सीएम धामी से मिला राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद का प्रतिनिधिमंडल, गोल्डन कार्ड से संबंधित दिए गए ये सुझाव

राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद उत्तराखंड के प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से सचिवालय में भेंट की। इस दौरान परिषद की ओर से गोल्डन कार्ड के अन्तर्गत संचालित की जा रही राज्यकर्मियों और पेंशनरों की कैशलेस चिकित्सा में आ रही कठिनाईयां बताई गई। साथ ही इन समस्याओं को दूर करने के लिए परिषद ने सीएम को कई सुझाव भी दिए। इस मुलाकात की जानकारी परिषद के प्रदेश अध्यक्ष अरूण पांडे ने दी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इन समस्याओं पर की गई चर्चा
1.गोल्डन कार्ड धारी समस्त राज्य कर्मियों, पेंशनरों से मासिक प्रीमियम की कटौती लगातार जारी है, किन्तु योजनान्तर्गत पंजीकृत किसी भी चिकित्सालय की ओर से उक्त सुविधा भुगतान लंबित होने के कारण उपलब्ध नहीं करायी जा रही है। इस सम्बन्ध में संज्ञान में आया है कि योजना का संचालन कर रही संस्था राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण के पास गोल्डन कार्ड धारियों की चिकित्सा के बिलों के सापेक्ष पयार्प्त धनराशी न होने के कारण चिकित्सालयों के भुगतान लंबित चल रहे हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
2.संगठन की ओर से मांग किये जाने पर राज्य सरकार ने राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण को 75.00 लाख रुपये का ऋण उपलब्ध कराया है। जो कि बकाये के दृष्टिगत ऊंट के मुंह में जीरा साबित हो रहा है। ऐसे में स्थिति जस की तस बनी हुयी है।
3.इसी प्रकार राज्यकर्मियों एवं पेंशनरों की ओर से ओपीडी एवं पंजीकृत चिकित्सालयों के अतिरिक्त करायी गयी चिकित्सा के भुगतान भी बड़ी संख्या में धनराशि के अभाव में राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण के स्तर पर लंबित चल रहे हैं। संगठन द्वारा ओपीडी की सुविधा को भी राजकीय एवं योजनान्तर्गत पंजीकृत चिकित्सालयो मे कैशलेस किये जाने की मांग की जा रही है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
दिए गए ये सुझाव
1. समस्त राज्य कर्मियों एवं पेंशनरों को कैशलेस चिकित्सा सुविधा प्राप्त होने से पूर्व बिना किसी कटौती के सम्पूर्ण चिकित्सा (ओपीडी, आईपीडी)के सापेक्ष व्यय धनराशि की चिकित्सा प्रतिपूर्ति की जाती थी। राज्य कर्मियों एवं पेंशनरों को कैशलेस चिकित्सा उपलब्ध कराने के लिए संगठन द्वारा मासिक प्रीमियम के भुगतान के लिये भी सहमति प्रदान की गई थी। इसके आधार पर वेतन क्रम के अनुसार मासिक कटौती की जा रही है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
2. उपरोक्त संदर्भित समस्यायें मात्र राज्य कर्मियों एवं पेंशनरों से की जा रही मासिक कटौती की धनराशि से किये जाने के कारण आ रही है। संगठन से सहमति प्राप्त करते समय की गई वार्ता में इस तरह का कोई भी प्रस्ताव संज्ञान में नही था।
3. बिन्दु संख्या 1. के आलोक में स्वत: स्पष्ट है कि यदि राज्य कर्मियों एवं पेंशनरों से की जा रही मासिक कटौती की धनराशि कैशलेस चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराये जाने में कम पड रही है, तो सिद्धान्तत: राज्य सरकार का दायित्व है कि पूर्व की भांति इसके लिए वांछित अतिरिक्त धनराशि का भुगतान राज्य सरकार द्वारा किया जाय। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
सीएम ने दिया ये आश्वासन
परिषद के प्रदेस अध्यक्ष अरूण पांडे ने बताया कि सीएम धामी ने प्रदेश के कार्मिकों की समस्या के प्रति अत्यन्त संवेदनशीलता दिखाते हुए मुख्य सचिव को तत्काल बैठक आयोजित कर समस्या के समाधान के लिए निर्देशित किया गया। साथ ही सीएम ने परिषद को आश्वस्त किया कि शीघ्रातिशीघ्र सरकार की ओर से कार्मिकों की लम्बित अन्य समस्याओं का समाधान भी सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाते हुए किया जायेगा।
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Bhanu Bangwal
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।