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September 15, 2025

उत्तराखंड में कोरोना कर्फ्यू में राहत को लेकर सात जून को होगा फैसला, दबाव में नहीं आएगी सरकार

उत्तराखंड में लगातार कोरोना कर्फ्यू के चलते व्यापारी वर्ग की ओर से दुकानें खोलने की मांग उठने लगी है। जगह जगह इसे लेकर प्रदर्शन भी किए गए। कर्फ्यू का फायदा इतना तो जरूर मिला कि उत्तराखंड में कोरोना के केस घटने लगे। अब सरकार किसी दबाव में आकर फैसला लेने की बजाय हर जिले की समीक्षा कर फैसला लेने का मन बना चुकी है।

उत्तराखंड में लगातार कोरोना कर्फ्यू के चलते व्यापारी वर्ग की ओर से दुकानें खोलने की मांग उठने लगी है। जगह जगह इसे लेकर प्रदर्शन भी किए गए। कर्फ्यू का फायदा इतना तो जरूर मिला कि उत्तराखंड में कोरोना के केस घटने लगे। अब सरकार किसी दबाव में आकर फैसला लेने की बजाय हर जिले की समीक्षा कर फैसला लेने का मन बना चुकी है।
वैसे को कोरोना कर्फ्यू कोविड-19 वायरस की चेन तोड़ने का उपाय है, लेकिन इसे स्थायी समाधान नहीं कहा जा सकता है। स्थायी समाधान हर नागरिक को टीका लगाना ही है। क्योंकि कर्फ्यू के दौरान मामले घटेंगे और जैसे ही छूट मिलेगी फिर कोरोना संक्रमण फैलने लगेगा। ऐसे में प्रदेश में चिंताजनक हो चुकी टीकाकरण की रफ्तार को बढ़ाने की जरूरत है। फिलहाल टीके शुरूआती दिनों से भी आधे से कम लग रहे हैं। पहले जहां एक दिन में 75 से 85 हजार के अधिक टीके लगाए जा रहे थे, इन दिनों यह संख्या 12 से 15 हजार के आसपास सिमट कर रह गई है।
सात जून को होगा फैसला
उत्तराखंड में कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों में कमी को देखते हुए कोविड कर्फ्यू में ढील देने की उठ रही मांग पर फैसला सात जून को होने वाली बैठक में लिया जाएगा। इस बीच मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत स्थिति पर नजर रखने के साथ ही जिलों से लगातार फीड बैक ले रहे हैं।
सरकार के प्रवक्ता एवं कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल के मुताबिक कोविड की परिस्थितियों के मद्देनजर सभी पहलुओं पर विमर्श के बाद ही कोई निर्णय लिया जाएगा। कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते मामलों की रोकथाम के दृष्टिगत सरकार ने 10 मई को दोपहर एक जून से प्रदेश में प्रथम चरण का कोविड कर्फ्यू लागू किया। इसके बाद द्वितीय, तृतीय व चतुर्थ चरण में कर्फ्यू की अवधि एक-एक हफ्ते आगे बढ़ाई गई। चतुर्थ चरण के कर्फ्यू की अवधि आठ जून को सुबह छह बजे समाप्त हो रही है।
कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल के अनुसार वर्तमान में पहली प्राथमिकता जनता की कोविड से रक्षा करना है। इसके लिए सरकार मुस्तैदी से जुटी है। उन्होंने कहा कि जहां तक कर्फ्यू में ढील अथवा क्या-क्या छूट दी जानी है, इन समेत सभी पहलुओं पर विचार-विमर्श के बाद ही सात जून को फैसला लिया जाएगा। उन्होंने फिर दोहराया कि दबाव में कोई निर्णय नहीं लिया जाएगा। कोरोना वायरस संक्रमण से जनता की रक्षा के लिहाज से ही फैसला लिया जाएगा।
गौतलब है कि कोरोना कर्फ्यू में सुबह आठ बजे से 11 बजे तक आवश्यक वस्तुओं में अंडा, ब्रेड, मांस मछली, सब्जी, फल, दूध आदि की दुकानें खोली जा रही हैं। राशन की दुकानों को सप्ताह में दो दिन सुबह आठ से दोपहर एक बजे तक खोलने की अनुमति है। इसके तहत आज भी राशन व परचून की दुकानें खोली गई हैं। पहले राशन की दुकानों को खोलने की सप्ताह में एक दिन की अनुमति थी। अन्य दुकानदार लगातार बंदी के चलते परेशान हो उठे हैं।

Bhanu Bangwal

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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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