रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने देहरादून में शौर्य स्थल का किया लोकार्पण, बलिदानी सैनिकों को दी श्रद्धांजलि

कार्यक्रम में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि शौर्य स्थल में समाज के जिस किसी भी व्यक्ति का योगदान है, उसका आभार। खासकर पूर्व राज्यसभा सदस्य तरुण विजय का, जिन्होंने अपनी निधि से ये पहल की। पूर्व सैनिकों से सीधा संवाद मेरी प्राथमिकता रही है। वेटरन का सियाचीन में भी कोई आयोजन होता है तो जरूर जाऊंगा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इस दौरान रक्षामंत्री ने कहा कि जब मैं आप जैसे देश के वीरों के बीच पहुंचता हूं तो मेरा शीश श्रद्धा से झुक जाता है। आपकी वीरता और बलिदान के दृश्य मेरी आंखों के सामने चमकते रहते हैं। आपने हमारे देश की सीमाओं की रक्षा की है और इसकी एकता और अखंडता को बनाए रखा है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
सशस्त्र बल पूर्व सैनिक दिवस के अवसर पर देहरादून में शौर्य स्थल युद्ध स्मारक पर पहुंचे रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि जब भी इस देश को जरूरत पड़ी है, उत्तराखंड के वीरों ने देश की एकता, अखंडता और संप्रभुता की रक्षा के लिए अपने अदम्य साहस और वीरता का परिचय दिया है। उन्होंने कहा कि सारा देश विभिन्न पर्व माना रहा है। इन सभी पर्वों की बधाई। ये सभी समृद्ध कृषि संस्कृति के पर्व हैं। ये समृद्धि केवल उर्वरक भूमि, खाद, पानी, नई तकनीक आदि से ही नहीं देश की सुरक्षा से भी हासिल हुई। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने कहा कि सेना का आर्थिक प्रगति में अप्रत्यक्ष योगदान है। देश सुरक्षित है तभी प्रगति कर रहा है। सीमाएं सुरक्षित नहीं होंगी तो बड़े से बड़े निवेश का कोई महत्व नहीं रह जाता। आज देश आप सबके प्रति भी कृतज्ञता प्रकट कर रहा है। राजनाथ सिंह ने इस दौरान वेटरन की भीष्म पितामह से तुलना की। कहा कि समाज के लिए संकल्पित पूर्व सैनिक बड़े से बड़ा काम कर सकते हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
जब-जब देश को जरूरत पड़ी उत्तराखंड के वीर अग्रिम पंक्ति में खड़े रहे। कारगिल से लेकर विभिन्न युद्धों में उत्तराखंड के वीरों ने अपने हौसले से दुश्मन को पस्त कर दिया। उनके बलिदान व त्याग को शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता। आज भारत पहले जैसा भारत नहीं रहा। एक वक्त था जब अंतरराष्ट्रीय मंच पर उसकी बात गंभीरता से नहीं सुनी जाती थी। पर आज अंतरराष्ट्रीय मंचों पर कान खोलकर उसकी बात सुनी जाती है। कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा की स्थिति भोजन में नमक जैसी है। सभी वर्ग के लोग अपनी अपनी तरह से देश की प्रगति में योगदान दे रहे हैं। पर सेना ही ऐसी है जहां वेटरन के लिए एक अलग विभाग है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने कहा कि भगवान राम, कृष्ण, देवी दुर्गा भी वेटरन हैं। वे साहस और शौर्य दिखाकर ही पूजनीय बने। राष्ट्रीय स्वाभिमान की भावना के कारण ही सीमाएं सुरक्षित हैं। वेटरन डे पूर्व सैनिकों के प्रति कृतज्ञता व सम्मान का उत्सव है। पूर्व सैनिक संत के समान हैं। एक संत समाज की उन्नति और समाज का हित चाहता है। इस कसौटी पर पूर्व सैनिक खरे उतरते हैं। उनके लिए जो भी किया जाए वह कम है। यह सरकार की जिम्मेदारी है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
सोल आफ स्टील एल्पाइन चैलेंज का भी उद्घाटन
रक्षा मंत्री ने इस दौरान सोल आफ स्टील एल्पाइन चैलेंज का भी उद्घाटन किया, जो भारतीय सेना और क्लाव ग्लोबल (विशेष बलों के दिग्गजों की ओर से संचालित एक संगठन) की अपनी तरह की एडवेंचर स्पोर्ट्स की संयुक्त पहल है। भारतीय सेना की सबसे पुरानी ब्रिगेड आइबेक्स और वेटरन का स्टार्ट अप क्लाव ग्लोबल वर्ष 2019 में शुरू हुआ था। जो सोल आफ स्टील एल्पाइन चैलेंज का आयोजन करने के लिए आर्मी एडवेंचर विंग के बैनर तले एक साथ आए हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के साथ ही सीडीएस जनरल अनिल चौहान भी दून पहुंचे। सीडीएस बनने के बाद जनरल चौहान का यह पहला दून दौरा है। इससे पहले मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, डोईवाला विधायक बृज भूषण गैरोला, कैंट विधायक सविता कपूर, जिलाधिकारी सोनिका, एसएसपी दिलीप कुमार आदि ने जौलीग्रांट एयरपोर्ट पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का स्वागत किया।

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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।