Video:चमोली में हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट डैम टूटा, 170 की मौत की आशंका, सात शव मिले, शाम को जलस्तर बढ़ने से कुछ देर रोका रेस्क्यू
उत्तराखंड के चमोली जिले में ग्लेशियर टूटने से ऋषिगंगा नदी पर हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट के डैम का एक हिस्सा टूट गया। साथ ही धौलीगंगा नदी में बांध भी इसकी चपेट में आ गया। घटना रविवार की सुबह करीब दस बजे की है। इससे अलकनंदा नदी में प्रवाह बढ़ गया। साथ ही ऋषिकेश, हरिद्वार से लेकर अन्य मैदानी क्षेत्र में अलर्ट जारी कर दिया गया था। सूचना पर जिला प्रशासन, आइटीबीपी, एसडीआरएफ और पुलिस की टीम मौके पर पहुंच गई थी। डैम टूटने से अलकनंदा नदी का जल प्रवाह अप्रत्याशित रूप से बढ़ने लगा। मैदानी क्षेत्र में बाढ़ जैसे हालात बनने लगे। देर शाम तक सात के शव बरामद भी हो चुके हैं। राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र सचिवालय परिसर की ओर से जारी सूचना में अभी दोनों प्रोजेक्ट के 170 मजदूर लापता हैं। इनके मलबे में दबे होने की आशंका जताई जा रही है। इनमें 22 ऋषिगंगा में और 148 धौलगंगा नदी में एनटीपीसी के श्रमिकों के बहने की संभावना जताई गई। देर शाम तक इन नदियों में पानी कम होने पर आसपास के क्षेत्र में मलबा भरा पड़ा है। इसी मलबे में लोगों को तलाशने का काम किया जा रहा है। कर्णप्रयाग सहित अन्य स्थानों पर नदी तट खाली कराए गए। राहत की बात ये है कि चमोली शहर तक आते आते पानी कंट्रोल होने लगा है। वहीं सीएम त्रिेवेंद्र सिंह रावत चमोली जिले के जोशीमठ में पहुंचे। साथ ही वे लोगों से धेर्य बनाए रखने और अफवाह न फैलाने की अपील करते रहे। सीएम के साथ में आयुक्त गढ़वाल रविनाथ रमन और डीआईजी गढ़वाल नीरू गर्ग भी थे। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने किया तपोवन व रैणी मे प्रभावित क्षेत्र का दौरा भी किया। उधर, देहरादून में वायुसेना के तीन हेलिकॉप्टर राहत के लिए तैयार हैं। वहीं, केंद्र की घटनाक्रम पर नजर है। क्षेत्र के करीब दस गांवों का सड़क टूटने से बाकी हिस्सों से संपर्क कट गया है। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने मृतकों के परिजनों को चार-चार लाख रुपये की आर्थिक मदद की घोषणा की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी मृतकों को दो-दो लाख रुपये देने की घोषणा की।
वहीं, राहत और बचाव कार्य तेजी से शुरू हो गया। मलबे और टनलों में फंसे लोगों को निकालने का काम जारी है। करीब सात लोगों को मलबे से जिंदा निकाला गया। वहीं, टनल से भी 15 लोगों को सकुशल निकाला गया। वहीं, अलकनंदा नदी का जल स्तर नियंत्रित हो गया। मैदानी क्षेत्र में किसी तरह के खतरे की आशंका नहीं है। वहीं, वायुसेना का सुपर हरक्यूलिस विमान बचाव दल के साथ देहरादून पहुंच गया। एनडीआरएफ की टीम विमान से देहरादून आने के बाद बसों से चमोली के लिए रवाना की जा रही है। शाम को अचानक ऋषिगंगा नदी का जलस्तर बढ़ने से रेस्क्यू को भी कुछ देर रोकना पड़ा। फिर स्थिति सामान्य हो गई।
उत्तराखंड के सीएम की प्रेस वार्ता
चमोली से लौटने के बाद सीएम त्रिवेंद्र रावत ने पत्रकार वार्ता में कहा कि भीषण आपदा का शिकार उत्तराखंड हुआ। सुबह सार्वनिक कार्यक्रम में जा रहा था, शोसल मीडिया में खबर मिली। जिला प्रशासन से कनफर्म की बात की। अधिकारी रास्ते में थे। पता चला कि ग्लेशियर खंडित होने से भारी नुकसान संभावना है। ऋषिगंगा ऋणि गांव के दो पार्ट हैं। सड़क से ऊपर व नीचे। वहीं, पावर प्रोजेक्ट है। 35 काम करते थे। पुलिस के चार जवान सुरक्षा, दो छुट्टी पर थे। दोनों मिसिंग हैं। 30 करीब मीसिंग हैं। उसी से करीब पांच किलोमीटर दूर तपोवन में एनटीपीसी के निर्माणाधीन प्रोजेक्ट में काफी संख्या मजदूर काम कर रहे थे।
