विरोध दर्ज किया गया। साथ ही केंद्र सरकार, पीएम मोदी के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की गई। जनवादी महिला समिति की प्रांतीय महामंत्री दमयंती नेगी के मुताबिक ये कार्यक्रम प्रमुख रूप से देहरादून, चमोली, अल्मोड़ा, हरिद्वार आदि जिलों में आयोजित किया गया।


राजभवन कूच को कई संगठनों ने दिया समर्थन
संयुक्त किसान मोर्चे के आह्वान पर 23 जनवरी 2021 को सुभाष जयंती के दिन राजभवन कूच को उत्तराखंड में कई संगठनों ने समर्थन दिया है। देहरादून के दीनदयाल उपाध्याय पार्क में हुई किसान मोर्चे की भूतपूर्व सैनिक अर्धसैनिक संगठन के संरक्षक एसएस पांगती की अध्यक्षता मे सम्पन्न हुई बैठक में राजभवन कूच की तैयारी की समीक्षा की गई। बैठक का संचालन करते हुए किसान सभा के प्रदेश अध्यक्ष सुरेंद्र सिंह सजवाण ने बताया कि उत्तराखंड में भी सभी किसान संगठन, संयुक्त किसान मोर्चे के बैनर तले 23 जनवरी को राजभवन कूच करेंगे।


उन्होंने बताया कि इसमे भारी संख्या में किसान ट्रैक्टर ट्रॉली व शहर के समीप के किसान व अन्य सामाजिक संगठन पैदल रैली निकाल कर संयुक्त अभियान चलाएंगे। एसएस पांगती ने कहा कि तीनों कृषि कानून गैर संवैधानिक है। जिसका डटकर विरोध हो रहा है। बैठक में महिला मंच की नेता निर्मला बिष्ट, पीपुल्स फोरम उत्तराखंड के संयोजक जयकृत कंडवाल, सर्वोदय मंडल के हरवीर कुशवाह, बीज बचाओ आंदोलन के नेता बीजू नेगी, संवेदना से डॉ. जितेंद्र भारती, अशोक कंडवाल, भूतपूर्व सैनिक संगठन के पीसी थपलियाल, उत्तराखंड चिह्नित आंदोलनकारी संगठन से जबर सिंह पावेल, उत्तराखंड वन गुजर यूनियन से नूर मोहम्मद, संवाद से सतीश धोलाखंडी, वन जन श्रमजीवी यूनियन के विपिंन गैरोला आदि ने विचार व्यक्त किये।
इस मौके पर यह भी प्रस्ताव पारित किया गया कि जिन किसानों व किसानों के आंदोलन को समर्थन देने वाले लोगो पर NIA के तहत कार्रवाई व नोटिस दिए गए हैं, वो नोटिस व मुकदमे वापिस लिए जाएं। सरकार की यह कार्रवाई किसान आंदोलन को तोड़ने की साजिश है, जिसे बर्दास्त नही किया जाएगा। सर्व संम्मति से 23 जनवरी के राजभवन कूच को समर्थन देकर भागीदारी सुनिश्चित की गई।

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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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