सरस मेले में सांस्कृतिक कार्यक्रमों की धूम, लोक गायकों ने दर्शकों को अपने संग थिरकने को किया मजबूर
सांस्कृतिक संध्या में लोक गायक करण रावत ने गढ़वाली घुमणा खुली शैली बौजी, हेमना घसेटी मना, दीपा एक विदेशी चिराग है आदि गानों के साथ प्रस्तुति देकर लोगों को झूमने पर मजबूर किया। अंशु थपलियाल ने क्लासिकल गायन रंगी सारी गुलाबी, हमरी अटरिया पे, बैलम परदेसिया हाय, गढ़वाली गीत-मन भरमैगी मेरी, बातें मुरलिया, भजनआदि की शानदार प्रस्तुति दी। उपशास्त्रीय संगीत में अंतर्गत ठुमरी, दादरा, कजरी आदि ने जहां लोगों को मन मोहा, वहीं, लतानी एवं भीमसेन जोशी के रचित गाना बाजे मुरलिया भजन को भी बखूबी पसंद किया गया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
सरस में उत्तराखंड के समस्त 95 ब्लॉक से रायसेन सहायता समूह सहित अन्य राज्यों से आए स्वयं सहायता समूह, नहमत स्वयं सहायता समूह बिहार, शंकर सहायता समूह. संस्था समूह केरल, उज्जवला स्वयं सहायता समूह महाराष्ट्र, सन सुखी संसार का समूह मेघालय, श्री राम स्वयं सहायता समूह हरियाणा, सायापात्री सहायता समूह सिक्किम, वैष्णवी सहायता समूह राजस्थान, दवीयनखासा समूह छत्तीसगढ़, कृष्णा स्वयं सहायता समूह आदि समूहों के स्टाल लगे हैं। मेले में आज शनिवार की वजह होने से लोगों की काफी भीड़ रही। सरस मेले में मुख्य विकास अधिकारी झरना कमठान, परियोजना निदेशक ग्राम्य विकास अभिकरण आर सी तिवारी एवं जिला विकास अधिकारी सुशील मोहन डोभाल तथा सरस मेले में कार्य कर रहे कार्मिक उपस्थित रहे।
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भानु बंगवाल
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।