उन्होंने बताया कि 176 मजदूर ड्यूटी को निकले थे। दो टनल में मजदूर फंसे। एक में 15 लोग थे, उन्हें निकाल लिया गया। दूसरी में 35 का अनुमान है। जब एवलांच आया तो शोर मचा, आसपास के गांव से आवाज दी। वो लोग वहां से वापस आ गए। रेस्क्यू कर लिया गया। एक हल्का घायल है। खतरे वाली बात नहीं। सात बाडी रिकवर हुई।
मलबा सुरंग में मलबा घुस गया। सुरंग तक पहुंचना मुश्किल था। जवानों ने रोप के सहारे पहुंचे। मशीन वहां तक पहुंचाना संभव नहीं। आइटीबीपी के जवान रोप के सहारे नीचे उतरे सुरंग खोलने का प्रयास किया। डेढ़ सौ मीटर तक पहुंच पाए। भीतर मजदूरों से संपर्क नहीं हो पाया। सेना के लोग पहुंच गए हैं। एनडीआरएफ की टीम दिल्ली से पहुंची है। जौलीग्रांट से बसों से भेजा गया है। मेडिकल दृष्टि से सीएमओ, आर्मी, आइटीबीपी की टीम है।
उन्होंने बताया कि आपदाग्रस्त क्षेत्र का उन्होंने पहले एरियल सर्वे किया। फिर रोड से ऋणी गांव तक गए। एसडीआरएफ की 60 की टीम पहुंच गई। एक बड़ा व चार छोटे पुल क्षतिग्रस्त हुए हैं। ऋषिगंगा व धौलीगंगा का सड़क का संपर्क टूट गया। इनमें कुछ गांव सर्दियों में माइग्रेट कर चुके हैं। 11 गांव के लोग हैं। हेलीकाप्टर तैनात हैं। गोचर में आइटीबीपी के 90 जवान निकल गए हैं। उन्होंने बताया कि पीएम मोदी को खबर लगी तो उन्होंने चिंता व्यक्त की। कहा मदद की जरूरत मेरे आफिस में संपर्क करें। राष्ट्रपति जी का भी फोन आया। योगीजी का भी सहयोग, बिहार सीएम भी सहयोग को आगे आए। अनंत अंबानी उद्योगपति ने भी अपने फाउंटेशन के लोग भेजने का आश्वासन दिया। पतंजलि ने भी सहयोग का आश्वासन दिया। सीएम ने मीडिया का धन्यवाद किया। संभलकर रिपोर्ट की। मृतक आश्रितों को चार-चार लाख की घोषणा की। उन्होंने कहा कि अनुमान के तहत लापता की संख्या 125 के आसपास हो सकती है।
उधर, गृह मंत्री अमित शाह ने ट्विट कर बताया कि मदद से लिए दिल्ली से एयर लिफ्ट के जरिये एसडीआरएफ भेजी गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि केंद्र लगातार निगरानी रख रहा है। सारा भारत उत्तराखंड के साथ खड़ा है। उधर राहुल गांधी ने ट्विट करते हुए घटना पर दुख जताया। साथ ही कार्यकर्ताओं से प्रभावितों की मदद को कहा है। वहीं, उत्तराखंड में कांग्रेस और भाजपा ने आज के सारे कार्यक्रम स्थगित कर दिए। साथ ही कांग्रेस ने कहा कि संकट की इस घड़ी में वे सरकार के साथ हैं। उधर भाजपा ने भी केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश कुमार निशंक की पत्रकार वार्ता स्थगित कर दी। साथ ही राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कार्यकर्ताओं से राहत और बचाव कार्य में जुटने को कहा है। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घटना पर दुख जताते हुए हर संभव मदद का वादा किया।
