कोरोना वारियर्स को पूर्व विधायक राजकुमार और महानगर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष लालचंद शर्मा ने दिया समर्थन

उत्तराखंड के समस्त कोरोना वारियर्स कर्मचारियों को समायोजित करने की मांग को लेकर कर्मचारी लगातार धरना स्थल पर धरने पर बैठे है। हालात ये है कि सरकार सुनने का नाम नहीं ले रही है। कोरोना की पहली और दूसरी लहर के दौरान इन लोगों ने जान जोखिम में डालकर सेवाएं दी। वहीं, अब इनकी सेवाएं समाप्त कर दी गईं। ऐसे में देहरादून में राजपुर विधानसभा क्षेत्र के पूर्व विधायक राजकुमार, देहरादून महानगर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष लालचन्द शर्मा ने कोरोना वारियर्स के धरनास्थल में जाकर उन्हें समर्थन की घोषणा की। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
देहरादून में सहस्त्रधारा रोड स्थित एकता विहार स्थित धरना स्थल पर कोविड 19 फ्रटलाइन कर्मचारियों का समायोजन की मांग को लेकर धरना प्रदर्शन निरंतर जारी है। वह सरकार से लगातार अनुरोध कर रहे है, लेकिन उनकी मांगों को अनसुना किया जा रहा है। धरनास्थल पर पहुंचे पूर्व विधायक राजकुमार ने कहा कि इस मामले को पूर्व नेता प्रतिपक्ष व चकराता विधायक प्रीतम सिंह के माध्यम से विधानसभा में उठाया जाएगा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने कहा कि निश्चित रूप से कर्मचारियों को उनका हक दिलाने का हरसंभव प्रयास किया जायेगा। इस अवसर पर कांग्रेस के पूर्व महानगर अध्यक्ष लालचन्द शर्मा ने कहा कि लगातार आंदोलन करने के बावजूद सरकार व विभाग इन कर्मचारियों के मनोबल को तोड़ रही है। इसे किसी भी दशा में सहन नहीं किया जायेगा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार व विभाग को तत्काल इन कर्मचारियों को बहाल करना चाहिए। अन्यथा कांग्रेस सड़कों पर उतरकर आंदोलन करेगी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इस अवसर पर धरने पर बैठे कर्मचारी राजेन्द्र कुमार ने कहा कि उत्तराखंड सरकार द्वारा आउटसोर्स के माध्यम से रखे गए कोविड-19 कोरोना वॉरियर्स से वर्ष 2020 से 31 मार्च 2022 तक कोविड वैश्विक महामारी में कार्य लिया गया। तदोपरान्त उत्तराखंड में कोविड-19 कर्मचारियों की सेवा समाप्त कर दी गई। उन्होंने कहा कि उसके उपरान्त माह अप्रैल से उत्तराखंड के समस्त कोविड-19 कर्मचारियों की ओर से एकता विहार देहरादून में छह माह का धरना प्रदर्शन किया गया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने कहा कि जिसके उपरान्त मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा उत्तराखण्ड कोविड-19 कर्मचारियों कोरोना वॉरियर्स के लिए एक समिति का गठन स्वास्थ्य मंत्री की अध्यक्षता में किया गया। इसमें कृषि मंत्री सुबोध उनियाल एवं पशुपालन मंत्री सौरव बहुगुणा को कमेटी का सदस्य बनाया गया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने कहा कि कमेटी द्वारा आउटसोर्स के माध्यम से रखे गए कोविड-19 कर्मचारियों को छह माह का सेवा विस्तार उपनल, टी एण्ड एमटीडीएस, पीआरडी आउटसोर्स के माध्यम से दिया गया। छह माह के अंदर उत्तराखण्ड के समस्त कोविड-19 कर्मचारियों को समायोजित कर नियुक्ति प्रदान करने का आश्वासन दिया। कमेटी के गठन के बाद भी कोविड-19 कर्मचारियों की सेवा 14 मार्च 2023 को समाप्त कर दी गई। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने कहा कि कोरोना वैश्विक महामारी में उत्तराखण्ड राज्य के 13 जिलों में 1662 कर्मचारियों की आउटसोर्स के माध्यम से नियुक्ति हुई थी, जबकि 13 जनपदों के कोविड कर्मचारियों का भविष्य अंधकार में लटका हुआ है। उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में कोविड कर्मचारियों की संख्या 700 के लगभग रह गयी हैं। जो कि आज तक बेरोजगारी का दंश झेल रहे हैं। उन्होंने बताया कि कई बार कोविड-19 कर्मचारियों द्वारा मुख्यमंत्री व स्वास्थ्य मंत्री को ज्ञापन दिए गए हैं। स्वास्थ्य मंत्री के द्वारा माह से कोविड-19 कर्मचारियों को समायोजन करने का झूठा आश्वासन दिया जा रहा है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने कहा कि काफी लम्बे समय उपरांत भी कोविड कर्मचारियों का समायोजन न होने पर उत्तराखण्ड कोविड-19 कर्मचारी संगठन द्वारा स्वास्थ्य सचिव, स्वास्थ्य महानिदेशक कार्यालय देहरादून में जाकर सम्पर्क किया गया। वहां उन्हें यह जानकारी प्राप्त हुई कि कोविड कर्मचारियों के विषय में कोई सूचना उनके पास उपलब्ध नहीं है। उक्त विषय के लिए स्वास्थ्य मंत्री से सम्पर्क करने को कहा गया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने बताया कि उत्तराखण्ड कोविड-19 कर्मचारियों का स्वास्थ्य मंत्री के द्वारा दिये गये आश्वासन को पूर्ण करते हुए सभी कोविड कर्मचारियों को स्वास्थ्य विमाग में समायोजित करते हुए नियुक्ति प्रदान की जाए। अन्यथा आंदोलन को व्यापक स्तर पर चलाया जायेगा।
नोटः सच का साथ देने में हमारा साथी बनिए। यदि आप लोकसाक्ष्य की खबरों को नियमित रूप से पढ़ना चाहते हैं तो नीचे दिए गए आप्शन से हमारे फेसबुक पेज या व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ सकते हैं, बस आपको एक क्लिक करना है। यदि खबर अच्छी लगे तो आप फेसबुक या व्हाट्सएप में शेयर भी कर सकते हो।

लोकसाक्ष्य पोर्टल पाठकों के सहयोग से चलाया जा रहा है। इसमें लेख, रचनाएं आमंत्रित हैं। शर्त है कि आपकी भेजी सामग्री पहले किसी सोशल मीडिया में न लगी हो। आप विज्ञापन व अन्य आर्थिक सहयोग भी कर सकते हैं।
भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।