अगस्त में ही आएगी कोरोना की तीसरी लहर, दूसरी की अपेक्षा होगी धीमी, सावधानी जरूरी, चिंता जताने वाले जुटा रहे भीड़
अब कोरोना की तीसरी लहर जल्द आने की संभावना व्यक्त की जा रही है। पहले इसके अक्टूबर और नवंबर माह के बीच आने की संभावना जताई गई थी, अब चिकित्सा विशेषज्ञों का मानना है कि तीसरी लहर अगस्त माह में ही आ आ जाएगी।
आयोजन में भीड़ जुटना चिंताजनक
जिस तरह के राजनीतिक, धार्मिक आयोजनों में भीड़ जुट रही है। उससे तय होने लगा है कि अब कोरोना की तीसरी लहर बहुत दूर नहीं है। पीएम मोदी पर्यटकों और अन्य स्थलों में भीड़ जमा होने पर चिंता जता चुके हैं, इसके उलट वह बनाकर में सभा आयोजित कर चुके हैं। ऐसे सभी आयोजनों में कहा जाता है कि हमने कोरोना के नियमों का पालन किया, जबकि ऐसे आयोजनों में लोग मास्क तक मुंह के नीचे लटकाते नजर आते हैं। अब जब पीएम ही भीड़ में जाने का मोह नहीं छोड़ सकते को आम व्यक्ति से फिर नियमों का पालन करने की उम्मीद जताना बेमानी होगा।
चिंता जताने वाले ही जुटा रहे भीड़
पीएम मोदी 15 जुलाई को वाराणसी गए। वहां उन्होंने करोड़ों की परियोजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन किया। कई ऐसी योजनाएं थी, जिनका अभी तक पार्षद या विधायक उद्घाटन करते थे। चर्चाएं होने लगी कि जब पीएम ही उद्घाटन करेंगे तो स्थानीय जनप्रतिनिधियों का क्या होगा। ऐसे कार्यक्रमों में भीड़ न जुटने की बात कहना भी गलत होगा। जब भीड़ जुटती है तो नियम भी हवा होना लाजमी है।
हवा हो रहे हैं नियम और कानून
ऐसे ही पर्यटक स्थलों में भी भीड़ जुट रही है। वहां तो नियम और भी हवा हो रहे हैं। ऐसी स्थिति में अब भारत में कोरोनावायरस की तीसरी लहर को लेकर तरह-तरह के कयास लगाए जा रहे हैं। कई राज्य सरकारें इससे निपटने के लिए तैयारियां शुरू कर चुकी हैं। हालांकि कोरोना हर बार अपना स्वरूप बदलता है और नई चुनौती खड़ी कर रहा है।
आइसीएमआर ने चेताया
एनडीटीवी से बातचीत में भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) में महामारी विज्ञान और संक्रामक रोगों के प्रमुख डॉक्टर समीरन पांडा ने कहा कि कोविड-19 की तीसरी लहर अगस्त के अंत में आने की संभावना है, लेकिन यह दूसरी लहर की तरह तीव्र नहीं होगी। उन्होंने कहा कि कोरोना मामलों में बढ़ोतरी की गंभीरता को कम करना, सीधे तौर पर सुपर स्प्रेडर इवेंट को रोकने से जुड़ा है।
आइएमए भी दे चुका है चेतावनी
वहीं, आइएमए ने सोमवार को एक प्रेस रिलीज जारी करते हुए कहा था कि वैश्विक तौर पर सबूत होने और किसी भी महामारी के इतिहास के साथ, तीसरी लहर अपरिहार्य और आसन्न है। हालांकि, यह भी चिंताजनक है कि देश के कई हिस्सों में सरकार और जनता दोनों ही आत्मसंतुष्ट हैं और लोग कोविड प्रोटोकॉल का पालन किए बिना सामूहिक तौर पर इकट्ठा होने में जुटे हुए हैं। उधर, सरकार ने कहा है कि लोग कोरोना की दूसरी लहर के बारे में भविष्यवाणियों को मौसम की भविष्यवाणियों के रूप में गंभीरता से ले रहे हैं।
तीसरी लहर के मुहाने में खड़ा है भारत
वहीं, विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रमुख टेडरोस अधानोम घेब्रेसस ने भी चेतावनी देते हुए कहा कि विश्व कोरोना के डेल्टा वेरिएंट की वजह से तीसरी लहर के मुहाने पर खड़ा है। उन्होंने बताया कि डेल्टा वेरिएंट तेजी से फैल रहा है, जिसके चलते संक्रमण के मामलों के साथ मौतों में भी इजाफा हो रहा है। डेल्टा वेरिएंट 104 देशों तक पहुंच गया है। जल्द दुनियाभर में हावी हो सकता है।
सुरक्षा का ध्यान नहीं रख रहे लोग हो रहे संक्रमित
कोविड का डेल्टा वेरिएंट अब तक 111 से ज्यादा देशों में पाया जा चुका है। माना जाता है कि इसका पहला मामला भारत में सामने आया था। देश में कोरोना की दूसरी के लिए भी इसी वेरिएंट को जिम्मेदार माना जाता है। WHO प्रमुख ने कहा कि हम मान रहे हैं कि यह जल्द ही दुनियाभर में फैलने वाला प्रमुख कोविड-19 स्ट्रेन होगा।
उन्होंने चेतावनी देते हुए उन्होंने बताया है कि डेल्टा वेरिएंट ज्यादा वैक्सीनेशन कवरेज वाली जगहों पर फैल रहा है। ये वेरिएंट खासतौर पर उन लोगों में फैल रहा है जिन्होंने वैक्सीनेशन नहीं लगवाई हो, सुरक्षा का ध्यान नहीं रख रहे लोगों को संक्रमित कर रहा है। वहीं, जिन देशों में वैक्सीनेशन की दर बेहद कम है, वहां हालात और भी खराब हैं। उन्होंने बताया है कि डेल्टा वेरिएंट अधिक खतरनाक है, इससे ज्यादा सावधानी की जरूरत है।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।