पुरोला में सांप्रदायिक तनाव के खिलाफ माकपा ने देहरादून में किया प्रदर्शन, राज्यपाल को भेजा ज्ञापन

उत्तरकाशी के पुरोला में साम्प्रदायिक घटना के खिलाफ और हिंसा व नफरत की राजनीति पर अंकुश लगाने की मांग को लेकर राजधानी देहरादून में मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया। इस दौरान जिला मुख्यालय में प्रभारी जिलाधिकारी के माध्यम से राज्यपाल को ज्ञापन भेजा गया है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने कहा कि आज पुरोला में साम्प्रदायिक तनाव के चलते अल्पसंख्यकों का पुरोला से पलायन हो रहा है। इसके बावजूद अल्पसंख्यकों के खिलाफ निरन्तर बयानबाजी तथा दुकानों को जबरन बन्द करवाया जा रहा है। उन्होंने राज्यपाल से हस्तक्षेप कर ऐसी घटनाओं पर रोक लगाने की मांग की है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
ये हुए प्रदर्शन में शामिल
इस अवसर पार्टी के माकपा के राज्यसचिव राजेन्द्र नेगी, जिलासचिव राजेंद्र पुरोहित, देहरादून महानगर सचिव अनन्त आकाश, पछवादून सचिव कमरूद्दीन, स्वतंत्र पत्रकार त्रिलोचन भट्ट, पूर्व जिलापंचायत अध्यक्ष शिवप्रसाद देवली, सामाजिक कार्यकर्ता गीता गैरोला, महिला मंच की निर्मला बिष्ट, महिला समिति की उपाध्यक्ष इन्दु नौडियाल, सीटू महामंत्री लेखराज, एआईएम के नईम, एडवोकेट विनोदकुमार, मौहम्मद इन्तजार मलिक, नजाकत, पीएसएम के विजय भट्ट, इन्देश नौटियाल, लक्ष्मी पंत, नुरैशा अंसारी, सैदुल्लाह, रविन्द्र नौडियाल, रामसिंह भण्डारी, यूएन बलूनी, एन एस पंवार आदि बड़ी संख्या में पार्टी कार्यकर्ता शामिल थे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

-कोई भी अपराध करे, उसके विरुद्ध कानून सम्मत कार्यवाही होनी चाहिए। लेकिन, अपराध का फैसला, किसी भी सूरत में धार्मिक आधार पर नहीं किया जाना चाहिए। धार्मिक घृणा के प्रसारक संगठनों को यह फैसला करने का अधिकार नहीं दिया जाना चाहिए।
-सत्यापन या कोई भी अन्य प्रशासनिक कार्य भी धार्मिक आधार पर न किया जाए।
-पुरोला में सामान्य स्थिति बहाल करने और निर्दोष अल्पसंखयकों की रक्षा के लिए तत्काल ठोस उपाय किए जाएं।
-किसी को भी भीड़ हिंसा और नफरत फैलाने की अनुमति न दी जाये।
-साथ ही राज्य सरकार के अतिक्रमण हटाने के अभियान को सांप्रदायिक विभाजन के औज़ार की तरह प्रयोग किया जा रहा है। उस पर भी तत्काल रोक लगाई जानी चाहिए।
-उच्चतम न्यायालय द्वारा भीड़ हिंसा रोकने के लिए राज्य एवं जिला स्तर पर नोडल अफसर नियुक्त करने के निर्देशों का तत्काल प्रभावी तौर पर अनुपालन सुनिश्चित करवाया जाये। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
ये है प्रकरण
उत्तरकाशी जिले के में पुरोला एक छोटा कस्बा है। यहां 26 मई को यहां एक नाबालिग लड़की के अपहरण की कोशिश हुई। नाबालिग को भगाने के आरोप में बिजनौर के रहने वाले हिंदू युवक जितेंद्र सैनी पुत्र अंतर सैनी और मुस्लिम युवक उवेद खान पुत्र अहमद को कुछ लोगों ने पकड़ा और पुलिस को सौंप दिया। दोनों युवकों के खिलाफ पॉक्सो एक्ट में मुकदमा दर्ज कर न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इसके बाद बात खत्म नहीं होती और इस मामले ने लव जिहाद का रूप लिया। पुरोला के साथ-साथ उत्तरकाशी जिले के छोटे बड़े कस्बों में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया। आरोपी तो हिंदू भी था, लेकिन अल्पसंख्यकों को निशाना बनाया जाने लगा। फिर सवाल ये है कि इसे लव जिहाद से कैसे जोड़ा जा सकता है। चार जून की रात को देवभूमि रक्षा संगठन ने पुरोला में मुस्लिम व्यापारियों की दुकानों के बाहर पोस्टर चिपका दिए। पोस्टर्स में 15 जून को महापंचायत का आह्वान किया गया। इसके पहले मुस्लिम व्यापारियों को दुकानें खाली करने की चेतावनी दी गई। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
नतीजा ये हुआ कि मुस्लिम व्यापारियों का पुरोला छोड़कर जाने का सिलसिला शुरू हो गया। भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के जिलाध्यक्ष जाहिद ने दुकान खाली कर दी। मंडल अध्यक्ष शकील अहमद ने भी अपनी दुकान खाली कर दी। शकील पिछले 45 वर्षों से पुरोला में रह रहे हैं। शकील ने कहा कि मकान मालिक ने दुकान खाली कराने के लिए कहा है। इसलिए दुकान खाली करनी पड़ी। पुरोला में उनका अपना मकान है, इसलिए अधिकांश सामान घर पर रख दिया है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इसके अलावा तीन दुकानों को खाली करने के लिए मकान मालिक ने नोटिस दिए हैं। इस घटना के बाद से मुस्लिम व्यापारियों की एक भी दुकान अभी तक नहीं खुली है। बीते दिनों में 14 मुस्लिम व्यापारियों ने दुकानें खाली की हैं। इनमें 12 व्यापारियों ने पुरोला पूरी तरह से छोड़ दिया है, जबकि दुकान छोड़ने वाले दो व्यापारी पुरोला में अपने मकान पर रह रहे हैं। पुरोला में ग्राम पंचायत संगठनों की ओर से 15 जून को महापंचायत का आह्वान किया गया है। वहीं, राजधानी दून में कुछ संगठनों ने संविधान बचाओ और लोकतंत्र बचाओ की मुहिम के तहत आंदोलन का आह्वान किया है।
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।