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November 12, 2025

भारत में डेल्‍टा प्‍लस वेरिएंट ला सकता है कोरोना की तीसरी लहर, स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने जताई चिंता

विशेषज्ञों का मानना है कि डेल्‍टा प्‍लस वेरिएंट, देश में कोरोना की तीसरी लहर का कारण बन सकता है।

भारत में कोरोना की दूसरी लहर के कमजोर पड़ने के बाद अब तीसरी लहर की संभावना जताई जा रही है। हालांकि कहा जा रहा है कि तीसरी लहर की संभावना सितंबर व अक्टूबर माह में है। साथ ही विशेषज्ञों का मानना है कि डेल्‍टा प्‍लस वेरिएंट, देश में कोरोना की तीसरी लहर का कारण बन सकता है। केंद्रीय स्‍वास्‍थ्‍य मंत्रालय ने कहा है कि डेल्टा वेरियंट इस समय दुनिया के 80 देशों में है। भारत में भी यह है और इसे ‘वेरियंट ऑफ कंसर्न’ की श्रेणी में रखा गया है। यानी चिंता पैदा करने वाली स्थिति है। मंत्रालय की प्रेस ब्रीफिंग के दौरान स्‍वास्‍थ्‍य सचिव राजेश भूषण ने बताया कि डेल्टा प्लस वेरियंट अभी 9 देशों में हैं। यूके, यूएस, जापान, रशिया, भारत, पुर्तगाल, स्विट्जरलैंड, नेपाल और चीन। उन्‍होंने कहा कि भारत में डेल्टा प्लस के 40 मामले हैं और अभी इसे ‘वेरियंट ऑफ इंटरेस्ट’ की श्रेणी में रखा गया है। डेल्‍टा प्‍लस वेरिएंट के केस केरल, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र में पाए गए हैं. राज्यों को चिट्ठी लिखकर कहा गया है कि कैसे डेल्टा प्लस वेरियंट को डील करना है। हम नहीं चाहते हैं कि डेल्टा प्लस वेरियंट आगे बढ़े और ये तीसरी लहर का कारण बने।
केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने प्रेस कांफ्रेंस में डेल्टा प्लस वेरिएंट को ‘वेरिएंट ऑफ इंटरेस्ट’ बताया था। वेरिएंट ऑफ कंसर्न नहीं, लेकिन शाम होते होते डेल्टा प्लस ‘वेरिएंट ऑफ कंसर्न’ हो गया। स्‍वास्‍थ्‍य सचिव ने कहा, भारत के दोनों वैक्सीन कोवैक्‍सीन और कोविशील्‍ड, डेल्‍टा वेरिएंट पर असरदार हैं। रूसी वैक्‍सीन स्‍पूतनिक V लेट आई है, लेकिन अभी कोविशील्ड और कोवैक्सिन पर पाया गया कि दोनों वैक्सीन डेल्टा वेरियंट पर असरदार है।
नीति आयोग के सदस्‍य वीके पॉल ने इस दौरान बताया कि कोरोना की नई वेव इसलिए आती है, क्योंकि वायरस घूम रहा है। अगर हम प्रोटेक्टेड नही हैं और ऐसे में अगर वायरस रूप बदल देता है तो दिक्‍कत हो जाती है। इस बारे में भविष्यवाणी करना मुश्किल है। हम वैक्सीन के जरिए ससेप्टिबिलिटी को बदल सकते हैं। उन्‍होंने कहा कि अगर हम वायरस को मौका नही देते हैं तो दिक्क्क्त नही होगी। कई देशों में चार वेव तक आयी है। कोरोना वेब को लेकर कही रूल नहीं है। इस बारे में निश्चित तौर पर कुछ नहीं कहा जा सकता। स्कूलों के सवाल पर उन्होंने कहा कि स्कूल एक क्राउड है। वहां टीचर, बच्चे और हेल्पर सब होंगे। जब थोड़े और केस कम होंगे और सभी को वैक्सीन लग जाएगी तो स्‍कूल खोलना आसान होगा।

Bhanu Bangwal

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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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