केदारनाथ से लौट रहे तीर्थ यात्रियों पर पहाड़ी से गिरा मलबा, पांच की मौत, तीन घायल
उत्तराखंड के पर्वतीय जिलों में भूस्खलन से लोगों की जान आफत में आ रही है। रुद्रप्रयाग जिले में केदारनाथ से लौट रहे यात्रियों का दल भूस्खलन की चपेट में आ गया। इनमें मलबे के नीचे दबने से पांच यात्रियों की मौत हो गई और तीन घायल हो गए। घायलों को अस्पताल पहुंचा दिया गया है। कल शाम एक शव बरामद किया गया था। आज मंगलवार को मलबे में दबे चार शव और निकाले गए। ऐसे हादसों को लेकर एक सवाल तो उठना लाजमी है कि जब पर्वतीय इलाकों में भूस्खलन हो रहा है। जगह जगह पत्थर गिर रहे हैं। फिर सरकार से सवाल है कि क्यों यात्रा के आंकड़े बढ़ाने के लिए तीर्थ यात्रियों को मौत के मुंह में क्यों झोंका जा रहा है। मौसम विभाग हर दिन येलो या ओरेंज अलर्ट जारी कर रहा है। फिर चारधाम यात्रा को फिलहाल स्थिति सुधरने तक स्थगित क्यों नहीं किया जा रहा है। फिलहाल ये भी नहीं पता कि मलबे में कितने दबे हैं। यदि सरकार यात्रियों के प्रति संवेदनशील नहीं है और ऐसे मौसम में भी यात्रा जारी है तो इसे क्या कहेंगे। मौत हो रही है, या कहें कि लापरवाही से प्राकृतिक हत्या हो रही है। 15 जून से लेकर अब तक 67 लोगों की उत्तराखंड में बारिश की वजह से मौत हो चुकी है। इस दौरान 32 लोग घायल हुए और 22 लोग लापता हैं। वैसे ऐसी कब आपदा आई कि चार सितंबर की सुबह 11 बजे राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र की रिपोर्ट में सुबह के समय तक दो लोग लापता थे और अचानक उसी दिन शाम छह बजे की रिपोर्ट में लापता लोगों की संख्या बढ़कर बढ़कर 22 हो जाती है। ऐसे में साफ है आपदा से हुए नुकसान के आंकड़ों को छिपाया जा रहा है। धीरे धीरे आंकड़ों में बढ़ोत्तरी करने का उद्देश्य ये है कि मीडिया की नजर में ये आंकड़े ना पड़ें। बाद में कोई इन आंकड़ों पर ध्यान नहीं देता है। जैसे कोरोना के समय होता रहा। दैनिक रिपोर्ट में मरने वालों की संख्या कम दर्शायी गई और फिर बाद में आंकड़ों में अचानक संख्या जोड़ी जाती रही। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
चार सितंबर की सुबह की रिपोर्ट देखने के लिए क्लिक करें- Daily Morning Report 04092024_240904_112006
चार सितंबर की शाम की रिपोर्ट देखने के लिए क्लिक करें-Evening Report 04092024_240904_194014
बताया जा रहा है कि सोमवार देर शाम केदारनाथ से लौट रहे यात्री सोनप्रयाग में ऊर्जा निगम के पावर हाउस के समीप भूस्खलन जोन में पहाड़ी से गिर रहे पत्थर व मलबे में फंस गए। सूचना पर एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीम के साथ पुलिस मौके पर पहुंची और रेस्क्यू शुरू किया। इस दौरान एक शव बरामद किया गया था। मृतक की शिनाख्त गोपाल (50 वर्ष) पुत्र भक्तराम निवासी मध्य प्रदेश के रूप में हुई है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
वहीं, जीवच तिवारी पुत्र रामचरित, मनप्रीत सिंह पुत्र कश्मीर सिंह और छगन लाल पुत्र भक्तरामन घायल हो गए थे। उन्हें जिन्हें सोनप्रयाग पहुंचाया गया। जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी नंदन सिंह रजवार ने मीडिया को बताया कि सोनप्रयाग बाजार से लगभग एक किमी आगे भूस्खलन जोन में पहाड़ी से पत्थर व मलबा गिरने से वह फंस गए थे। क्षेत्र में अन्य यात्रियों की होने की संभावना को देखते हुए खोजबीन की जा रही थी। आज मंगलवार को तीन शव बरामद हुए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
मृतकों के नाम
1. गोपाल (50 वर्ष) पुत्र भक्तराम निवासी जीजोड़ा पो0 राजोद जिला धार मध्य प्रदेश।
2. दुर्गाबाई खापर (50 वर्ष) पत्नी संघन लाल निवासी नेपावाली, जिला घाट, मध्य प्रदेश।
3. तितली देवी (70 वर्ष) पत्नी राजेंद्र मंडल निवासी ग्राम वैदेही जिला धनवा नेपाल।
4. भारत भाई निरालाल (52 वर्ष) पुत्र निरालाल पटेल निवासी ए 301 सरदार पैलेस करवाल नगर खटोदरा सूरत गुजरात।
5. समनबाई (50 वर्ष) पत्नी शालक राम निवासी झिझोरा जिला धार मध्य प्रदेश। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
घायलों के नाम
1. जीवच तिवारी (60 वर्ष) पुत्र रामचरित निवासी धनवा नेपाल
2. मनप्रीत सिंह (30 वर्ष) पुत्र कश्मीर सिंह निवासी वेस्ट बंगाल।
3. छगनलाल (45 वर्ष) पुत्र भक्त राम निवासी राजोत जिला धार मध्य प्रदेश।
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।