पुलिस हिरासत में पिटाई के बाद मौत के आरोपियों को सजा की मांग, रात भर निकाले गए कैंडल मार्च, घर घर दिए प्रज्ज्वलित

उत्तराखंड के ऋषिकेश में पुलिस हिरासत में एक व्यक्ति की पिटाई के बाद जेल में मौत के मामले का विरोध थमने का नाम नहीं ले रहा है। इस मामले की निष्पक्ष जांच और दोषियों को कड़ी सजा दिलाने की मांग को लेकर विभिन्न राजनीतिक दलों और सामाजिक संगठनों से जुड़े लोगों ने शुक्रवार की रात जगह जगह कैंडल मार्च निकाला। साथ ही घर घर दिए प्रज्ज्वलित कर मृतक रणबीरसिंह को श्रद्धांजलि अर्पित की गई। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
रणबीर सिंह की मौत का ये है मामला
ऋषिकेश के ढालवाला निवासी रणवीर सिंह रावत को 22 जून को सादे कपड़ों में घर पहुंची पुलिस उठा कर ले गई। रणवीर सिंह पर स्कूटी चोरी का आरोप लगा। पुलिस ने 23 तारीख को रणवीर सिंह को कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया। 25 जून को रणवीर सिंह की जेल में मौत हो गई। आरोप है कि रणवीर सिंह की बुरी तरह से पिटाई के चलते मौत हुई है। परिजन इस मामले की जांच कर दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। इस मांमले में उच्च स्तरीय जांच, मृतक के परिजनों को मुआवजा देने की मांग को लेकर राजधानी देहरादून में विभिन्न राजनीतिक और सामाजिक संगठनों के कई बार प्रदर्शन हो चुके हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

मृतक रणबीरसिंह तथा परिवार के लिए न्याय की मांग को लेकर राजधानी देहरादून सहित राज्य के विभिन्न हिस्से में रणबीरसिंह को श्रद्धांजलि देने, परिवार के साथ एकजुटता तथा दोषियों को दण्डित करने की मांग को लेकर जगह जगह कैंडल मार्च निकाले गए। इस मौके पर मुख्यमंत्री तथा प्रधानमंत्री को ज्ञापन प्रेषित किये गए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इन स्थानों पर निकाले गए कैंडल मार्च
राजधानी देहरादून में लोग गांधी पार्क, शहीद स्थल, लैन्सडाऊन चौक, दीनदयाल पार्क, डोभाल चौक, डीएल रोड, नेहरू ग्राम, कांवली, गांधी ग्राम, चन्द्रमणी, कारबारी, सभावाला, शयामपुर, सेलाकुई, ऋषिकेश नटराज चौक आदि अनेक क्षेत्रों में कैंडल मार्च के कार्यकर्मों का आयोजन किया गया। इसमें राजनीतिक, समाजाजिक संगठनों, किसान संगठनों से जुड़े लोगों ने हिस्सेदारी की। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
ज्ञापन में की गई ये मांगें
1- 22 जून 2024 ऋषिकेश कोतवाली में रणबीरसिंह की पुलिस अभिरक्षा में बुरी तरह मारपीट की गई। इससे बाद सिद्धोवाला जेल में उनकी संदिग्ध परिस्थितियों में मृत्यु हो गई। इसकी उच्च स्तरीय जांच की जाये। साथ ही दोषियों को दण्डित किया जाए और पीड़ित परिवार को मुआवजा दिया जाये।
2- चमोली जिले के जोशीमठ में सुभाई के दबंगों द्वारा 10 अनुसूचित जाति के परिवार वालों का उत्पीड़न तथा उन्हें गांव से तड़ीपार करने तथा आर्थिक दण्ड लगाने वालों के खिलाफ कानूनी कार्यवाही की जाये।
3-हरिद्वार के संघपुर गांव हुए बलात्कार के दोषियों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई हो। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
4- देहरादून के नवादा में धर्मान्तरण की आड़ में गत रविवार एक संघ परिवार से जुड़े लोगों ने ईसाई परिवार घर में तोड़फोड की। इसमें नामजद अभियुक्तों की गिरफ्तारी हो। ज्ञातव्य है कि एसएसपी देहरादून ने नवादा घटना को धर्मान्तरण की घटना मानने से इनकार कर दिया था। वहीं, आरोपियों को गिरफ्तार नहीं किया। आरोपियों ने ईसाई समाज के धार्मिक प्रतीक चिह्न को तोड़ा तथा गालीगलोज की। उन्हें जान से मारने की धमकी दी। इसकी शिकायत परिवार की महिला पोल ने पुलिस से की। मामले में ज्योति थापा ने कहा वह अपने परिवार कि सहमति से पोल के यहाँ किराये पर रह रही है। उसके ऊपर कोई धर्मान्तरण परिवर्तन का दबाब नहीं है। तमाम परिस्थितियों के अवलोकन के बाद पुलिस ने 11 लोगों के खिलाफ विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
कैंडल मार्च में शामिल लोग
देहरादून शहर में उत्तराखंड आन्दोलनकारी एवं पूर्व छात्र नेता नरेंद्र राणा, यूकेडी नेता प्रमिला रावत, सीपीएम सचिव अनन्त आकाश, आरयूपी अध्यक्ष नवनीत गुंसाई, पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष लेखराज, पूर्व ब्लॉक प्रमुख राजेन्द्र पुरोहित, भीम आर्मी के अध्यक्ष आजम खान, एसएफआई अध्यक्ष नितिन मलेठा, महामंत्री हिमांशु चौहान, आन्दोलनकारी परिषद के बालेश बबानिया, सुरेश कुमार, मधु सेमवाल, सरला, नीलम, फिरोज, शैलेन्द्र परमार, शंकर, गोपाल पंवार, कांति कुकरेती आदि कैंडल मार्च में शामिल हुए। नेहरूग्राम में दीप्ति रावत के नेतृत्व में, नकरौदा में कृष्ण गुनियाल, वाणीविहार में भगवन्त पयाल, कांवली में इन्दु नौडियाल, डीएल रोड़ में बन्टी कुमार के नेतृत्व में, दीनदयाल पार्क मे जयकृत तथा लैन्सडाऊन चौक में रंगकर्मियों मोमबत्तियां प्रज्ज्वलित की।
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।