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April 17, 2025

उत्तराखंड में सोशल मीडिया में एक्टिव रहने वाले पुलिसकर्मियों पर नकेल, जारी की गई एडवाइजरी, उल्लंघन पर होगी कार्रवाई

उत्तराखंड में सोशल मीडिया में एक्टिव रहने वाले पुलिसकर्मियों पर नकेल कसी जा रही है। कारण कुछ भी हो सकता है। हो सकता है कि लोकसभा चुनावों के दौरान सोशल मीडिया में एक्टिव रहने वालों से सरकार को परेशानी हो, या फिर ऐसे लोग अपने कर्तव्य को निष्ठा के निभाने की बजाय सिर्फ वीडियो अपलोड करने में ही अपना समय बर्बाद करते हैं। ऐसे में उत्तराखंड पुलिस को अब इस संबंध में दिखा निर्देश जारी करने की जरूरत महसूस हुई है। उत्तराखंड में पुलिस महानिरीक्षक पीएम एवं पुलिस मुख्यालय के प्रवक्ता नीलेश आनन्द भरणे ने इस संबंध में आज गुरुवार को आदेश जारी करते हुए विस्तार से गाइड लाइन जारी की है। ये गाइडलाइन इतनी लंबी है कि इसे हर पुलिसकर्मी को ध्यान से पढ़ान चाहिए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

आदेश की भूमिका
आदेश में कहा गया है कि उत्तराखंड पुलिस की ओर से विगत कई वर्षों से सोशल मीडिया का सार्थक प्रयोग करके जन-शिकायत का निस्तारण एवं सराहनीय कार्यों का प्रचार-प्रसार सफलतापूर्वक किया जा रहा है। सोशल मीडिया पर डाली गई प्रत्येक सामग्री पब्लिक प्लेटफार्म पर सबके लिये सुलभता से उपलब्ध है। अतएव विभागीय गरिमा के दृष्टिकोण से पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों की ओर से व्यक्तिगत रूप से सोशल मीडिया के प्रयोगार्थ पुलिस मुख्यालय की ओर से पूर्व में भी पुलिस कार्मिकों के लिये सोशल मीडिया एडवाइजरी निर्गत की गई है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

वर्दी में अशोभनीय वीडियो बनाने पर ऐतराज
आदेश में कहा गया है कि कुछ समय से ऐसे दृष्टान्त सामने आ रहे हैं, जहां पर पुलिस कार्मिकों की ओर से सोशल मीडिया पॉलिसी एवं उत्तराखंड सरकारी कर्मचारी आचरण नियमावली 2002 का उल्लंघन करते हुये सरकारी कार्य के दौरान सोशल मीडिया के प्रयोग एवं वावर्दी अशोभनीय रूप से वीडियो बनाए जा रहे हैं। साथ ही उनको सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफार्म पर अपलोड किया गया है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

आदेश में कहा गया है कि भविष्य में इस प्रकार के कृत्यों की पुनरावृत्ति रोकने के लिए गृह मंत्रालय, भारत सरकार, BPR&D एवं इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MieitY) की गाईड लाइन, उत्तराखण्ड सरकारी सेवक आचरण नियमावली, पुलिस वर्दी विनियम, ऑफिसियल सीक्रेट एक्ट तथा अन्य सुसंगत नियमों के अन्तर्गत पुलिस महानिदेशक के अनुमोदन उपरान्त उत्तराखण्ड पुलिस के समस्त कार्मिकों के लिए विस्तृत सोशल मीडिया पॉलिसी निर्गत की गयी है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