इस प्रोजेक्ट का नाम ऋषिगंगा पावर प्रोजेक्ट है। यह 13.2 मेगावाट का है। वर्ष 2016 में क्षतिग्रस्त होने से इसमें जनरेशन बंद हो गया था। इसके बाद एनसीएलटी के माध्यम से कुंदन ग्रुप ने इस पर काम शुरू किया और जून 2020 में इसे चालू किया गया। परियोजना अधिकारी के अनुसार लगभग 50 व्यक्ति लापता हैं। बताया जा रहा है कि पहाड़ी से ग्लेशियर टूटकर इस डैम पर गिरा। इससे डैम का एक हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया और डैम का पानी तेजी से अलकनंदा नदी में जाने लगा है। नदी में बाढ़ के हालात उत्पन्न हो गए हैं। करीब 15 मीटर चौड़ाई तक पानी तेज बहाव के साथ आगे बढ़ने लगा। तपोवन में एनटीपीसी का धौलीगंगा डैम भी क्षतिग्रस्त हो गया। वहीं, अलकनंदा में टीएचडीसी के काफर डैम को कोई नुकसान नहीं पहुंचा।
अलकनंदा नदी का प्रवाह बढ़ने से केंद्रीय जल आयोग ने अपनी सभी चौकियों पर अलर्ट जारी किया है। शासन स्तर पर आला अधिकारी भी मामले की जानकारी व योजना बनाने में जुट गए थे। इसका नतीजा ये रहा कि चमोली से आगे अलकनंदा नदी में पानी के प्रवाह को कंट्रोल कर लिया गया। ये उत्तराखंड सरकार का सराहनीय कदम है।
एसडीआरएफ ने शुरू किया रेस्क्यू
ऋषि गंगा परियोजना स्थल की टनल में 15 मज़दूरों के फंसे होने पर यहां एसडीआरएफ की टीम ने रेस्क्यू शुरू किया। इन मजदूरों को सकुशल निकाल लिया गया है।
पीएम ने कहा लगातार रख रहे निगरानी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्विट कर बताया कि घटना पर लगातार निगरानी की जा रही है। उन्होंने ट्विट किया कि- उत्तराखंड में दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति की लगातार निगरानी कर रहे हैं। भारत उत्तराखंड के साथ खड़ा है और राष्ट्र सभी की सुरक्षा के लिए प्रार्थना करता है। वरिष्ठ अधिकारियों से लगातार बात कर रहे हैं और एनडीआरएफ की तैनाती, बचाव कार्य और राहत कार्यों में अपडेट प्राप्त कर रहे हैं।
गृह मंत्री अमित शाह बोले-दिल्ली से भेजी जा रही एसडीआरएफ
उत्तराखंड में प्राकृतिक आपदा को लेकर गृह मंत्री अमित शाह ने ट्विट किया। उन्होंने लिखा कि उत्तराखंड में प्राकृतिक आपदा की सूचना के सम्बंध में मैंने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र, DG ITBP व DG NDRF से बात की है। सभी सम्बंधित अधिकारी लोगों को सुरक्षित करने में युद्धस्तर पर काम कर रहे हैं। NDRF की टीमें बचाव कार्य के लिए निकल गयी हैं। देवभूमि को हर सम्भव मदद दी जाएगी। NDRF की कुछ और टीमें दिल्ली से Airlift करके उत्तराखंड भेजी जा रही हैं। हम वहाँ की स्थिति को निरंतर मॉनिटर कर रहे हैं।
नड्डा ने की भगत से बात
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने रविवार को प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत से दूरभाष पर बात कर जोशीमठ के रैणी क्षेत्र में आयी आपदा की जानकारी ली और प्रभावित क्षेत्र में पीड़ितों की मदद के लिए पार्टी को जुटने के निर्देश दिये। राष्ट्रीय अध्यक्ष के निर्देश पर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष भगत ने जिलाध्यक्ष चमोली और अन्य पदाधिकारियों से बात कर घटना के बारे में बात की। इसके अलावा श्री भगत ने क्षेत्रीय विधायक श्री महेंद्र भट्ट से भी बात की। भगत ने पार्टी कार्यकर्ताओं को प्रभावित क्षेत्र में पहुंचने और प्रशासन के साथ राहत कार्यों में हाथ बंटाने को कहा है। भगत ने कहा कि वह पूरी तरह जिला प्रशासन से और क्षेत्र के लोगों के संपर्क में है। केंद्र व प्रदेश सरकार युद्ध स्तर पर राहत व बचाव कार्यों में जुट गई है। उन्होंने कहा कि राहत कार्यों में किसी तरह की कमी नहीं आने दी जाएगी।
योगी आदित्यनाथ ने किया मदद का वादा
