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July 4, 2025

सिर्फ 15 सेकंड में होगा कोरोना टेस्ट, आरटी-पीसीआर जितना विश्वसनीय, कीमत भी होगी कम

अब कोरोना टेस्ट और आसान होने जा रहा है। महज 15 से 20 सेकेंट में सैंपल लेने के साथ ही इसका रीजल्ट सामने आ जाएगा। इजरायल की इस तकनीक का नाम स्पेक्ट्रालिट है।

अब कोरोना टेस्ट और आसान होने जा रहा है। महज 15 से 20 सेकेंट में सैंपल लेने के साथ ही इसका रीजल्ट सामने आ जाएगा। इजरायल की इस तकनीक का नाम स्पेक्ट्रालिट है। ऐसा दावा किया जा रहा है कि पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर भारत में ये टेस्ट 15 अगस्त से अलग-अलग जगहों पर होगा। थोड़ा सा सलाइन वाटर और कुछ वक्त तक गरारे करने के बाद इसे कंटेनर डाला जाता है। फिर इसका 2 एमएल हिस्सा एक ट्यूब में भरकर इस डिवाइस में रखा जाता है। इकके बाद आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के जरिए कोरोना का परिणाम महज 15-20 सेकंड के भीतर कंप्यूटर के स्क्रीन पर आ जाएगा।
इस इंस्टेंट कोविड टेस्ट तकनीक वाली इजरायली कंपनी के साथ भारत के मेडीसर्किल ने टाई अप किया है। मेडीसर्किल के को-फाउंडर डॉक्टर रजित शाह बताते हैं कि क्यूबेट के अंदर उस सैंपल को भर देते हैं। क्यूबेट ट्रांसपेरेंट डिवाइस है। उसमे सैंपल डाला फिर मशीन के अंदर डालकर लैपटॉप पर टेस्ट को रन किया जाता है। टेस्ट रन के दौरान फोटो spectrametry लाइट निकलती है जो सैंपल को स्कैन करती है। इस स्कैनिंग के बेसिस पर पता चलता है सैंपल पॉजिटिव है या नेगेटिव हैं।
स्पेक्ट्रा लिट टेस्ट के लिए महज दो लोगों की जरूरत होती है। एक सैंपल लेने वाला और दूसरा लैपटॉप सिस्टम को कमांड देने वाला। इस टेस्ट को यूरोपियन सीई IVD की मान्यता है। यानी देश में आईसीएमआर से अप्रूवल की कोई जरूरत नहीं। इसकी कीमत 500 रुपये से कम होगी। खास बात यह है कि इसमें री एजेंट की जरूरत नहीं। इसकी सेंसिटिविटी 95 फीसद और स्पेसिफिसीटी 93 फीसगद है। ये टेस्ट आरटी पीसीआर के बराबर है।
नीति आयोग में इस टेस्‍ट का डेमो किया जा चुका है। अब तैयारी नागरिक उड्डयन मंत्रालय, गृह मंत्रालय और डीआरडीओ के सामने इसके डेमो की है। ईज ऑफ डूइंग बिजनेसेस के निदेशक अभिजीत सिन्हा के मुताबिक यह वेरिएंट को डिटेक्ट कर सकता है। चाहे कोई भी वेरिएंट हो। यूरोप के 120 एयरपोर्ट पर इसके जरिये टेस्टिंग हो रही है। कोई दूसरा वेरिएंट डिटेक्ट हुआ है तो डिटेल आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के जरिए सर्वर पर जाती है। रिजल्ट पूरे प्रोसेस का 15 सेकंड का है।

Bhanu Bangwal

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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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