मणिपुर में महिलाओं के साथ हुए यौन उत्पीड़न को लेकर दून में कांग्रेस कार्यकर्ता का प्रदर्शन, पीएम और गृह मंत्री का पुतला जलाया
मणिपुर में महिलाओं के साथ हुए यौन उत्पीड़न का वीडियो सामने आने के बाद से ही पूरे देश में उबाल है। मणिपुर में बीजेपी की सरकार है। तीन मई को महिलाओं को पुलिस की सुरक्षा से भीड़ ले गई थी और उन्हें नग्न घुमाया गया। एक महिला से सामूहिक दुष्कर्म किया गया। उसके भाई की हत्या कर दी गई। दूसरी महिला के पिता की हत्या कर दी गई। वहीं, तीसरी 50 साल की महिला को भी नग्न कर घुमाया गया। ये सब पुलिस की आंखों के सामने हो रहा था। वहीं, बीजेपी कांग्रेस या दूसरे दलों की राज्य सरकारों पर भी ऐसे आरोप लगा रही है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
वहीं, केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने प्रेस वार्ता में दो उदाहरण राजस्थान के दिए। जबकि दोनों ही मामलों में पुलिस ने समय पर कार्रवाई की। कोर्ट ने आरोपियों को सजा भी दी। वहीं, एक मामले में कुछ आरोपी एबीवीपी के कार्यकर्ता निकले थे। अब सवाल ये उठता है कि मणिपुर में महिलाओं के साथ चार मई को पुलिस के सामने ही घटना हुई। तब भी पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। 18 मई को थाने में शिकायत की गई और 21 मई को मुकदमा दर्ज किया गया, लेकिन तब भी कोई कार्रवाई नहीं की गई। केंद्र में भी बीजेपी की सरकार है और मणिपुर में भी है, लेकिन डबल इंजन की सरकार फेल रही। 19 जुलाई को जब वीडियो वायरल हुआ और सुप्रीम कोर्ट ने स्वतः संज्ञान इस मामले को लिया, तब जाकर 20 मई को ढाई माह बाद पीएम मोदी ने चुप्पी तोड़ी। इसी दिन चार आरोपी गिरफ्तार किए गए। वहीं पीएम ने अन्य राज्यों से मणिपुर की तुलना कर दी, लेकिन ढाई माह से मणिपुर जल रहा है, उसे लेकर शांति की अपील पीएम ने नहीं की। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
मणिपुर में महिलाओं के साथ हुई यौन हिंसा और वहां व्याप्त अराजकता के लिए केंद्र सरकार को दोषी बताते हुए देहरादून में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने महानगर अध्यक्ष डॉ जसविन्दर सिंह गोगी और महानगर महिला कांग्रेस की अध्यक्ष उर्मिला थापा के संयुक्त नेतृत्व में एश्लेहॉल चौक पर पीएम नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह का पुतला फूंका। इस मौके पर डॉ जसविंदर सिंह गोगी ने कहा कि केंद्र और मणिपुर दोनों में भाजपा की तथाकथित डबल इंजन सरकार है, लेकिन दोनों सरकार मणिपुर हिंसा के मामले में दोनों बुरी तरह असफल रही हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
अब तीन महिलाओं के साथ यौन हिंसा के शर्मनाक मामले ने तो पूरे देश को स्तब्ध कर दिया है। प्रधानमंत्री मोदी बस राजनीतिक जुमलेबाजी में व्यस्त हैं। भाजपा पूरे देश मे सशक्त सरकार और डबल इंजन सरकार का दम भरती है, लेकिन मणिपुर में भाजपा की विफलता से लोग समझ गए हैं कि केवल बातों से सरकार नहीं चला करती। भारत में मणिपुर जैसी कई संवेदनशील क्षेत्रीय समस्याएं हैं, जिनको अब तक की सरकारें संवेदनशील तरीके से ही देखती आयी हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने कहा कि मोदी सरकार को ये बड़ी कमी है कि वो इस तरह की समस्याओं की संवेदनशीलता और जटिलता को समझे बगैर, अचानक फैसले लेकर ये जाहिर करती है कि उनके पास इस देश की सारी समस्याओं का जादुई समाधान है। चाहे नोटबन्दी का मसला हो या अग्निवीर योजना, ये सब इसी तरह के उदाहरण हैं।
सरकार मणिपुर में बुरी तरह असफलता का खामियाजा मणिपुर की तीन महिलाओं को भुगतना पड़ा। खुद मणिपुर के मुख्यमंत्री कहते हैं कि ग्राउंड पर ऐसे अनेकों मामले मिलेंगे। यह बेहद शर्मनाक स्थिति है। महानगर महिला कांग्रेस अध्यक्ष उर्मिला थापा ने कहा कि प्रधानमंत्री के पास विदेश यात्राओं का पूरा समय है, लेकिन अपने देश मणिपुर जाने का समय नहीं है। जब विपक्ष ने इस घटना पर प्रधानमंत्री के हमेशा की तरह मौन रहने की आलोचना की तब जाकर वो मणिपुर की घटना पर कुछ बयान दे सके। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इस मौके पर मुख्य रूप से गरिमा दौसनी, आशा मनोरमा शर्मा, पूनम सिंह, मनीष नागपाल, चंद्रकला नेगी, पुष्पा पवार, अनुराधा तिवारी, अमित खन्ना, सविता सोनकर, शिवानी थपलियाल, देविंदर कौर, पिया थापा, निधि, अभिषेक तिवारी, राजेश पुंडीर, नवीन जोशी, मुनिक अहमद, अमित भंडारी, शकील मसूरी, रॉबिन त्यागी, मंज़ू त्रिपाठी, संजय भारती, मोहम्मद फ़ारुख़ , विरेंदर पवार, सुरेंद्र सैनी, सूरज क्षेत्री, प्रदीप कुमार, गोपालसिंह, कुलदीप नरूला, राहुल तलवार, भूपेंद्र नेगी, उदय सिंह रावत, रोहित, ललित बदरी, आदर्श सूद, हेमंत उप्रेती, नरेश बगवाल, अक्षय मेहता, आलोक मेहता, विनय, देवेन्द्र सिंह, पिंटू मौर्य, अंकित थापा आदि उपस्थित थे।
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।