विधानसभा सत्र के पहले दिन सीपीएम और सीटू से संबद्ध संगठन करेंगे प्रदर्शन, ये रहेंगे मुख्य मुद्दे

उत्तराखंड में पांच फरवरी से विधानसभा का सत्र शुरू होने जा रहा है। सत्र के पहले दिन सीपीआईएम और सीटू से संबद्ध संगठन विधानसभा के समक्ष विभिन्न मुद्दों को लेकर प्रदर्शन करेंगे। इन संगठनों में आंगनवाड़ी कार्यकत्री सेविका कर्मचारी यूनियन, आशा वर्कर्स यूनियन, ई रिक्शा वर्कर्स, रेहडी पटरी एवं फुटपाथ व्यवसायी के संगठन शामिल हैं।
सेंटर ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियन्स (सीटू) की जिला कमेटी की बैठक सीटू जिला कार्यालय में सम्पन्न हुई। बैठक में विधानसभा सत्र के दौरान विधानसभा पर प्रदर्शन करने का फैसला लिया गया। इसमें आंगनबाड़ी की समस्याओं को लेकर सीटू से संबद्ध आंगनवाड़ी कार्यकत्री सेविका कर्मचारी यूनियन, आशा, ई रिक्शा वर्कर्स, रेहडी पटरी फुटपाथ व्यवसायी आदि शामिल होंगे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इस अवसर पर सीटू के जिला महामंत्री लेखराज ने बताया कि गरीब रेहडी -पटरी फुटपाथ व्यवसायियों, स्कूल कर्मचारियों, ई रिक्शा वर्कर्स आदि की समस्याओं सहित अन्य तबकों की मांगों को लेकर विधान सभा पर प्रदर्शन किया जाएगा। बैठक में सीटू के प्रांतीय अध्यक्ष राजेंद्र सिंह नेगी ने कहा कि 16 फरवरी 2024 की होने वाली हड़ताल को सफल करने के लिए सीटू ने कमर कस ली है। उन्होंने कहा कि 4 फरवरी 2024 को प्रांतीय संयुक्त कन्वेंशन आयोजित किया जा रहा है। इसमे सीटू बढ़-चढ़ कर हिसेदारी करेगी। 5 फरवरी को विधानसभा पर विशाल प्रदर्शन कर मजदूरों की मांगों को सरकार के समक्ष रखेंगी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
बैठक में सीटू से सम्बंधित यूनियनों के प्रतिनिधियों के रूप में रविन्द्र नौढियाल, भगवंत पयाल, मामचंद, चित्रा, सुनीता रावत, मनीषा राणा, रजनी गुलेरिया, मंगरु राम, मुरारी सिंह, सुनीता चौहान, मोनिका, नरेंद्र सिंह, राजतिलक आदि उपस्थित थे। बैठक की अध्यक्षता राम सिंह भंडारी ने की। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उधर, देहरादून में सीपीएम के जिला कार्यालय में आयोजित मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी की बैठक में भाजपा की डबल इंजन सरकार की नीतियों की कड़ी आलोचना की गई। वक्ताओं ने कहा कि आज राज्य की जनता त्रस्त है। सरकार मंहगाई, बेरोजगारी तथा भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के बजाय जनता के वास्तविक मुद्दे से हटकर साम्प्रदायिकता, धर्मान्धता फैलाकर जनता को विभाजित करने का कार्य कर रही है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
पार्टी की सचिवमंडल की बैठक में वक्ताओं ने कहा कि सरकार गरीब, अल्पसंख्यकों तथा समाज के कमजोर वर्ग को तरह तरह से उत्पीड़ित करने में लगी हुई है। इनमें गरीबों की भूमि से बेदखली तथा फुटपाथ व्यवसायियों के उत्पीड़न के साथ ही स्मार्ट सिटी के नाम पर देहरादून सहित ग्रामीण क्षेत्रों में नपाई कर जनता के बड़ी हिस्से की बेदखली की तैयारी शुरू हो चुकी है। इसी प्रकार देहरादून में बिंदाल और रिस्पना नदी के इर्दगिर्द की आबादी को जनसुविधाएं देने के बजाय इलिबैटेड रोड के नाम पर बेदखली की तैयारी की जा रही है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
मुख्य मांगे
1- बिजली, पानी का नीजिकरण तथा मूल्यवृद्धि वापस लो। प्रस्तावित बिजली के स्मार्ट मीटर की योजना वापस हो।
2- ग्रामीण क्षेत्रों में जंगली तथा घरेलू जानवरों से फसलों की सुरक्षा हो। घरेलू तथा आवारा जानवारों की रोकथाम हो।
3- श्रम कानूनों का उल्लघंन बन्द हो।
4- छूटे हुये उत्तराखंड आन्दोलनकारियों का तत्काल चिह्नीकरण हो।
5- स्मार्ट सिटी के नाम पर धन का दुरूप्रयोग बन्द हो। सहसपुर में नयी स्मार्ट सिटी के सर्वे को तत्काल बन्द किया जाये।
6- मलिन बस्तियों का नियमतीकरण हो। एलिबैटेड रोड़ के नाम पर बिन्दाल, रिस्पना की बस्तियों को उजाड़ना बन्द करो।
7-पीएसीएल के बकायादारों का भुगतान करो।
8- ऋषिकेश लालपानी बीर में कूड़ाघर निरस्त हो।
9- जनविरोधी नया वैक्लिल एक्ट वापस हो।
10- राज्य सरकार साम्प्रदायिक एवं विभाजनकारी यूसीसी विधेयक वापस ले। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
ये रहे उपस्थित
बैठक में पार्टी प्रर्वैक्षक सुरेन्द्र सिंह सजवाण, जिलासचिव राजेन्द्र पुरोहित, देहरादून सचिव अनन्त आकाश, पछवादून सचिव कमरूद्दीन, लेखराज, माला गुरूंग, किशन गुनियाल आदि ने उपस्थित थे।
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।