महिला दिवस के उपलक्ष्य में प्रदर्शन, महिला संगठनों ने किया सचिवालय कूच, देखें मुख्य मांगे
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के उपलक्ष्य में करीब एक सप्ताह बाद उत्तराखंड के महिला संगठनों ने आज राजधानी देहरादून में प्रदर्शन किया। महिला दिवस आठ मार्च को था। इसी दिन होली का त्योहार भी था। ऐसे में सरकारी दफ्तर भी बंद थे। अब जाकर महिलाओं ने राज्य सचिवालय पर जोरदार प्रदर्शन समानता एवं अधिकारों के लिए एकजुटता के साथ आवाज उठाई। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
ये संगठन रहे शामिल
प्रदर्शन करने वाले संगठनों में जनवादी महिला समिति, कामगार यूनियन (सीटू) आंगनबाड़ी, आशा कार्यकत्रियों का संगठन, भोजन माता यूनियन से जुड़ी महिलाएं शामिल थीं। राजपुर रोड स्थित सीटू के जिला कार्यालय के समक्ष दोपहर करीब एक बजे महिलाएं एकत्र हुईं और घंटाघर होते हुए, राजपुर रोड़, गांधीपार्क, सुभाष रोड़ की तरफ से सचिवालय कूच किया। सचिवालय से पहले पुलिस ने उन्हें रोक दिया। उसी स्थान पर महिलाएं सड़क पर ही धरने पर बैठ गईं और सभा का आयोजन किया गया। इस मौके पर अपर सिटी मजिस्ट्रेट मायादत्त जोशी के माध्यम प्रधानमंत्री और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री को ज्ञापन प्रेषित किया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

इस अवसर वक्ताओं ने कहा है कि शासकवर्ग की कार्पोरेट एवं अमीरपरस्त नीतियों के कारण देश में दिनप्रतिदिन अमीरी गरीबी की खाई बढ़ रही है। बढ़ती मंहगाई, बेरोजगारी ने जनता की हालात बदहाल कर दी है। वक्ताओं ने कहा है कि हालात यह है कि देश में 23 करोड़ आबादी नारकीय जीवन जीने के विवश है। 80 करोड़ लोग मुफ्त के राशन से जीवन व्यतीत कर रहे हैं। लोगों का जीवन स्तर को ऊंचा करने के लिए केंद्र सरकार के पास कोई योजना नहीं है।वक्ताओं ने महिलाओं के सवालों तथा उनके साथ हो रहे भेदभाव, महिलाओं के साथ हिंसा, महिलाओं के प्रति बढ़ रहे अपराधों पर गहरी चिन्ता व्यक्त की। इस अवसर पर सभी वक्ताओं ने एकजुटता के साथ जनता तथा महिलाओं के सवालों पर संघर्ष तेज करने पर बल दिया।
ये है मांगे
19 सूत्रीय मांग पत्र में संसद एवं विधायिकाओं में 33 प्रतिशत महिला आरक्षण, महिलाओं के खिलाफ बढ़ रही हिंसाओं पर रोक लगाने, महिलाओं के स्वालम्बन के लिए रोजगार के अधिक से अधिक अवसर, चारों श्रम सहिताओं, बिजली बिल वापस लेने, सभी जरूरत परिवारों को खाद्य सुरक्षा, समान काम के लिए समान वेतन, पति पत्नी के नाम पर संयुक्त जमीन का पट्टा, बेतहाशा मंहगाई व बेरोजगारी पर रोक, गलत ढ़ंग से फंसाऐ मानवाधिकार, राजनैतिक कार्यकर्ताओं को रिहा करने, साम्प्रदायिक सौहार्दपूर्ण माहौल के लिए अबिलम्ब धर्म एवं साम्प्रदायिक आधार पर घृणा की राजनीति बन्द करने, आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को सरकारी कर्मचारियों का दर्जा, आशाओं को समुचित मानदेय तथा भोजन माताओं का मानदेय बढ़ाने की मांग की गई। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
ये रहे मुख्य वक्ता
इस अवसर पर प्रमुख रूप से महिला समिति की प्रान्तीय उपाध्यक्ष इन्दु नौडियाल, महामंत्री दमयंती नेगी, आशा स्वास्थ्य कार्यकत्री यूनियन की अध्यक्ष शिवा दुबे, आंगनबाड़ी कार्यकत्री, सेविका कर्मचारी यूनियन की अध्यक्ष जानकी चौहान, भोजन माता कामगार यूनियन की महामंत्री मोनिका, सीआईटीयू के जिला महामन्त्री लेखराज आदि सम्बोधित किया किया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
प्रदर्शनकारियों ने ये थे शामिल
इस अवसर पर नूरैशा अंसारी, बिन्दा मिश्रा, अनिता, अंजली, सुषमा, जानकी, निर्मला, किरन, आरती, सीमा, कान्ति, बबमालती, लक्ष्मी, लक्ष्मी पन्त, सुनीता चोहान, कलावती णन्दौला ,रोशनी राणा ,लोकेश ,सलू ,अनीता मील संगीता (आशा),सुनीता ,बबीता, मालती सीमा ,ऊषा (भोजन माता सहित बड़ी संख्या में महिलाएं शामिल थीं।

Bhanu Prakash
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भानु बंगवाल
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।