ये हैं प्रतिबंधित गतिविधियां
1. कार्य सरकार के दौरान प्रत्येक पुलिस कार्मिक का यह कर्तव्य है कि वह प्रदत्त कार्यों को पूर्ण लगन एवं मनोयोग से निष्पादित करें। सरकारी कार्य के दौरान सोशल मीडिया का व्यक्तिगत प्रयोग निश्चित रूप से पुलिस कर्मी के बहुमूल्य समय को नष्ट करता है। अतः राजकीय एवं विभागीय हित में इसे प्रतिबन्धित किया जाता है।
2. कार्य सरकार के दौरान अपने कार्यालय एवं कार्यस्थल पर वर्दी में वीडियो/रील्स इत्यादि बनाने अथवा किसी भी कार्मिक द्वारा अपने व्यक्तिगत सोशल मीडिया के प्लेटफार्म पर लाइव टेलीकास्ट को प्रतिबन्धित किया जाता है।
3. ड्यूटी के उपरान्त भी बावर्दी किसी भी प्रकार की ऐसी वीडियो अथवा रील्स इत्यादि, जिससे पुलिस की छवि धूमिल होती हो, सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर अपलोड किये जाने को प्रतिबन्धित किया जाता है।
4. थाना/पुलिस लाईन/कार्यालय इत्यादि के निरीक्षण एवं पुलिस ड्रिल/फायरिंग में भाग लेने का लाइव टेलीकास्ट एवं कार्यवाही से सम्बन्धित वीडियो सोशल मीडिया पर अपलोड करना गोपनीयता का उल्लंघन है। कार्य सरकार की गोपनीयता बनाये रखने के दृष्टिगत सरकारी एवं व्यक्तिगत सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर इसे प्रतिबन्धित किया जाता है।
5. अपने कार्यस्थल से सम्बन्धित किसी वीडियो/रील्स इत्यादि के जरिये शिकायतकर्ता के संवाद का लाईव टेलीकास्ट/वीडियो सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर अपलोड करना उसकी निजता का उल्लंघन हो सकता है। अतः सरकारी एवं व्यक्तिगत सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर इसे प्रतिबन्धित किया जाता है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

6. पुलिस कार्मिक द्वारा कार्य सरकार के दौरान सरकारी एवं व्यक्तिगत सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर किसी प्रकार की कोचिंग, लेक्चर, लाइव प्रसारण, चैट, वेबिनार इत्यादि में आमंत्रित किये जाने पर उसमें भाग लेने से पूर्व अपने वरिष्ठ अधिकारी को सूचित कर अनुमति प्राप्त करना अनिवार्य होगा।
7. सरकारी एवं व्यक्तिगत सोशल मीडिया प्लेटफार्म से पुलिस कार्मिक किसी भी प्रकार का धनार्जन/आय प्राप्त नहीं करेंगे, जब तक कि इस सम्बन्ध में उनके द्वारा सरकार की पूर्व स्वीकृति प्राप्त न कर ली जाये। नियमावली में कहा गया है कि उत्तराखंड सरकारी सेवक आचरण नियमावली 2002 में उल्लिखित है कि कोई सरकारी कर्मचारी, सिवाय उस दशा में, जबकि उसने सरकार की पूर्व स्वीकृति प्राप्त कर ली हो, प्रत्यक्षतः या अप्रत्यक्षतः किसी व्यापार या कारोबार में नहीं लगेगा और न ही कोई नौकरी करेगा।
8. सरकारी एवं व्यक्तिगत सोशल मीडिया प्लेटफार्म से किसी भी व्यक्तिगत, व्यवसायिक कम्पनी अथवा उत्पाद/सेवा का प्रचार-प्रसार किया जाना प्रतिबन्धित किया जाता है।
9. सरकारी एवं व्यक्तिगत सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर पुलिस कार्मिकों द्वारा ऐसी कोई जानकारी साझा नहीं की जाएगी, जो उन्हें अपनी विभागीय नियुक्ति के कारण प्राप्त हुई हो। ऐसी कोई जानकारी तभी साझा की जा सकेगी, जब वह कार्मिक इस कार्य के लिये अधिकृत हो।
10. निजता एवं सुरक्षा के कारणों से सरकारी एवं व्यक्तिगत, सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर पुलिस कार्मिकों द्वारा अपनी अथवा किसी अन्य पुलिस कार्मिक की विशेष नियुक्ति या व्यक्तिगत विवरण का उल्लेख नहीं किया जायेगा। अभिसूचना संकलन या किसी गुप्त ऑपरेशन (Under cover operation) में संलग्न पुलिस कार्मिकों द्वारा इस प्राविधान का सख्ती से अनुपालन किया जायेगा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

