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September 21, 2024

603 भवनों में दरार, अस्थाई रूप से विस्थापित हुए सिर्फ 68 परिवार, बांटी गई राहत सामग्री

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उत्तराखंड में चमोली जिले के जोशीमठ में भूधंसाव के रूप में आई आपदा से कई लोग प्रभावित हुए हैं। हालांकि क्षेत्र की जनता पिछले एक साल से जमीन दरकने को लेकर आवाज उठाती आ रही थी। साीथ ही बड़ी निर्माण योजनाओं पर रोक लगाने की मांग कर रही थी। पिछले कई दिन पहले जब लोगों के मकानों में दरारें आनी लगी, तब भी शुरुआत में इस पर कोई ध्यान नहीं दिया गया। जब स्थानीय मीडिया से ये मुद्दा राष्ट्रीय मीडिया में उछला तब ही सरकार नींद से जागी। फिर मुख्यमंत्री ने जोशीमठ के प्रभावित क्षेत्र का निरीक्षण किया। 600 से अधिक घरों को खाली कराने की मुहिम शुरू हुई। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जोशीमठ भू धंसाव से पीडित लोगों की मदद एवं राहत एवं बचाव के साथ विकास कार्यो के अनुश्रवण के लिए निर्देश दिये। उन्होंने पीड़ितों की हर सम्भव मदद तथा क्षेत्र के विकास कार्यों में तेजी लाये जाने के भी निर्देश दिये थे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

प्रभावित परिवारों का अस्थायी रूप से विस्थापन किया जा रहा है, लेकिन अभी संख्या इस काम में तेजी नहीं आई है। चमोली के जनपद आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने जोशीमठ नगर क्षेत्र में हो रहे भूधसाव के दृष्टिगत आपदा प्रबंधन संबंधी बुलेटिन जारी किया गया। प्राप्त जानकारी के अनुसार जोशीमठ नगर क्षेत्र में कुल 603 भवनों में दरारें दृष्टिगत हुई हैं। सुरक्षा के दृष्टिगत कुल 68 परिवारों को अस्थाई रूप से विस्थापित किया गया है। आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 के तहत अग्रिम आदेशों तक होटल माउंट व्यू एवं मलारी इन को संचालन/यात्री निवास हेतु प्रतिबंधित किया गया है। जोशीमठ नगर क्षेत्रान्तर्गत अस्थाई रूप से 229 कक्षों को निवास करने योग्य चिन्हित किया गया है जिनकी क्षमता 1271 आंकी गई है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

आपदा प्रबंधन अधिनियम की धारा 33 व 34 के अन्तर्गत नगर क्षेत्र के अत्यधिक भू-धसाव वाले क्षेत्रों को असुरक्षित घोषित करते हुए तत्काल रूप से जानमाल की सुरक्षा के दृष्टिगत खाली कराये जाने के आदेश पारित किये गये हैं। आम जनमानस की सुरक्षा के दृष्टिगत उपजिलाधिकारी, जोशीमठ द्वारा रात्रि में नगर क्षेत्र में भ्रमण किया जा रहा है। भूधसाव से प्रभावित स्थानों को चिन्हित किये जाने का कार्य गतिमान है तथा संवेदनशील परिवारों को अस्थाई रूप से सुरक्षित स्थानों पर विस्थापित किया जा रहा है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

बताया गया है कि एन.टी.पी.सी तपोवन विष्णुगाड जल विद्युत परियोजना के अन्तर्गत हो रहे निर्माण कार्यों पर तत्काल प्रभाव से अग्रिम आदेशों तक रोक लगायी गयी है। बीआरओ के द्वारा हो हरे हेलंग बाईपास निर्माण कार्यों पर तत्काल प्रभाव से अग्रिम आदेशों तक रोक लगायी गयी है। जोशीमठ नगर पालिका क्षेत्रान्तर्गत हो रहे निर्माण कार्यों पर तत्काल प्रभाव से अग्रिम आदेशों तक रोक लगायी गयी है। रोपवे का संचालन बंद किया जा चुका है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

प्रभावित परिवारों को उनकी आवश्यकतानुसार खाधान्न किट एवं कंबल वितरित किये गये। 46 प्रभावित परिवारों को रू 5000.00 प्रति परिवार की दर से आवश्यक घरेलू सामग्री हेतु धनराशि भी वितरित की गयी है। जोशीमठ में प्रभावित एवं जरूरतमंद लोगों को ड्राई राशन किट और कुक्ड फूड पैकेट उपलब्ध कराया जा रहा है। राहत शिविरों में लोगों के रहने की समुचित व्यवस्थाएं की जा रही है। प्रशासन की पूरी टीम प्रभावित परिवारों तक हर संभव सहयोग पहुंचाने में जुटा है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

दरक रहा है जोशीमठ
गौरतलब है कि उत्तराखंड के चमोली जिले में धंसते जोशीमठ में तबाही का खतरा गहराने लगा है। यहां जमीन धंसने के कारण 600 घरों में दरारें आ गई हैं। हाईवे दरक गए। भवन और मकानों में दरारें आ गई। कई मंदिरों पर भी खतरा मंडरा रहा है। कई स्थानों पर पानी के स्रोत फूट गए। ऐसे में लगभग 600 परिवारों को उनके घर खाली करने का आदेश दिया गया है। साथ ही चारधाम ऑल वेदर रोड (हेलंग-मारवाड़ी बाईपास) और एनटीपीसी की पनबिजली परियोजना जैसी मेगा परियोजनाओं से संबंधित सभी निर्माण गतिविधियों पर स्थानीय निवासियों की मांग पर अगले आदेश तक रोक लगा दी गई है। जोशीमठ औली मार्ग आवागमन भी बंद कर दिया गया है। राज्य सरकार ने कहा है कि जिन लोगों के घर प्रभावित हुए हैं और उन्हें खाली करना है। उन्हें मुख्यमंत्री राहत कोष से अगले छह महीने के लिए मकान किराए के रूप में 4,000 रुपये प्रति माह मिलेंगे।

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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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