समान नागरिक संहिता को गठित समिति के अध्यक्ष से सीपीएम के प्रतिनिधिमंडल ने की भेंट, जताया ये विरोध
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी उत्तराखंड के चार सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने राज्य अतिथि गृह में समान नागरिक संहिता के लिए गठित समिति के अध्यक्ष न्यायमूर्ति रंजना देसाई से भेंट की। साथ ही उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता लागू करने का विरोध किया। प्रतिनिधिमंडल में सीबीआई एम के राज्य सचिव राजेंद्र सिंह नेगी, जिलासचिव राजेंद्र पुरोहित, राज्य कमेटी सदस्य अनन्त आकाश एवं विज्ञान भट्ट शामिल थे। इस दौरान उनकी अध्यक्ष के साथ करीब एक घंटे तक चर्चा चली। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उठाए ये सवाल
1-संविधान में वर्णित नीति निर्देशक तत्व अनुच्छेद 44 में कहा गया है कि- राज्य भारत के पूरे क्षेत्र में नागरिकों के लिए एक समान नागरिक संहिता को सुरक्षित करने का प्रयास करेगा। अब यहां प्रश्न यह है कि किसी प्रान्तीय सरकार द्वारा सीमित क्षेत्र में नागरिकों के लिए समान नागरिक संहिता सुरक्षित करना क्या संविधान सम्मत है? जबकि यह पूरा मामला विधि आयोग के समक्ष विचाराधीन है । इसके प्रभावों पर रिपोर्ट आनी शेष है ।
इस संबंध में भारत सरकार के विधि मंत्रालय ने माननीय सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष अपना शपथ पत्र भी दिया है है जिसमें कहा गया है कि यह विधि आयोग की रिपोर्ट आने के बाद ही आगे की कार्रवाई होगी। तो क्या प्रान्तीय सरकार द्वारा इस संबंध में बनाया गया कोई क़ानून विधि सम्मत होगा?
2- भारतीय संविधान में वर्णित नागरिकों के मूल अधिकार 25 से 28 देश के हर नागरिक को अपने अपने धार्मिक विश्वासों के अनुसार उपासना पद्धति अपनाने के साथ निजी व सामुदायिक धार्मिक/ सांस्कृतिक आचरण Religious Practices करने की स्वतंत्रता देता है। क्या समान नागरिक संहिता क़ानून का, नागरिकों के धार्मिक स्वतंत्रता के मूल अधिकार पर हनन नहीं है? (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
3- क्या राज्य द्वारा प्रस्तावित समान नागरिक संहिता क़ानून हिंदू विवाह अधिनियम 1955 एवं उत्तराधिकार अधिनियम 1956 में भी बदलाव करेगा?
4- क्या राज्य द्वारा प्रस्तुत यह क़ानून प्रदेश में रह रहे आदिवासियों के धार्मिक सामाजिक एवं सांस्कृतिक रीति रिवाजों को अपनाने से रोकेगा?
5-क्या प्रान्तीय सरकार द्वारा समान नागरिक संहिता क़ानून को लागू करने की कोशिश मात्र राज्य में रह रहे ईसाई एवं इस्लाम के अनुयायियों को डराने की कोशिश के साथ राजनीतिक दिखावा नहीं तो और क्या है?
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।