11. अपराध के अन्वेषण, विवेचनाधीन या न्यायालय में लम्बित प्रकरणों से सम्बंधित कोई गोपनीय जानकारी सरकारी एवं व्यक्तिगत सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर साझा नहीं की जाएगी एवं उन पर कोई टिप्पणी नहीं की जाएगी। उपरोक्त विषय वस्तु पर सक्षम अधिकारी द्वारा अधिकृत या सक्षम अधिकारी द्वारा ही आवश्यक जानकारी सार्वजनिक प्रेस नोट द्वारा साझा की जायेगी।
12. किसी भी गोपनीय सरकारी दस्तावेज, हस्ताक्षरित रिपोर्ट अथवा पीड़ित के प्रार्थना-पत्र को सरकारी या व्यक्तिगत सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर नहीं डाला जायेगा।
13. किसी भी यौन शोषित पीड़िता या किशोर/किशोरी तथा किशोर आरोपित दोषी (जुवेनाइल ऑफेन्डर्स) की पहचान अथवा नाम व अन्य सम्बन्धित विवरण सरकारी एवं व्यक्तिगत सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर उजागर नहीं किया जाएगा।
14. जिन आरोपियों की शिनाख्त परेड बाकी हो, उनका चेहरा सरकारी एवं व्यक्तिगत सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर सार्वजनिक नहीं किया जाएगा।
15. सरकारी एवं व्यक्तिगत सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर महिलाओं एवं अनुसूचित जाति/ अनुसूचित जनजाति की गरिमा को प्रभावित करने वाले या उनकी गरिमा के विपरीत कोई भी टिप्पणी नहीं की जायेगी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

16. सरकारी एवं व्यक्तिगत सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर पुलिस कार्मिकों द्वारा पुलिस विभाग, किसी वरिष्ठ अधिकारी या अपने सहकर्मी के विरुद्ध कोई आपत्तिजनक टिप्पणी नहीं की जायेगी, जिससे विभागीय गरिमा प्रभावित हो।
17. पुलिस कार्मिकों द्वारा विभाग में असंतोष की भावना फैलाने वाली पोस्ट अथवा सामग्री सरकारी एवं व्यक्तिगत सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर साझा नहीं की जायेगी।
18. पुलिस की टैक्टिस, फील्ड क्राफ्ट, विवेचना या अपराध के अन्वेषण में प्रयुक्त होने वाली तकनीक की जानकारी सरकारी एवं व्यक्तिगत सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर साझा नहीं की जायेगी।
19. पुलिस कार्मिकों द्वारा सरकार या उसकी नीतियों, कार्यक्रमों अथवा राजनैतिक दल, राजनैतिक व्यक्ति, राजनीतिक विचारधारा एवं राजनेता के संबंध में सरकारी एवं व्यक्तिगत सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर कोई टिप्पणी नहीं की जायेगी।
20. पुलिस कार्मिकों द्वारा अश्लील/हिंसात्मक भाषा का प्रयोग एवं अश्लील फोटो/वीडियो, सरकारी एवं व्यक्तिगत सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर पोस्ट अथवा साझा नहीं किया जायेगा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

21. पुलिस कार्मिकों द्वारा सरकारी एवं व्यक्तिगत सोशल मीडिया एकाउन्ट से की जाने वाली पोस्ट में किसी जाति, धर्म, वर्ग, साम्प्रदाय, व्यवसाय, सेवाएं, संवर्ग, लिंग, क्षेत्र, राज्य इत्यादि के संबंध में भेदभाव पूर्ण, पूर्वाग्रह या दुराग्रह से ग्रसित कोई टिप्पणी नहीं की जाएगी।
22. राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े महत्वपूर्ण एवं संवेदनशील प्रकरणों में सरकारी एवं व्यक्तिगत सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर कोई टिप्पणी नहीं की जाएगी।
23. माननीय न्यायालयों द्वारा निर्गत दिशा-निर्देशों का उल्लंघन नहीं किया जाएगा। सरकारी एवं व्यक्तिगत सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर ऐसी कोई पोस्ट नहीं की जायेगी और न ही ऐसी कोई विषयवस्तु साझा की जायेगी, जिससे मा० न्यायालयों की अवमानना की स्थिति उत्पन्न हो।
24. पुलिस कार्मिकों द्वारा सरकारी एवं व्यक्तिगत सोशल मीडिया एकाउन्ट से ऐसे किसी व्यक्ति के साथ फोटो पोस्ट नहीं की जायेगी, जो आपराधिक/अवांछित/गैर सामाजिक गतिविधियों में लिप्त हो, या रहा हो, या जिसका इस प्रकार का आपराधिक इतिहास हो।
25. सरकारी एवं व्यक्तिगत सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर पुलिस कार्मिकों द्वारा मित्रों का चयन करते समय सतर्कता बरतना अपेक्षित है। पुलिस कार्मिक ऐसे किसी व्यक्ति को मित्र न बनायें अथवा फॉलो न करें, जो असामाजिक/आपराधिक गतिविधियों में लिप्त हों। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

