डीएवी पीजी कॉलेज देहरादून को छह विज्ञान विभागों के लिए एफआईएसटी से मिला 60 लाख का अनुदान
भारत सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी इन्फ्रास्ट्रक्चर में सुधार के लिए लिए फंड (FIST) परियोजना के अंतर्गत उत्तराखंड के सबसे बड़े महाविद्यालय डीएवी पीजी कॉलेज के छह विज्ञान विभागों को आधुनिक उपकरणों द्वारा शोध प्रोत्साहन के लिए 60 लाख रुपए का अनुदान प्राप्त हुआ है। इस फिस्ट डीएसटी योजना का उद्देश्य नए तथा उभरते क्षेत्रों में अनुसंधान व विकास गतिविधियों को बढ़ावा देना और विश्वविद्यालय एवं अन्य शैक्षणिक संस्थानों में नई प्रतिभा को आकर्षित करने के लिए बुनियादी ढांचा और सक्षम सुविधाएं प्रदान करना है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इस प्रतिष्ठित अनुदान से कॉलेज में अनुसंधान गतिविधियों को अधिक प्रभावी ढंग से और कुशलता से आगे बढ़ाने में लिए बड़ी सहायता मिलेगी। इस FIST(फिस्ट) परियोजना के अंतर्गत डीएवी स्नातकोत्तर महाविद्यालय के छह विज्ञान विभागों में रसायन विज्ञान, वनस्पति विज्ञान, जंतु विज्ञान, भौतिक विज्ञान, गणित तथा सांख्यिकी विभाग शामिल हैं। इनकी स्नातकोत्तर प्रयोगशालाओं तथा शोध कार्यों के लिए आधुनिक उपकरणों की खरीद, नेटवर्किंग व कम्प्यूटेशनल सुविधाओं तथा मौजूदा व नयी सुविधाओं की मरम्मत व रखरखाव के लिए 60 लाख रुपये की ग्रांट स्वीकृत की गयी है। जो कि आगामी 5 वर्षों में चरणवार प्रदान की जाएगी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
महाविद्यालय के नवनियुक्त प्राचार्य प्रोफेसर एसके सिंह ने बताया कि महाविद्यालय के रसायन तथा जंतु विज्ञान विभागों को पूर्व में भी 2006-07 में इस फिस्ट परियोजना से ग्रांट प्राप्त हो चुकी है। इसके अतिरिक्त 2013-14 में भी महाविद्यालय के उक्त सभी छह विज्ञान विभागों को स्नातक एवं स्नातकोत्तर प्रयोगशालाओं तथा शोध कार्यों के लिए इसी फिस्ट योजना के अंतर्गत अनुदान प्राप्त हो चुका है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
प्रोफेसर सिंह ने बताया कि वर्तमान में महाविद्यालय को “संपूर्ण कॉलेज” के स्तर “ए” (शैक्षणिक-पीजीसी) श्रेणी में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के लिए अनुसंधान सुविधाएँ स्थापित करने के लिए 60 लाख रुपये का अनुदान प्राप्त हुआ है। उन्होंने इस अवसर पर परियोजना टीम को बड़ी उपलब्धि हासिल करने के उपलक्ष्य में बधाई दी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इस परियोजना के अन्वेषक एवं रसायन विज्ञान के प्रोफेसर प्रशांत सिंह ने बताया कि इस अनुदान प्राप्ति से महाविद्यालय के बाहर के अन्य शोधकर्ताओं द्वारा नमूना विश्लेषण के लिए उन्हें अपने परिसर में विभिन्न शोध सुविधाओं की उपलब्धता व स्लॉट प्रदर्शित करने वाले भारतीय विज्ञान प्रौद्योगिकी और इंजीनियरिंग सुविधाएँ मानचित्र (I-STEM) पोर्टल पर जुड़कर उन्हें शोध और अनुसंधान कार्यों में सहायता प्रदान करने में सक्षम बनाया जा सकेगा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
महाविद्यालय प्रबंधन तंत्र के सचिव एडवोकेट मानवेन्द्र स्वरूप ने इस परियोजना टीम के मुख्य अन्वेषक प्रोफेसर प्रशांत सिंह व सहयोगी छह सह अन्वेषकों प्रोफेसर एआर सेमवाल, प्रोफेसर एसपी जोशी, प्रोफेसर शशि किरण सोलंकी, प्रोफेसर आलोक श्रीवास्तव, प्रोफेसर झरना बनर्जी को बधाई एवं शुभकामनाएं देते हुए कहा कि अब तक प्राप्त जानकारी के अनुसार इस प्रतिष्ठित ग्रांट को प्राप्त करने वाला डीएवी स्नातकोत्तर महाविद्यालय, देहरादून, प्रदेश का एकमात्र शैक्षणिक संस्थान है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इससे महाविद्यालय का प्रबंध तंत्र एवं परिवार गौरवांवित महसूस कर रहा है। मानवेन्द्र स्वरूप ने भरोसा दिलाया कि आवश्यकतानुसार महाविद्यालय प्रबंध तंत्र भी इस उपकरणों के आधुनिकीकरण पर आधारित शोध बेहतरीकरण परियोजना में अपना योगदान प्रदान करेगा।
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।