सरकारी भूमि से अतिक्रमण हटाने के सीएस ने दिए निर्देश, पर्वतीय जिलों में टनल पार्किंग पर जोर
उत्तराखंड के मुख्य सचिव डॉ. एसएस संधु ने सचिवालय में विभिन्न विभागों की परिसम्पत्तियों एवं भूमि पर अतिक्रमण रोकने के लिए सभी जिलाधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक ली। मुख्य सचिव ने कहा कि सरकारी, अर्द्ध सरकारी, सार्वजनिक निगमों, ग्राम सभाओं आदि की परिसम्पत्तियों पर कब्जा रोकने के लिए पोर्टल और मोबाइल ऐप तैयार किया गया है। जिसपर विभाग अपने अपने कब्जे वाली जमीनों का अक्षांश एवं देशान्तर रेखाओं की डायमेंशन और लोकेशन के साथ पोर्टल पर डाटा अपलोड करेंगे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
मुख्य सचिव ने कहा कि इस पूरे कार्य में राजस्व परिषद को सक्रिय भूमिका निभानी होगी। उन्होंने कहा कि हम जितनी जल्दी यह प्रक्रिया पूरी करेंगे, उतनी अधिक भूमि अतिक्रमण होने से बचा सकेंगे। उन्होंने कहा कि सभी विभागों को इसके लिए अपने स्तर से अधिकारियों की जिम्मेदारी भी तय करनी होगी कि उनके कार्यकाल में यदि विभाग की भूमि पर अवैध कब्जा होता है तो उसकी जवाबदेही किस अधिकारी की होगी। उन्होंने कहा कि जनपद स्तरीय विभागीय अधिकारी ही अपने स्तर की भूमि पर अतिक्रमण रोकने के लिए जिम्मेदार होगा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
मुख्य सचिव ने कहा कि नगर निगमों एवं नगर पालिकाओं को इस दिशा में तेजी से कार्य करना होगा। इन क्षेत्रों की अत्यधिक कीमती भूमि होने के कारण इन क्षेत्रों में सरकारी भूमि पर तेजी से अति से अतिक्रमण हो रहा है। मुख्य सचिव ने जिलाधिकारियों से डाटा कलेक्शन के दौरान फील्ड में आ रही समस्याओं के विषय में भी जानकारी ली। तकनीकी समस्याओं के निस्तारण के लिए आईटीडीए और यूसैक को एक सप्ताह का समय देते हुए तकनीकी सहयोग लगातार दिए जाने के निर्देश दिए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इस अवसर पर सचिव अरविन्द सिंह ह्यांकी, सचिन कुर्वे, डॉ. बीवीआरसी पुरुषोत्तम, सीसीएफ पराग मधुकर धकाते, कमिश्नर एवं सचिव राजस्व परिषद चंद्रेश कुमार सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी एवं जनपदों से जिलाधिकारी एवं विभागीय जिला स्तरीय अधिकारी उपस्थित थे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
पर्वतीय जिलों में पार्किंग के विकल्पों पर जोर
मुख्य सचिव डॉ. एसएस संधु ने सचिवालय में प्रदेश में बनने वाली सभी टनल, ऑटोमेटेड और सरफेस पार्किंग की प्रगति की समीक्षा की। मुख्य सचिव ने कहा कि उत्तराखण्ड एक पर्वतीय प्रदेश होने के कारण यहां पार्किंग एक बहुत बड़ी समस्या है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के पर्वतीय जनपदों में पार्किंग के लिए अन्य विकल्पों पर विचार किया जाना अत्यन्त आवश्यक है। उन्होंने लगातार प्रयास कर प्रदेश में अधिक से अधिक पार्किंग्स बनाए जाने के निर्देश दिए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
मुख्य सचिव ने पार्किंग्स के निर्माण में धीमी गति पर नाराजगी व्यक्त करते हुए प्रदेश में सभी प्रकार की पार्किंग्स के निर्माण में तेजी लाने के निर्देश दिए। उन्होंने टनल पार्किंग्स की साप्ताहिक मॉनिटरिंग करते हुए शीघ्र कार्य शुरू कराए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने प्रदेश में छोटी-छोटी परन्तु अधिक संख्या में पार्किग्स बनाए जाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि प्रत्येक पार्किंग की प्रगति की साप्ताहिक रिपोर्ट प्रस्तुत की जाए। लगातार बैठकें आयोजित करा कर समस्याओं का निस्तारण किया जाए। समस्या का समाधान निर्धारित समय में न होने पर मुख्य सचिव स्तर पर बैठक आयोजित कराई जाए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
बैठक के दौरान बताया गया कि प्रदेश में टनल पार्किंग के लिए 11 स्थानों को चिन्हित किया गया है। जिनमें 7 की डीपीआर तैयार हो रही है, 1 की डीपीआर स्वीकृत हो गई हैं। 2 की तकनीकी जांच गतिमान हैं। बताया गया कि ऑटोमेटेड पार्किंग के लिए 9 लोकेशन चिन्हित की गई हैं। 5 प्रस्तावों को राज्य सरकार द्वारा स्वीकृत दे दी गई है। 2 की डीपीआर तैयार की जा रही है, 1 की डीपीआर तैयार है स्वीकृति की जा चुकी है, 1 भूमि की एनओसी स्तर पर लंबित है। इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव नन्द बर्द्धन एवं सचिव एस. एन. पांडेय सहित अन्य उच्चाधिकारी उपस्थित थे।
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