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October 12, 2025

आपदा पीड़ितों की समस्या को लेकर सीपीआईएम का प्रदर्शन, एलिवेटेड रोड का किया विरोध

उत्तराखंड में आपदा पीड़ितों की समस्या के साथ ही देहरादून में रिस्पना और बिंदाल नदी के ऊपर एलिवेटेड रोड के प्रस्ताव के विरोध में भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) की देहरादून ईकाई ने राज्यव्यापी प्रदर्शन के तहत देहरादून जिलाधिकारी कार्यालय के समक्ष प्रदर्शन किया। इस मौके पर जिलाधिकारी, मुख्यमंत्री, राज्यपाल तथा प्रधानमंत्री को ज्ञापन प्रेषित किया। ज्ञापन उपजिलाधिकारी मुख्यालय कुमकुम जोशी कौ सौंपा गया। उन्होंने प्रदर्शनकारियो को आवश्यक कार्यवाही का आश्वासन दिया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

प्रदर्शनकारियों ने मुआवजा वितरण में भेदभाव की शिकायत की। साथ ही पर्यावरण विरोधी एलिवेटेड रोड का प्रस्ताव निरस्त करने की मांग की। इस अवसर पर वक्ताओं ने कहा कि उत्तराखंड में 11 अगस्त से 15 और 16 सितम्बर के मध्य भारी बारिश, बाढ़, फ्लैश फ्लड और भूस्खलन से हुई भयावह तबाही हुई। इस तबाही में मारे गए लोगों के प्रति गहरा दुख प्रकट किया। सरकार से मांग की गई कि वह मृतकों के परिजनों को कम से कम 50 लाख का मुआवजा दिया जाए। साथ ही उनकी संपत्ति की क्षतिपूर्ति की जाए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

वक्ताओं ने मांग की है कि आपदा के दौरान मिसिंग लोगों को भी बर्ष 2013 केदानाथ त्रासदी के दौरान घोषित नीति के तहत उनके परिजनों को अन्य भांति मुआवजा एवं क्षतिपूर्ति दी जाए। वक्ताओं ने कहा जलवायु परिवर्तन, अनियोजित विकास और पर्यावरणीय उपेक्षा का परिणाम वर्तमान आपदा है। वक्ताओं ने कहा आपदा से आम मजदूर, किसान, महिलाएं और बच्चे सबसे अधिक प्रभावित हुए हैं। इस‌ संकट से निपटने कै लिऐ केवल सरकारों को देहरादून के स्थानीय प्रशासन कै भरोसे नहीं छोडा जाना चाहिए था, बल्कि राज्य एवं केन्द्र सरकार को इस गम्भीर समस्याओं से निपटने के लिये आगे आना चाहिए था। यह सरकारों की नीतियों और जवाबदेही का भी प्रश्न है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

वक्ताओं ने कहा है कि पहले भी प्रधानमंत्री से इस आपदा को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने का अनुरोध कर चुके हैं। केन्द्र सरकार मेहनतकश जनता के लिए तत्काल राहत, पुनर्वास और दीर्घकालिक समाधान सुनिश्चित करने की मांग कर चुके हैं। साथ ही आरोप लगाया कि स्थानीय सरकार के मत्रियों, विधायकों तथा पार्षदों मुआवजा चिह्नीकरण में भारी मनमानी कर अधिकांश वास्तविक पीड़ितों को मुआवजा मिलना तो दूर, क्षति का आंकलन तक नहीं कराया गया। आपदा पीड़ित दुखी एवं तंग हालात में हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

ये भी हैं मुख्य मांगें
-इस आपदा को राष्ट्रीय आपदा घोषित कर प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष से NDRF और PMNRF कोष से तत्काल वित्तीय सहायता और राहत प्रदान की जाए, जिसमें आम मजदूरों, किसानों और बेघर परिवारों के लिए विशेष पैकेज हो।
– प्रभावित क्षेत्रों में केन्द्रीय टीमें तैनात कर पुनर्वास, रोजगार और बुनियादी सुविधाएं सुनिश्चित की जाएं।
– जिन प्रभावितों कै मकान बह गए उनका समुचित पुनर्वास एवं कम से कम 20 लाख, मकानो में दरार वाले प्रभावितों को कम से कम 10 लाख, आंशिक क्षतिग्रस्त भवनों को पांच लाख, जलभराव एवं बाढ़ से नुकसान के प्रभावितों को दो लाख, जिनका राशन, कपड़े बर्बाद हुए उन्हें कम से कम एक लाख रुपये का मुआवजा दिया जाए। -जलवायु परिवर्तन और अनियोजित विकास की नीतियों की समीक्षा करते हुए एलिवेटेड रोड आदि पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने वाली योजनाओं पर रोक लगाते हुए जनपक्षीय योजनाओं को लागू किया जाए।
-जल प्रबंधन, वन संरक्षण और नियोजित विकास के लिए जनता केन्द्रित नीतियां लागू की जाएं, जिसमें स्थानीय समुदायों की भागीदारी हो।
-राज्य की प्रमुख सड़कें, जैसे देहरादून-मसूरी रोड, अन्य ग्रामीण सड़कें भूस्खलन के मलबे से पूरी तरह ढक गईं या धंस गईं। कई स्थानों पर सड़कों के पूरी तरह से ध्वस्त हो गए। नदियों के उफान ने कई छोटे-बड़े पुलों को क्षतिग्रस्त कर दिया या पूरी तरह से बहा दिया, जिससे लोगों का संपर्क टूट गया। बिजली के खंभे गिरे, ट्रांसफार्मर खराब हुए। पेयजल की पाइप लाइनें भी टूट गईं। जल्द सारी व्यवस्थाएं ढर्रे पर लाई जाए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

इन लोगों ने व्यक्त किए विचार
जनसभा के दौरान सीपीएम के जिलासचिव शिवप्रसाद देवली, देहरादून सचिव अनन्त आकाश, सीआईटीयू के जिला महामंत्री लेखराज, किसान सभा के प्रदेश अध्यक्ष सुरेन्द्र सिंह सजवाण, जिला महामंत्री कमरूद्दीन, महिला समिति की उपाध्य्क्ष नुरैशा अंसारी, एसएफआई के जिला महामंत्री अय्याज खान आदि ने विचार व्यक्त किए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

प्रदर्शन में शामिल लोग
इस अवसर एसएफआई के प्रदेश महामंत्री शैलेन्द्र परमार, पूर्व महामंत्री हिमांशु चौहान, सीटू उपाध्यक्ष भगवन्तं पयाल, कोषाध्यक्ष रविंद्र नौडियाल, सचिव राम सिंह भंडारी, बस्ती बचाओ आन्दोलन के विप्लव अनन्त, प्रेम गढ़िया, अल्ताफ अहमद, राजेंद्र शर्मा, आकिल, खालिद, फरीद, महिला समिति की कुसुम नौडियाल, बिन्दा मिश्रा, शबनम, सुरेशी नैगी, माला देवी, सुमित्रा रावत, प्रदीप कुमार, अभिषेक भंडारी, इस्लाम, गुमान आदि बड़ी संख्या में प्रदर्शन में शामिल थे।
(खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
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Bhanu Bangwal

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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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