Loksaakshya Social

Social menu is not set. You need to create menu and assign it to Social Menu on Menu Settings.

Social menu is not set. You need to create menu and assign it to Social Menu on Menu Settings.

November 16, 2024

देहरादून की विभिन्न समस्याओं को लेकर सीपीएम ने डीएम को दिया ज्ञापन, जानिए क्या हैं मांग

उत्तराखंड की राजधानी देहरादून की विभिन्न समस्याओं को लेकर आज शुक्रवार 27 सितंबर को सीपीआईएम के प्रतिनिधिमंडल ने देहरादून के डीएम को संबोधित ज्ञापन दिया। हालांकि, डीएम की अनुपस्थिति में ज्ञापन जिला मुख्यालय के प्रशासनिक अधिकारी कपिल को सौंपा गया। इसमें देहरादून के विभिन्न ज्वलंत मुद्दों को उठाया गया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

सीपीएम ने मलिन बस्तियों के नियमतीकरण, एलिवेटेड रोड़ के तहत गरीबों के घरों को ना तोड़ने, खस्ताहाल सड़कों की स्थिति दुरुस्त करने, कानून व्यवस्था को ठीक करने की मांग को प्रमुखता से उठाया। इसके साथ ही महिलाओं के उत्पीड़न पर रोक, नशाखोरी पर रोक, रेहड़ी पटरी व्यवसायियों के लिए वेंडरजोन बनाने, देहरादून में जलभराव की समस्या का हल, स्वास्थ्य एवं खाध्य व्यवस्था को ठीक करने, छूटे हुये उत्तराखण्ङ आन्दोलनकारियों को चिह्नित करने व भूमि घोटालों के दोषियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग की गई। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

ज्ञापन में कहा गया है कि वर्ष 2016 में जन आन्दोलन के बाद 2018 में वर्तमान सरकार की ओर से बस्तियों की सुरक्षा के लिए कानून बनाया गया था। जो अक्टूबर 2024 में समाप्त हो जायेगा। इस कानून को प्रभावी रूप से लागू करते हुए बस्तियों को मालिकाना हक दिया जाए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

ज्ञापन में रिस्पना और बिंदाल नदी के साथ गुजरने वाली प्रस्तावित एलिवेटेड रोड का विरोध किया गया। कहा गया कि आने वाले दिनों में ये सड़क हजारों परिवारों के बेघरबार का कारण बनेगी। इस योजना में पिछले 40 वर्षो से पुरानी बसी आबादी को भी अतिक्रमणकारी कहकर सीधे तौर पर प्रभावितों के पुर्नवास एवं मुआवजा की जिम्मेदारी से बचने का प्रयास हो रहा है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

सीपीएम ने कहा कि वर्ष 2003 में तत्कालीन नारायण दत्त तिवारी सरकार ने रिस्पना व बिंदाल नदी पर रि डैवलपमेंट फ्रन्ट योजना प्रस्तावित की थी। योजना में पुर्नवास एवं मुआवजा का प्रावधान था। इस प्रावधान के तहत इन नदियों के इर्दगिर्द प्रभावितों को मकान बनाकर पुर्नवास होना था। इसके उलट वर्तमान एलिवेटेड रोड़ में मुआवजा एवं पुर्नवास का कोई प्रावधान नहीं है। योजनाकारों ने रिस्पना बिंदाल नदी के दोनों तरफ लगभग सभी नये पुराने वाशिंदों को अतिक्रमणकारी माना है। परिणामस्वरूप प्रभावितों में भारी रोष व्याप्त है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

ये हैं प्रमुख मांग
-सरकार अपने वायदे के अनुरूप सभी बस्तियों में बसे लोगों को मालिकाना हक दे।
– एलिवेटेड रोड के नाम पर गरीबों को उजाड़ने की साजिश बन्द करें। इस योजना में पुनर्वास एवं मुआवजे का प्रावधान हो।
-रेहड़ी, पटरी, फेरी, फुटपाथ व्यवसायियों के लिए जगह जगह वेंडरजोन बनाए जाएं।
-चन्द्र शेखर आजाद नगर कांवली (भट्टा) भूमि का अवैध स्थानान्तरण रोका जाए। भूमि कब्जेदारों के नाम की जाए।
-छूटे हुए उत्तराखंड आंदोलनकारियो का चिह्नीकरण शीध्र किया जाए।
-देहरादून में जलभराव की स्थिति में सुधार के लिए समुचित कदम उठाये जाए।
-देहरादून की सड़कों को गढ्ढा मुक्त करते हुए जल निकासी की समुचित व्यवस्था की जाए। देहरादून को जलभराव से मुक्ति के लिए परियोजना बनाई जाए।
-देहरादून के चन्द्र शेखर आजाद नगर सतोवाली घाटी द्रोण पुरी वार्ड, डीएल रोड, वाणीविहार भगतसिंह कालोनी (अधोईवाला) की क्षतिग्रस्त सड़कों की मरम्मत व जल निकासी का रखरखाव, जल भराव की समस्या का स्थाई समाधान निकाला जाए।
-देहरादून में गांधी रोड नजदीक द्रोण होटल, सहारनपुर चौक से मातावाला बाग रोड को गढ्ढा मुक्त किया जाए। सर्वे चौक से रायपुर रोड की जीर्णशीर्ण हालात को ठीक किया जाए।
-देहरादून में शान्ति एवं भाईचारे के लिए असमाजिक तत्वों, साम्प्रदायिक उन्माद फैलाने वालों पर अंकुश लगाया जाए। कानून व्यवस्था को चुस्त दुरस्त करते हुए इसे निष्पक्ष बनाया जाए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

प्रतिनिधिमंडल में ये रहे शामिल
प्रतिनिधिमंडल में पार्टी जिला सचिव राजेन्द्र पुरोहित, देहरादून सचिव अनन्त आकाश, सचिव मंडल के सदस्य लेखराज, जनवादी महिला समिति की प्रान्तीय उपाध्यक्ष इन्दु नौडियाल, जिलाध्यक्ष नुरैशा अंसारी, जिलामन्त्री सीमा लिंगवाल, उपाध्यक्ष बिन्दा मिश्रा, सीआईटीयू उपाध्यक्ष भगवंत पयाल, कोषाध्यक्ष रविंद्र नौडियाल आदि शामिल थे।
नोटः सच का साथ देने में हमारा साथी बनिए। यदि आप लोकसाक्ष्य की खबरों को नियमित रूप से पढ़ना चाहते हैं तो नीचे दिए गए आप्शन से हमारे फेसबुक पेज या व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ सकते हैं, बस आपको एक क्लिक करना है। यदि खबर अच्छी लगे तो आप फेसबुक या व्हाट्सएप में शेयर भी कर सकते हो।

+ posts

लोकसाक्ष्य पोर्टल पाठकों के सहयोग से चलाया जा रहा है। इसमें लेख, रचनाएं आमंत्रित हैं। शर्त है कि आपकी भेजी सामग्री पहले किसी सोशल मीडिया में न लगी हो। आप विज्ञापन व अन्य आर्थिक सहयोग भी कर सकते हैं।
भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You cannot copy content of this page