उत्तराखंड में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घटना पर दुख जताते हुए हर संभव मदद का आश्वासन दिया। उन्होंने ट्विट किया कि-देवभूमि उत्तराखंड में ग्लेशियर टूटने से उत्पन्न हुई आपदा में अनेक नागरिकों के कालकवलित होने की सूचना से मन दुखी है। प्रभु श्री राम से प्रार्थना है कि दिवंगत आत्माओं को शांति, शोकसंतप्त परिजनों को यह दुःख सहने की शक्ति व घायलों को शीघ्र स्वास्थ्य लाभ प्रदान करें।
उत्तराखंड में बांध टूटने से उत्पन्न हुई परिस्थितियों के दृष्टिगत प्रदेश के सभी संबंधित विभागों व अधिकारियों को हाई अलर्ट पर रहने तथा SDRF को राहत कार्यों हेतु तत्पर रहने को कहा है। गंगा नदी के किनारे स्थित सभी जिलों के DM/SSP/SP को भी पूर्णतः सतर्क रहने हेतु निर्देशित किया है। देवभूमि उत्तराखंड में उत्पन्न हुई इस प्राकृतिक आपदा से निपटने हेतु उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा हर संभव सहायता प्रदान की जाएगी।
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री लगातार कर रहे ट्विट
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत लोगों को सजग रहने के लिए लगातार ट्विट कर रहे हैं। उन्होंने लिखा कि-ज़िला प्रशासन, पुलिस विभाग और आपदा प्रबंधन को इस आपदा से निपटने की आदेश दे दिए हैं। किसी भी प्रकार की अफवाहों पर ध्यान ना दें । सरकार सभी जरूरी कदम उठा रही है।
भागीरथी नदी का रोका फ्लो, डैम कराए खाली
सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बताया कि एहतियातन भागीरथी नदी का फ्लो रोक दिया गया है। ताकी देवप्रयाग में गंगा में अलकनंदा का पानी ही जाए। इससे नीचले इलाकों में पानी सामान्य रहे। साथ ही पानी के बढ़ने की संभावना के मद्देनजर श्रीनगर डैम तथा ऋषिकेष डैम को पहले ही खाली करवा दिया है। SDRF अलर्ट पर है। सीएम ने कहा कि- मेरी आपसे विनती है अफवाहें न फैलाएं। सरकारी प्रमाणिक सूचनाओं पर ही ध्यान दें।
हटाया गया है लोगों को
सीएम ने ट्विट के जरिये बताया कि- चमोली के रिणी गांव में ऋषिगंगा प्रोजेक्ट को भारी बारिश व अचानक पानी आने से क्षति की संभावना बन गई थी। नदी में अचानक पाने आने से अलकनंदा के निचले क्षेत्रों में भी बाढ़ की संभावना को देखते हुए तटीय क्षेत्रों में लोगों को अलर्ट किया गया। नदी किनारे बसे लोगों को क्षेत्र से हटाया गया।
पैनिक न फैलाएं
सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत सुबह ने कहा कि- मैं स्वयं घटनास्थल के लिए रवाना हो रहा हूँ। मेरी सभी से विनती है कि कृपया कोई भी पुराने video share कर panic ना फैलाएँ। स्थिति से निपटने के सभी ज़रूरी कदम उठा लिए गए हैं । आप सभी धैर्य बनाए रखें।
मदद से लिए यहां करें फोन
सीएम त्रिवेंद्र ने कहा कि-अगर आप प्रभावित क्षेत्र में फंसे हैं, आपको किसी तरह की मदद की जरूरत है तो कृपया आपदा परिचालन केंद्र के नम्बर 1070 या 9557444486 पर संपर्क करें। कृपया घटना के बारे में पुराने वीडियो से अफवाह न फैलाएं।
राहुल गांधी ने जताया दुख
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने चमोली की घटना पर दुख जताया। साथ ही उन्होंने कांग्रेस कार्यकर्तओं से राहत में मदद की अपील की। उन्होंने ट्विट किया कि-चमोली में ग्लेशियर फटने से बाढ़ त्रासदी बेहद दुखद है। मेरी संवेदनाएँ उत्तराखंड की जनता के साथ हैं। राज्य सरकार सभी पीड़ितों को तुरंत सहायता दें। कांग्रेस साथी भी राहत कार्य में हाथ बटाएँ।
श्रीनगर गढ़वाल में नदी किनारे लोगों को हटाया