26. पुलिस कार्मिकों द्वारा किसी भी प्रकार के मादक पदार्थों के प्रभाव में तथा मादक पदार्थों के साथ फोटो/वीडियो व्यक्तिगत सोशल मीडिया एकाउन्ट से पोस्ट/साझा (Share) नहीं की जायेगी।
27. पुलिस के “सराहनीय कार्य“ से सम्बन्धित पोस्ट में अभियुक्तों की फोटो/वीडियो सरकारी एवं व्यक्तिगत सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर ब्लर करके ही पोस्ट/साझा की जायेगी।
28. पुलिस कार्यवाही के दौरान बरामद माल एवं हथियार को बिना सील मोहर किये हुए फोटो/वीडियो सरकारी एवं व्यक्तिगत सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर नहीं डाली जायेगी।
29. पुलिस कार्मिकों द्वारा गश्त/वाहन चैकिंग के दौरान मौके पर मोबाइल से फोटो/वीडियो लेते समय Geo Tagging के विकल्प को बंद रखा जायेगा।
30. गश्त/पैट्रोलिंग या राजकीय कार्यों के निष्पादन के समय कार्यक्षेत्र मे मिलने वाले व्यक्तियों की फोटो/वीडियो आवश्यकता पड़ने पर ब्लर करके ही सरकारी एवं व्यक्तिगत सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर डाली जायेगी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

31. पुलिस की वर्दी, सरकारी अस्त्र-शस्त्र/वाहन इत्यादि का प्रयोग करते हुए पुलिस कार्मिक के परिजन/मित्रों इत्यादि द्वारा कोई वीडियो/फोटो अपने व्यक्तिगत सोशल मीडिया एकाउन्ट से अपलोड नहीं किया जायेगा।
32. पुलिस कार्मिकों द्वारा व्यक्तिगत कार्यों/व्यक्तिगत आयोजनों से सम्बन्धित फोटो/वीडियो सरकारी सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर पोस्ट/साझा नहीं किया जायेगा।
33. पुलिस कार्मिकों द्वारा इण्डियन कॉपीराईट एक्ट, 1957/द कॉपीराईट एक्ट, 1957 का उल्लंघन किये जाने वाली कोई भी पोस्ट, फोटो/वीडियो सरकारी एवं व्यक्तिगत सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर अपलोड/साझा नहीं की जायेगी।
34. पुलिस कार्मिकों द्वारा किसी भी प्रकार के सांकेतिक विरोध से सम्बन्धित प्रतीक को सरकारी एवं व्यक्तिगत सोशल मीडिया एकाउन्ट के डीपी/प्रोफाइल पिक्चर आदि के रूप में नहीं लगाया जायेगा।
35. पुलिस कार्मिक द्वारा सरकारी एवं व्यक्तिगत सोशल मीडिया एकाउण्ट की डीपी/प्रोफाइल पिक्चर पर किसी भी संगठन या राजनैतिक दल आदि से सम्बन्धित प्रतीक नहीं लगाया जायेगा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

36. पुलिस कार्मिक, सरकारी एवं व्यक्तिगत सोशल मीडिया एकाउण्ट से ऐसे किसी भी व्हाट्सएप्प गु्रप, पेज इत्यादि को ज्वाइन नहीं करेंगे, जो पुलिस विभाग या सरकार के विरोध में हो एवं जाति, साम्पद्रायिक, क्षेत्रवाद आदि के नाम पर बनाया गया हो और न ही स्वयं ऐसा कोई ग्रुप बनायेंगे।
37. पुलिस कार्मिक सरकारी सोशल मीडिया एकाउण्ट को अपने व्यक्तिगत मोबाइल पर लॉग-इन नहीं करेंगे। सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर व्यक्तिगत एकाउण्ट बनाते समय इस बात का ध्यान रखें कि सरकारी मोबाइल नम्बर, इण्टरनेट, वाई-फाई, आई0पी0 एड्रैस, ई-मेल आईडी का प्रयोग नहीं किया जायेगा।
38. सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर प्राप्त होने वाली पोस्ट, फोटो/वीडियो को सत्यापन किये बिना अग्रसारित नहीं किया जायेगा ।
39. पुलिस कार्मिक द्वारा सोशल मीडिया के माध्यम से सेवा सम्बन्धी प्रकरणों का निराकरण करने हेतु वीडियो अथवा पोस्ट अपलोड/साक्षा नहीं किया जायेगा। कार्मिकाें द्वारा अपने सेवा सम्बन्धी प्रकरणाें के निस्तारण हेतु विभागीय प्रक्रिया का पालन किया जायेगा।
40. सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर प्रचलित ऑनलाइन पॉल/वोटिंग पर किसी भी सरकारी सोशल मीडिया एकाउण्ट से बिना अनुमति के प्रतिभाग नहीं किया जायेगा और न हीं उक्त सम्बन्ध में कोई टिप्पणी की जायेगी।
41. पुलिस कार्मिकों द्वारा सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर किसी भी व्यक्ति को ट्रोल अथवा बुली (Bullying) नहीं किया जायेगा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

