किसान विरोधी कानूनों के खिलाफ सीपीएम ने प्रदर्शन कर फूंका केंद्र सरकार का पुतला
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने केंद्र की मोदी सरकार को कारपोरेट्स परस्त और किसान विरोधी बताते हुए देहरादून में जोरदार प्रदर्शन कर केंद्र सरकार का पुतला जलाया। साथ ही सरकार से तत्काल जनविरोधी कानून वापस लेने की मांग की। इस दौरान कार्यकर्ता नारे लगाने के साथ ही जनगीत भी गा रहे थे। राजपुर रोड स्थित पार्टी कार्यालय से कार्यकर्ताओं ने गांधी पार्क तक जुलूस निकाला। इस दौरान गांधी पार्क पहुंचकर सरकार का पुतला जलाया गया। साथ ही सभा भी की गई।
सभा में वक्ताओं ने कहा किसान एकताबद्ध हैं और एक सुर में केन्द्र सरकार से तीन किसान विरोधी जनविरोधी कानूनों को वापस लेने की मांग करते हैं। कहा कि ये कानून कारपोरेट के हित की सेवा करते हैं और जिन्हें बिना चर्चा किए पारित किया गया। साथ ही बिजली बिल 2020 की वापसी की मांग भी की गई। वक्ताओं ने कहा किसान शांतिपूर्वक व संकल्पबद्ध रूप से दिल्ली पहुंचे हैं और अपनी मांग हासिल करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

वक्ताओं ने कहा है कि पंजाब और हरियाणा से किसान भारी संख्या में सिंघु व टिकरी बार्डर पर पहुंच रहे हैं। उत्तराखंड व यूपी के किसानों की गोलबंदी भी सिंघु बार्डर पर हो रही है। देशभर के किसान दिल्ली पहुंच रहे हैं । इसके बावजूद भी सरकार ने उनकी मांगों और सवालों पर कोई ध्यान नहीं दिया। वक्ताओं ने कहा जिन लोगों ने इस आन्दोलन में अपनी जान की कुर्बानी दी। वे जीवन भर हमारे लिए प्रेरणा के स्रोत बने रहेंगे। हमारे संघर्ष का रास्ता शांतिपूर्वक जन गोलबंदी का है।
इस अवसर पर माकपा के राज्य सचिव राजेन्द्र सिंह नेगी, अनन्त आकाश, लेखराज, शम्भू प्रसाद ममगाई, रविन्द्र नौडियाल, नुरैशाथ अन्सारी, साबरा, नितिन मलेठा, अर्जुन रावत, रामराज, अतुल, सोनाली, शिशुपाल, सत्यम, विनोद कुमार, विजय भट्ट आदिकार्यकर्ता शामिल थे ।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।