तपोवन के पास एक बड़ा भारी ग्लेशियर टूटकर नदी में आ जाने से अलकनंदा नदी का जल स्तर काफी बढ़ जाने की संभावना है। इसे देखते हुए श्रीनगर गढ़वाल में स्थानीय प्रशासन ने नदी किनारे के लोगो को एतिहातन वहां से हटा दिया है। नदी के आसपास रेलवे पुल का निर्माण कार्य मे लगे श्रमिकों को भी नदी किनारे से हटा दिया गया है ।
एतिहातन,कलियासौद स्थित धारी देवी मंदिर से भी श्रद्धालुओं को हटा दिया गया है। फिलहाल किसी भी श्रद्धालु को मंदिर परिसर में नहीं जाने दिया जा रहा है। मुख्य पुजारी पंडित लक्ष्मीप्रसाद पांडेय अपने अन्य पुजारी साथियों के साथ अभी मंदिर मे ही हैं । नदी के बढ़े पानी को श्रीनगर तक पहुंचने में 3 से 4 घंटे तक का समय लग सकता है।
ऋषिकेश में लाउडस्पीकर से चेतावनी
चमोली जिले में ग्लेशियर फटने से ऋषिगंगा नदी में आई बाढ़ से ऋषिकेश क्षेत्र में भी गंगा नदी का जल स्तर बढ़ने की संभावना तथा आपदा कंट्रोल रूम से प्राप्त जानकारी के दृष्टिगत कोतवाली ऋषिकेश पुलिस ने त्रिवेणी घाट परिसर तथा नदी के किनारे स्थित अन्य घाटो से लोगो को लाउडस्पीकर के माध्यम से सचेत कर तत्काल खाली कराने का काम शुरू कर दिया है।
कांग्रेस ने कहा-संकट में सरकार के साथ, सारे कार्यक्रम किए स्थगित
चमोली जनपद के विकास खंड जोशीमठ में रिणी गांव में ऋषि गंगा नदी में ग्लेशियर टूटने से हुई तबाही पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए आज प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष श्री प्रीतम सिंह ने प्रदेश भर में आज कांग्रेस के आज के सभी कार्यक्रम स्थगित करने की घोषणा के साथ ही कहा कि इस संकट की घड़ी में कांग्रेस पूरी तरह से राज्य सरकार के साथ है।
आज प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय राजीव भवन में पत्रकारों से बातचीत में उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने कहा कि प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने केंद्र सरकार से मांग की है कि बचाव व राहत कार्यों में राज्य सरकार की आवश्यक मदद करे। तत्काल प्रभावित क्षेत्र में केंद्रीय दल भेज कर नुकसान का आंकलन करवाये व प्रभावित लोगों को उचित सहायता व मुआवजा दें।
धस्माना ने बताया कि प्रदेश अध्यक्ष ने घटना की सूचना मिलते ही चमोली जिले में कांग्रेस के प्रमुख नेताओं से बातचीत कर स्थिति का जायजा लिया व पार्टी नेताओं व कार्यकर्ताओं से प्रभावित क्षेत्र में लोगों की सहायता करने की अपील की। उधर, भाजपा ने भी आज के सारे कार्यक्रम स्थगित कर दिए हैं।
सीपीएम ने जताया दुख
देहरादून में मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने रैणी जोशीमठ में प्राकृतिक आपदा में मारे गये लोगों के प्रति दुख व्यक्त किया। पार्टी ने शोकाकुल परिवारों के प्रति हार्दिक संवेदना व्यक्त की है। पार्टी ने मृतकों के सम्मान में दो मिनट का मौन रखा। सरकार से मांग की है कि प्रभावितों व पीड़ित परिवारों की समुचित सहायता करे। पार्टी ने पूरे क्षेत्र तथा नदी क्षेत्र में रह रहे आवादी की सुरक्षा की मांग की है। पार्टी के चमोली प्रतिनिधिमंडल ने सचिव मनमोहन सिंह रौतेला के नेतृत्व में घटनास्थल का जायजा लिया तथा साथ ही पीड़ितों से मुलाकात की। पार्टी का एक प्रतिनिधिमंडल केन्द्रीय कमेटी सदस्य कामरेड बीजू कृष्णन के नेतृत्व में 10फरवरी घटनास्थल पर जाएगा और प्रभावितों परिवारों से मिलेगा। शोक व्यक्त करने वालों में राज्य सचिव राजेन्द्र सिंह नेगी, राजेन्द्र पुरोहित, मदन मिश्रा, अनन्त आकाश, लेखराज आदि उपस्थित थे।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।