सोशल मीडिया के प्लेटफार्म पर अनुमन्य गतिविधियां
1.प्रत्येक पुलिस कार्मिक एक सामान्य नागरिक के रूप में सोशल मीडिया के प्रयोग एवं उस पर अभिव्यक्ति के लिए उस सीमा तक स्वतन्त्र है, जहां तक उसके द्वारा उत्तराखण्ड सरकारी कर्मचारी आचरण नियमावली 2002, पुलिस वर्दी विनियम एवं अन्य सुसंगत नियमों तथा सोशल मीडिया पर आचरण एवं नियमावली सम्बन्धी परिपत्रों/निर्देशों का किसी भी प्रकार से उल्लंघन नहीं किया जाता है। पुलिस कार्मिक सोशल मीडिया पर कोई ऐसी पोस्ट न डालें और न ही ऐसा कोई आचरण करें, जो मानवीय गरिमा एवं विधिक उपबंधों के प्रतिकूल हो।
2.पुलिस कार्मिकों द्वारा एक सामान्य नागरिक के रूप में व्यक्तिगत एकाउण्ट से सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर की गई अभिव्यक्ति में यह स्पष्ट किया जाये कि उक्त विचार उनके निजी विचार है एवं इससे विभाग का कोई सरोकार नहीं है। सोशल मीडिया के प्लेटफार्म पर की जाने वाली टिप्पणी के लिये संबंधित कार्मिक व्यक्तिगत रूप से उत्तरदायी होगा।
3.पुलिस कार्मिकों द्वारा अपने कार्य सरकार को प्रभावित किये बिना, कर्तव्य-निर्वहन, जन-सहायता, जनसेवा, मानवतापूर्ण कार्यों एवं व्यक्तिगत उपलब्धि से सम्बंधित पोस्ट, फोटो/वीडियो को अपने व्यक्तिगत सोशल मीडिया एकाउन्ट से साझा किया जा सकता है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

4.पुलिस कार्मिक राजकीय कार्य से सम्बन्धित ऑनलाइन गतिविधियों यथा वेबिनार, मीटिंग आदि में वरिष्ठ अधिकारियों को सूचित कर या उनसे अनुमति प्राप्त कर सम्मिलित हो सकते हैं। उक्त के अतिरिक्त अन्य ऑनलाइन गतिविधियों के संदर्भ में उत्तराखण्ड सरकारी कर्मचारी आचरण नियमावली 2002 के प्राविधान यथावत् लागू रहेंगे।
इसमें उल्लिखित है कि कोई सरकारी कर्मचारी, इस प्रकार की स्वीकृति प्राप्त किये बिना कोई सामाजिक या धमार्थ प्रकार का अवैतनिक कार्य या कोई साहित्यिक, कलात्मक या वैज्ञानिक प्रकार का आकस्मिक ;व्बबंेपवदंसद्ध कार्य कर सकता है, लेकिन शर्त यह है कि इस कार्य द्वारा उसके सरकारी कर्तव्यों में कोई अड़चन न पड़ती है तथा वह ऐसा कार्य हाथ में लेने से एक महीने के भीतर ही, अपने विभागाध्यक्ष को और यदि वह स्वयं विभागाध्यक्ष हो तो, सरकार को, इस बात की सूचना दे दें, किन्तु, यदि सरकार इसे इस प्रकार का कोई आदेश दे तो वह ऐसा कार्य हाथ में नहीं लेगा और उसने हाथ में ले लिया है तो बन्द कर देगा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

