दस मीटर हवा में तैर सकते हैं कोरोना के एयरोसोल्स, सरकार ने जारी की नई एडवाइजरी, सिर्फ ऐसे बच सकते हैं संक्रमण से

कोरोनावायरस के एयरोसोल्स हवा में 10 मीटर तक तैर सकते है। भारत सरकार ने कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में अपनी एक नई ‘ईजी टू फॉलो’ एडवाइजरी जारी की है। इसमें इस नई जानकारी का खुलासा किया गया है। इसमें कहा गया है कि कोरोनावायरस के संक्रमण मुख्य तौर पर लार और नाक के जरिए होता है, जिसमें वायरस संक्रमित मरीज से ड्रॉपलेट्स और एयरोसोल्स के जरिये दूसरों तक पहुंचता है। एक संक्रमित मरीज के लार या नाक से दो मीटर दूर तक ड्रॉपलेट्स गिरते हैं, लेकिन छोटे एयरोसोल के कण 10 मीटर तक हवा में फैल सकते हैं।
केंद्र सरकार के प्रमुख वैज्ञानिक सलाहकार के विजय राघवन के कार्यालय की ओर से जारी इस एडवाइजरी में कहा गया है कि कोरोनावायरस से लड़ने के लिए फेस मास्क पहनने, सोशल डिस्टेंसिंग, साफ-सफाई और जरूरी वेंटिलेशन अभी भी प्रभावी तरीके हैं। एडवाइजरी में कहा गया है कि भारत में महामारी के मामले बढ़े हैं। ऐसे में हमें फिर से याद करना होगा कि SARS-CoV-2 के संक्रमण को रोकने के लिए आसान तरीके इन्हें कम करने में मदद कर सकते हैं।
सामाजिक संगठनों को सलाह
सामाजिक संगठनों के लोगों को लोकसाक्ष्य की ओर से सलाह है कि सेवा कार्य तो करें, लेकिन कोरोना नियमों के अनुशासन को न तोड़ें। अभी भी उत्तराखंड के कई इलाकों से ऐसी फोटो आ रही हैं, जिसमें लोगों की मदद के दौरान न तो शारीरिक दूरी का ख्याल रखा जा रहा है। ना ही कई लोग नाक व मुंह को मास्क से सही तरीके से नहीं ढक रहे हैं।
ऐसे में उनकी समाज सेवा भी शून्य हो रही है और वे कोरोना रोधी होने की बजाय कोरोना के संवाहक बन रहे हैं। कम से कम पहले जिसे मदद करनी है, उसको सही तरीके से मास्क लगाना सिखाएं। फिर उसकी मदद करें। यदि ऐसे मौके पर सामने वाले के पास मास्क न हो तो सबसे पहले उसे मास्क ही दिया जाए। साथ ही ध्यान रहे कि फोटो खिंचवाने के चक्कर में मास्क न उतारें।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।
10 मीटर तक जाएगा, माने 33 फुट । एक मकान से दूसरे मकान तक । ये तो खतरनाक मामला बनता है । सच नहीं लगता
इन्होंने जाना कैसे, इसका खुलासा करें । कौन सी प्रयोगशाला में या कौन से स्थान पर ये प्रयोग किसने और कब किया । इसका आधार क्या है ? जिसके जो समझ आया/मन में आया , कर दी आकाशवाणी । यह समाज को भयग्रस्त करने की साजिशन राजनीति है ।
Dust particles or any suspended particulste matter-SPM / pollen grain /fibre particles can become a carrier for corona virus. Depending on wind speed it can travel few kilometers within hours and can survive for more than few hours.