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November 11, 2024

बुलडोजर के खिलाफ 22 मई को देहरादून नगर निगम कूच, अब होगी आर पार की लड़ाई

उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में भी बुलडोजर का खौफ बना हुआ है। कारण ये है कि नगर निगम देहरादून की ओर से लोगों को नोटिस जारी किए गए हैं। ये नोटिस वर्ष 2016 के बाद से नदी, नालों के किनारे बसी मलिन बस्तियों के लोगों को दिए गए हैं। कारण हाईकोर्ट का निर्देश बताया जा रहा है। 30 जून तक इन बस्तियों के लिए डेड लाइन तय की गई है। ऐसे में हजारों लोगों को बेघर होने का डर सताने लगा है। इसे लेकर विभिन्न राजनीतिक दलों के देहरादून में प्रदर्शन भी शुरू हो चुके हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

उत्तराखंड मलिन बस्ती विकास परिषद की आज देहरादून में सुभाष रोड स्थित एक वेडिंग प्वाइंट में सभा आयोजित की गई। इसमें मलिन बस्तियों को बचाने के लिए आंदोलन की रणनीति तय की गई। मलिन बस्तियों के तीन दशक पुराने संगठन उत्तराखंड मलिन बस्ती विकास परिषद एक बार फिर मलिन बस्तियों के निवासियों को मालिकाना हक दिए जाने व नगर निगम प्रशासन व सरकार की ओर से मलिन बस्तियों को हटाने के आदेशों के खिलाफ मुखर हो गया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

आज परिषद के केंद्रीय अध्यक्ष वरिष्ठ कांग्रेस नेता सूर्यकांत धस्माना ने ऐलान किया कि हमेशा की तरह उत्तराखंड मलिन बस्ती विकास परिषद मलिन बस्तियों को उजाड़ने के खिलाफ व मलिन बस्तियों को मालिकाना हक दिए जाने की मांग को लेकर संघर्ष करेगा। उन्होंने सभा में उपस्थित विभिन्न बस्तियों से आए प्रतिनिधियों की सहमति से आगामी 22 मई बुधवार को कांग्रेस मुख्यालय से नगर निगम कूच करने का ऐलान किया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

धस्माना ने कहा कि जब जब राज्य में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनी, उनका सबसे पहले निशाना गरीबों के आशियाने और मलिन बस्तियों होती हैं। उन्होंने कहा कि 2018 में त्रिवेंद्र सिंह रावत सरकार ने मलिन बस्तियों को हटाने के तुगलकी आदेश जारी किए थे। उसके खिलाफ उत्तराखंड मलिन बस्ती विकास परिषद ने सबसे पहले आवाज उठाई। तत्पश्चात कांग्रेस ने मुख्यमंत्री आवास कूच किया। इसके कारण प्रदेश सरकार को अध्यादेश लाना पड़ा और आज तक वो तलवार मलिन बस्तियों के ऊपर लटक रही है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

 

धस्माना ने कहा कि इसका एकमात्र उपाय कांग्रेस सरकार द्वारा मालिकाना हक की जो शुरुआत की गई थी, उसे लागू कर मलिन बस्तियों का नियमितीकरण कर उनके लोगों को मालिकाना हक दे कर किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि अब इस अधूरी लड़ाई को कांग्रेस के बैनर तले उत्तराखंड मलिन बस्ती विकास परिषद सड़कों पर लड़ कर व संघर्ष कर पूरा करेगा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

उन्होंने सभा में उपस्थित सभी मलिन बस्तीवासियों से आह्वान किया कि वे ज्यादा में ज्यादा संख्या में 22 मई के प्रदर्शन में शामिल हों। इस अवसर पर महानगर कांग्रेस अध्यक्ष डाक्टर जसविंदर सिंह गोगी ने कहा कि कांग्रेस ने हमेशा मलिन बस्तियों की लड़ाई को बड़ी ईमानदारी से लड़ा है और इस बार भी पार्टी पूरी ताकत से मलिन बस्ती वासियों के साथ खड़ी है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

पूर्व पार्षद जगदीश धीमान ने कहा कि स्वर्गीय इंदिरा गांधी ने देश की बंजर व बेकार पड़ी भूमि पर गरीब व भूमिहीन लोगों को झोपड़ी बनाने का अधिकार दिया था। इसके बाद तमाम मलिन बस्तियों बसी, लेकिन भाजपा तो गरीबों की दुश्मन नंबर एक है। इसलिए मलिन बस्तियों को उजाड़ने का काम कर रही है। निवर्तमान पार्षद इलियास अंसारी ने कहा कि मलिन बस्तियों पर जब भी संकट आया तब तब धस्माना जी संकट मोचक बन कर आगे आए। इस बार भी उन्होंने मलिन बस्तियों को बचाने के लिए संघर्ष की पहल की है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

पूर्व पार्षद ललित भद्री ने कहा कि देहरादून की सभी विधान सभाओं में मलिन बस्तियां हैं। सभी में विधायक भाजपा के हैं, लेकिन में बस्तियों के लिए कोई आगे आ कर काम नहीं करता। इसलिए अब सभी मलिन बस्ती के लोगों को मिल कर इनको मालिकाना हक दिलवाने की लड़ाई लड़नी चाहिए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

निवर्तमान पार्षद ऐतात खान, निवर्तमान पार्षद मुकीम अहमद, निवर्तमान पार्षद संगीता गुप्ता, पूर्व पार्षद राम सुख, कांग्रेस नेता एसबी थापा, अनिल कुमार,अवधेश कथिरिया, संजय भारती, आनंद सिंह पुंडीर, हरेंद्र बेदी, सरदार जसविंदर सिंह, जया गिलानी, सुमन जखमोला, शुभम सैनी, राइस फातिमा, यामीन खान, अनुजदत्त शर्मा, प्रवीण कश्यप, प्रवीण भारद्वाज समेत अनेक वक्ताओं ने एक सुर में मालिकाना हक की लड़ाई मजबूती से लड़ने की बात कही। कार्यक्रम का संचालन उत्तराखंड मलिन बस्ती विकास परिषद के महामंत्री दिनेश कौशल ने किया।
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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