11 माह में तीन बार महिला चिकित्सक हुई कोरोना संक्रमित, दो डोज के बाद हुआ दो बार, तीसरा हमला ज्यादा खतरनाक, कहीं नया स्ट्रेन तो नहीं
कोरोनावायरस अपना स्वरूप बदल रहा है। साथ ही स्वास्थ्य विशेषज्ञों के समक्ष हर बार नई चुनौती खड़ी कर रहा है। टीकाकरण के बाद भी लोग संक्रमित हो रहे हैं। हालांकि ऐसे मामले कम ही देखे गए कि टीकाकरण के बाद संक्रमित होने पर अस्पताल में भर्ती होने की नौबत आई हो। अबकी बार ऐसा मामला सामने आया कि तीसरी बार संक्रमित होने पर तबीयत ज्यादा खराब हुई। चौंकाने वाली खबर ये आई कि 11 माह की अवधिक में एक चिकित्सक तीन बार कोरोना से संक्रमित हो चुकी हैं। कोरोना टीके की दो डोज लेने के बाद वह दो बार संक्रमित हुईं। अब चिकित्सा विशेषज्ञों के लिए ये शोध का विषय बन गया है। इसकी भी जांच की जा रही है कि कहीं ये कोरोना का नया स्ट्रेन तो नहीं है।
ऐसा वाक्या महाराष्ट्र के महानगर मुंबई का है। यहां 26 साल की एक डॉक्टर को 11 महीने में तीन बार कोरोना हुआ। इस डॉक्टर की मां, पिता और भाई भी वैक्सीन की दोनों डोज के बाद जुलाई में पहली बार कोविड पॉजिटिव हुए और पूरा परिवार अस्पताल में भर्ती हुआ। डॉक्टर और उनके भाई के स्वॉब की जीनोम एनालिसिस चल रही है। ये पता लगाया जा रहा है कि कहीं ये वायरस का कोई नया स्ट्रेन तो नहीं?
26 साल की डॉक्टर शृष्टि हलारी बीते 11 महीनों में एक या दो नहीं बल्कि तीन बार कोविड पॉज़िटिव हुई हैं। इसमें भी हैरानी की बात ये है कि वैक्सीन की दोनो डोज लेने के बाद शृष्टि दो बार कोविड पॉजिटिव हुईं।
सिर्फ़ डॉ शृष्टि ही नहीं, इनका पूरा परिवार, माता-पिता और भाई भी अप्रैल में वैक्सीन की दोनों डोज लेने के बाद जुलाई में कोविड पॉजिटिव हुए थे।
मुलुंड के वीर सावरकर अस्पताल में कोविड ड्यूटी पर तैनात डॉ शृष्टि हलारी को 17 जून 2020 को पहली बार कोरोना हुआ, लेकिन बेहद कम लक्षण थे। कोविशील्ड टीके की पहली डोज उन्होंने 8 मार्च 2021 को ली और दूसरी डोज 29 अप्रैल को। पूरा परिवार साथ में वैक्सीनेट हुआ। इसके रीब एक महीने बाद 29 मई को डॉ शृष्टि दूसरी बार कोविड पॉजिटिव हुईं। उनमें लक्षण थे, लेकिन घर पर ही ठीक हुईं। मामला यही नहीं खत्म नहीं होता। करीब सवा महीने बाद 11 जुलाई को फिर डॉक्टर शृष्टि (तीसरी बार) कोविड पॉजिटिव हुईं। इस बार टेस्ट में पूरे परिवार के लोगों में मां, पिता और भाई भी पॉजिटिव निकले। सभी को अस्पताल में भर्ती होना पड़ा और रेमडेसिविर की भी जरूरत पड़ी।
यह मामला इसलिए भी चौंकाता है क्योंकि डॉक्टर शृष्टि में वैक्सीन के बाद अच्छी एंटीबॉडी बनी थी। इनके पिता भी डॉक्टर हैं। पूरे परिवार को कोई न कोई बीमारी है। इसके बाद भी वे तीन बार कोरोना पॉजिटिव हुईं। डॉक्टर शृष्टि बताती हैं कि तीसरी बार मुझे ज़्यादा तकलीफ हुई। मैं और मेरा पूरा परिवार अस्पताल में भर्ती हुए। रेमडेसिविर की जरूरत पड़ी। मेरे भाई और मां को डायबटीज है। मेरे पिता को हायपरटेंशन और कोलेस्ट्रॉल है। मुझे कोई कोमॉर्बिडिटी नहीं है। मेरे भाई को सांस लेने में तकलीफ हुई। इसलिए दो दिन ऑक्सीजन पर रखा गया था।
उन्होंने बताया कि मैंने अपना एंटीबॉडी टेस्ट भी करवाया था। 600 एंटीबॉडी थी यानी वैक्सीन ने अच्छा काम दिखाया। शायद ये कोई नया स्ट्रेन है। मुंबई के कई अस्पताल और डॉक्टर बताते हैं कि टीके के दोनों डोज के बाद भी लगभग हर एज ग्रुप में संक्रमण तो दिखा है पर ऐसे मरीज जल्द रिकवर करते हैं।
Bhanu Bangwal
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।