जिला मुख्यालयों पर गरजीं आशा कार्यकर्ता, प्रशासन के माध्यम से सीएम को भेजे गए मांग पत्र
सीटू से संबद्ध उत्तराखंड आशा स्वास्थ्य कार्यकत्री यूनियन के आह्वान पर आज 12 सूत्रीय मांगों को लेकर राज्यव्यापी प्रदर्शन किया गया। इसके तहत प्रदेश के सभी जिला मुखालयों में प्रदर्शन किए गए। जिला प्रशासन के माध्यम से उत्तराखंड के सीएम को ज्ञापन भेजे गए। आन्दोलन के तहत उत्तराखंड की राजधानी देहरादून के जिला मुख्यालय पर भी जोरदार प्रदर्शन किया गया। चेतावनी दी कि यदि आशाओं की मांगों पर प्रभावी कार्यवाही न की गई तो वे कार्य बहिष्कार के लिये बाध्य होंगी।
उत्तराखंड आशा स्वास्थ्य कार्यकत्री यूनियन की प्रांतीय अध्यक्ष श्रीमती शिवा दुबे ने बताया कि सरकार ने उनकी मांगों पर कोई भी ध्यान नही दिया है। दो हजार रुपये पांच माह तक देकर हमारा मुंह बंद करना चाहा है। उन्होंने कहा कि चुनाव आने वाला है। आचार संहिता लगने के बाद उनकी मांगे जस की तस रहेंगी। ऐसे में सरकार को जल्द ही कोई निर्णय लेना चाहिए। सरकार का ध्यान मांगों पर दिलाने के लिए उत्तराखंड में आशाओं ने आन्दोलन करने का फैसला लिया है। आज जिला मुख्यालयों पर प्रदर्शन के बाद दो अगस्त से कार्य बहिष्कार आरंभ किया जाएगा।
ये हैं मांगे
प्रमुख मांगों में आशा वर्करों को सरकारी सेवक का दर्जा देने, न्यूनतम वेतन 21 हजार देने, वेतन निर्धारण से पहले आशाओं को अन्य स्कीम वर्करों की तरह मानदेय दिया जाए, आशाओं को सेवानिवृत्त होने पर पेंशन का प्रावधान, कोविड कार्य में लगी सभी आशाओं को 10 हजार रूपये भत्ता देने, कोविड कार्य में लगी आशाओं को 50 लाख का बीमा तथा 10 लाख का स्वास्थ्य बीमा, कोरनाकाल में मृतकों आशा वर्करों के आश्रितों को 50लाख का मुआवजा तथा चार लाख का अनुग्रह अनुदान, उड़ीसा की तरह ऐसे मृत कर्मियों के परिजनों को विशेष मासिक भुगतान, सेवा के दौरान दुर्घटना, हार्ट अटैक या बीमारी की स्थिति में नियम बनाया जाये, न्यूनतम दस लाख का मुआवजा, देय मासिक राशियों सभी बकाया मदों का बकाया भुगतान, आशाओं के विभिन्न भुगतानों में हो रहे भ्रष्टाचार तथा कमीशनखोरी पर रोक लगाने, सभी सरकारी अस्पतालों में विशेषज्ञ डाक्टरों की नियुक्ति, आशाओं के साथ सम्मान जनक व्यवहार, जब तक कोरना ड्यूटी के लिए अलग से मासिक भत्ते का प्रावधान नहीं किया जाता तब कोरना ड्यूटी न दी जाए।
आमसभा में दी चेतावनी
आज शुक्रवार 30 जुलाई की सुबह करीब 11बजे आशा कार्यकत्रियां गांधी पार्क के पास सीटू कार्यालय ग्राउण्ड में एकत्रित हुईं। यहां आम सभा को सीआईटीयू के अध्यक्ष राजेंद्र सिंह नेगी, राज्य सचिव लेखराज, आशा यूनियन की प्रान्तीय अध्यक्ष शिवा दुबे, जिलाध्यक्ष सुनीता चौहान, एक्टू के नेता केपी चन्दौला, एसएफआई के प्रदेश अध्यक्ष नितिन मलेठा, महामंत्री हिमांशु चौहान आदि ने संबोधित किया। वक्ताओं ने सरकार से अविलंब आशाओं की न्यायोचित मांगों पूरा करने का अनुरोध किया। कहा कि यदि मांगें पूरी नहीं की गई तो दो अगस्त से कार्य बहिष्कार किया जाएगा व व्यापक आन्दोलन छेड़ा जाएगा।
निकाला जुलूस
आमसभा के बाद जुलूस निकाला गया। जुलूस राजपुर रोड़ , घंटाघर, दर्शन लाल चौक, दून अस्पताल से होता हुआ कचहरी जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचा। यहां जोरदार नारेबाजी की गई। इसके बाद जिला प्रशासन के माध्यम से मुख्यमंत्री को 12 सूत्रीय मांग पत्र भेजा गया।
ये रहे शामिल
इस अवसर पर बबिता शर्मा, कलावती चन्दोला, सुनीता चौहान, बिमला मैठाणी, अनिता भट्ट, प्रभा, रमा, कमला, धर्मिष्ठा, आशा चौधरी, सुनीता पाल, नीरा कण्डारी, पूजा, सीमा, नीलम, पिंकी, लोकेश देवी, सुनीता तिवारी, राधा, शुशीला जोशी, प्रमिला, मीनाक्षी, साक्षी, कीर्ति, हंसी नेगी, किरण, गंगा थापा, प्रभा रमोला, चमन शर्मा, चन्देश्वरी, वंदना, मंजू काला, तुलसी थापा, नीतू , सफिया नूर, लतापाल, जमाल आरा, पिंकी सोलंकी, जमुना पंत, फरा बैग, मंजू रानी, मंजू कनेरी, उर्मिला गैरोला, परमिंदर कौर, रखी, गीता, रविता, रत्ना, शिव कुमारी आदि शामिल रहीं।





