भारतीय सेना को निजीकरण की ओर धकेलने के मोदी सरकार के फैसले का माकपा ने किया विरोध
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने केन्द्र की मोदी सरकार पर सेना के तीनों अंगों को निजीकरण की तरफ धकेलने का आरोप लगाया। साथ ही सरकार के फैसले की कड़े शब्दों में निन्दा की है।

उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के इस फैसले का सर्वाधिक प्रभाव हमारे राज्य पर पड़ेगा। जहाँ से हरेक परिवार से भारतीय सेना मे हैं। पहले भी मोदी सरकार आयुध निर्माणियों का निजीकरण कर काफी कुछ रोजगार हमसे छीन चुकी है। अब फौज के निजीकरण से बचाखुचा रोजगार भी चला जाऐगा। पार्टी ने कहा है कि सरकार की ओर से साजिश के तहत पिछले दो साल से आर्मी की भर्तियां रोक दी गई थी। अब आर्मी मे सिविल की तरह आऊटसोर्सिंग के आधार पर कार्य शुरू हो जाएगा। जो कि हमारी देश की सुरक्षा के साथ मोदी सरकार का सबसे बड़ा हमला है। पार्टी केंद्र सरकार के इस जनविरोधी फैसले पर व्यापक आन्दोलन कर भाजपाराज की असलियत को जनता के बीच ले जाऐगी। जब तक यह फैसला वापस नही होता पार्टी अपनी विरोध कार्यवाही करती रहेगी।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।