बिजली की दरों में वृद्धि के प्रस्ताव के विरोध में सीपीएम का प्रदेशभर में प्रदर्शन पांच जनवरी को

बैठक में वक्ताओं ने राज्य की भाजपा सरकार की ओर से बिजली की दरों में बार बार वृद्धि करने की कड़ी आलोचना की गई। वक्ताओं ने कहा कि ऊर्जा प्रदेश में इस साल अब तक तीन बार बिजली के रेट बढ़ाए गए हैं। अब चौथी बार बिजली की दरों को बढ़ाने के प्रयास हो रहे हैं। जो कि इस सरकार का जनविरोधी चरित्र को ही दिखाता है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
वक्ताओं ने कहा है ऊर्जा प्रदेश की जनता एक तरफ विद्युत उत्पादन में अपना महत्वपूर्ण योगदान दे रही है। दूसरी तरफ सरकार उन पर मूल्य वृद्धि थोपकर दोहरी मार कर रही है। सरकार यह सब कुछ प्राईवेट बिजली कम्पनियों के इशारों पर कर रही है। साथ ही पहाड़ की जनता की गाढ़ी कमाई का पैसा कारपोरेट एवं भाजपा नेताओं की जेब में जा रहा है। इसी सन्दर्भ में कल राजधानी देहरादून में पार्टी सरकार का पुतला दहन कर विरोध जताएगी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
पार्टी की दो दिवसीय बैठक में राज्य पर्यवेक्षक एवं केन्द्रीय कमेटी सदस्य कामरेड बीजू कृष्णन ने केन्द्र की मोदी सरकार की साम्प्रदायिक, कारपोरेट तथा जनविरोधी नीतियों की आलोचना करते हुए इस सरकार को किसान, मजदूर तथा आमजन विरोधी कहा। उन्होंने कहा है कि इस सरकार ने किसानों से किये गये वायदे नहीं निभाऐं हैं। इसलिए किसान विभिन्न चरणों में आंदोलन कर रहे हैं। इसके तहत पांच अप्रैल 2023 को संसद का घेराव किया जाएगा। इससे पूर्व राज्यों एवं जिलों में अनेक कार्यक्रम होंगे। उन्होंने कहा है कि राज्य की भाजपा सरकार की जनविरोधी नीतियों के खिलाफ पार्टी व्यापक अभियान चलाएगी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
बैठक में वक्ताओं ने राज्य में बढ़ते भूमाफियाओं एवं बाहरी कम्पनियों के हस्तक्षेप एवं भाजपा सरकार द्वारा उनका संरक्षण करने पर चिन्ता व्यक्त की। साथ ही कहा कि राज्य सरकार इनके हितों कि संरक्षित कर रही है। बैठक में गरीबों को उनकी भूमि पर मालिकाना हक न देने, मलिन बस्तियों के नियमतीकरण न किये जाने की निन्दा की गई। निर्णय लिया गया पार्टी बिजली दरों में वृद्धि, भूमाफियाओं तथा जनविरोधी परियोजनाओं का व्यापक विरोध करेगी।
बैठक की अध्यक्षता गंगाधर नौटियाल ने की और संचालन राज्य सचिव राजेंद्र सिंह नेगी ने किया। इस मौके पर सुरेंद्र सिंह सजवाण, इन्दु नौडियाल, भूपाल सिंह रावत, राजेंद्र पुरोहित, शिव प्रसाद देवली, अनन्त आकाश, भगवान सिंह राणा, कमरूद्दीन, लेखराज, वीरेन्द्र गोस्वामी, आर पी जखमोला, नितिन मलेठा, हिमांशु चौहान, सते सिंह, विजय भट्ट, शम्भू प्रसाद ममगाई, दमयंती नेगी, सुरेन्द्र रावत, उमा नौटियाल आदि ने विचार व्यक्त किए।

Bhanu Prakash
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भानु बंगवाल
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।