5.पुलिस कार्मिक द्वारा कार्य सरकार को प्रभावित किये बिना अपने व्यक्तिगत सोशल मीडिया एकाउण्ट से पुलिस के सराहनीय कार्यों से सम्बन्धित पोस्ट को री-ट्वीट/शेयर/लाईक/ कमेन्ट किया जा सकता है।
सोशल मीडिया एकाउंट की सुरक्षा के लिए गतिविधियाँ
1. सरकारी एवं व्यक्तिगत सोशल मीडिया एकाउण्ट की सुरक्षा हेतु स्ट्रांग पासवर्ड बनाये और निरन्तर उसे बदलते रहे। एकाउन्ट को सुरक्षित लॉग-इन किये जाने हेतु Two Factor Authentication का प्रयोग किया जाये।
2. सरकारी एवं व्यक्तिगत सोशल मीडिया एकाउण्ट के नोटीफिकेशन में किसी भी संदिग्ध लिंक (URL) के प्राप्त होने पर उसको open नहीं करेंगे।
3. सरकारी सोशल मीडिया एकाउण्ट में सरकारी CUG मोबाइल एवं NIC की सरकारी मेल आईडी का प्रयोग किया जायेगा तथा एकाउण्ट की सुरक्षा हेतु समय-समय पर मुख्यालय स्तर से जारी किये जाने वाले निर्देशों का पालन किया जायेगा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

4. सरकारी सोशल मीडिया एकाउण्ट को यथासंभव डेस्कटॉप पर ही चलाया जाए। यदि किन्हीं अपरिहार्य परिस्थितियों मे सोशल मीडिया एकाउण्ट को मोबाइल पर लॉग-इन किया जाता है, तो कार्य समाप्त होने के उपरान्त सम्बन्धित सोशल मीडिया एकाउण्ट को मोबाइल से लॉग आऊट कर दिया जाए। सोशल मीडिया एकाउण्ट ऐसे मोबाइल में ही लॉग-इन किया जाये, जिसमें थर्ड पार्टी एप्लीकेशन (गेमिंग इत्यादि) न हो।
5. किसी भी अज्ञात मोबाइल नम्बर से किसी अज्ञात व्यक्ति द्वारा फोन कर अपने आप को सोशल मीडिया एकाउण्ट कम्पनी का प्रतिनिधि बताकर सम्बन्धित सोशल मीडिया एकाउण्ट को वेरीफाई किये जाने के नाम पर यदि लॉग-इन किये जाने से सम्बन्धित OTP मांगा जाता है तो किसी भी दशा में OTP नहीं बताया जायेगा तथा सम्बन्धित कॉल करने वाले की जानकारी कर उसके विरूद्ध, जॉचोपरांत गलत पाये जाने पर, वैधानिक कार्यवाही की जाये।
6. सरकारी सोशल मीडिया एकाउण्ट को किसी भी कम्प्यूटर अथवा मोबाइल पर लॉग-इन करते समय इसके आई०डी० एवं पासवर्ड को किसी वेब ब्राउजर पर Save नहीं किया जायेगा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

उल्लंघन करने पर की जाने वाली कार्रवाई
1. सोशल मीडिया पॉलिसी के उल्लंघन से सम्बन्धित प्रकरण संज्ञान में आने पर सक्षम प्राधिकारी द्वारा सम्बन्धित अधीनस्थ कार्मिक के विरूद्ध उत्तरांचल (उत्तर प्रदेश अधीनस्थ श्रेणी के पुलिस अधिकारी की (दण्ड एवं अपील) नियमावली-1991) अनुकूलन एवं उपान्तरण आदेश-2002 एवं अन्य विभागीय कार्मिकों के विरूद्ध उत्तराखण्ड सरकारी सेवक (अनुशासन एवं अपील) नियमावली 2003 में विहित प्रक्रिया के अधीन नियमानुसार अनुशासनात्मक कार्यवाही करते हुए, कृत कार्यवाही से अपने पर्यवेक्षण अधिकारियों को अवगत कराया जायेगा।
2. सोशल मीडिया के सन्दर्भ में भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारियों की कॉडर कन्ट्रोलिंग अथॉरिटी, गृह मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा समय-समय पर निर्देश निर्गत किये गये हैं। उक्त दिशा-निर्देशों के अतिरिक्त उत्तराखण्ड सोशल मीडिया पॉलिसी-2024 का पालन करना भी अनिवार्य होगा।
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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